2 May 2022 | 1 min Read
Vinita Pangeni
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वीनिंग बच्चे के विकास के लिए महत्वपूर्ण माइलस्टोन है। इसके लिए सही तरीके को अपनाने और बच्चे को प्रोत्साहित करने की जरूरत होती है। इसलिए यहां आज हम वीनिंग को आसान बनाने के तरीके पर चर्चा करेंगे। इन तरीकों से पहले हम सरल शब्दों में बताएंगे वीनिंग क्या है और क्या बच्चे वीनिंग का संकेत भी देते हैं। चलिए, तो बिना देरी के आगे बढ़ते हैं।
छोटे बच्चे का धीरे-धीरे माँ का दूध छुड़ाना और उसे ठोस आहार देने की प्रक्रिया को वीनिंग (What is Weaning in Hindi) कहते हैं। इस दौरान बच्चे के पोषण के लिए अन्य स्रोतों को उसकी डाइट में शामिल किया जाता है। वीनिंग यानी बच्चे का दूध छुड़ाना और अनाज यानि ठोस खाद्य पदार्थ खिलाना शुरू करना।
कुछ बच्चे माँ का दूध छोड़ना ही नहीं चाहते, क्योंकि वो उसी में खुश और संतुष्ट रहते हैं। लेकिन कुछ बच्चे माँ को संकेत देते हैं कि वो दूध छुड़ाने की प्रक्रिया के लिए तैयार हैं। क्या हैं वो संकते आइए जानते हैं –
नोट – अगर शिशु छह महीने से पहले ये संकेत दिखाता है, तो डॉक्टर से तुरंत संपर्क करें। इससे शिशु दूध पीने में क्यों आनाकानी करता है, यह समझने में मदद मिलेगी।
बच्चे का रूझान दूध से ठोस खाद्य पदार्थ की तरफ लेकर जाना इतना आसान नहीं है। ऐसे में वीनिंग (weaning in hindi) को आसान बनाने के लिए (How to Make Weaning Easier in Hindi) आप इन टिप्स को अपना सकती हैं।
कई बार माँ जल्दबाजी करती हैं। वीनिंग की प्रक्रिया जल्दबाजी नहीं, समझ और सूझबूझ की है। इसलिए इसे समय पर ही शुरू करें, ताकि धीरे-धीरे बच्चे का दूध छुड़वाने के साथ ही उसमें पौष्टिक आहार की आदत डाली जाए। छह महीने के बाद बच्चे में कप व चम्मच से पानी पीने की आदत डालें। फिर इसी तरह से जूस और मसले हुए आहार व गाय का दूध। इस तरह से बच्चे में कटोरी, चम्मच जैसे विभिन्न बर्तन से खाने की आदत होने लगेगी और बच्चा दूध पीना समय रहते छोड़ देगा।
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