2 Aug 2022 | 1 min Read
Vinita Pangeni
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Medically reviewed by
Dr Pooja Marathe
प्रसव के बाद महिला की जिम्मेदारियां और बढ़ जाती हैं। दूसरे रिश्तों के साथ ही उन्हें एक माँ होने का उत्तरदायित्व निभाना होता है। इस दौरान सबसे बड़ी जिम्मेदारी होती है शिशु को स्तनपान कराना। ऐसे में अगर स्तनपान के दौरान दर्द होने लगे, तो माँ के मन में गिल्ट घर कर जाता है। परेशान मत होइए, हर महिला के स्तन में ब्रेस्टफीड के दौरान कभी-न-कभी दर्द जरूर होता है। आगे इसी के संबंध में हम अधिक जानकारी दे रहे हैं।
हां, नई माँ को अपने शिशु को स्तनपान कराते समय दर्द का एहसास हो सकता है। हालांकि, धीरे-धीरे यह दर्द कम होने लगता है। लेकिन सही तरीके से शिशु को स्तनपान न कराया जाए, तो भी माँ को स्तनपान के दौरान दर्द हो सकता है। इसके अलावा, स्तनों में दूध भरने से भी दर्द का एहसास होता है, जो शिशु को स्तनपान कराने के बाद ठीक हो जाता है। दूध पिलाते समय माँ के स्तनों में वक्त-वक्त पर दर्द हो सकता है।
लैक्टेशन और न्यूट्रिशन एक्सपर्ट, डॉक्टर पूजा मराठे ने बताया, “स्तन या निप्पल में ऐसा दर्द, जो चुभन, जलन या सुइयों-सा महसूस होता है, वह वैसोस्पास्म का परिणाम हो सकता है। वैसोस्पास्म में रक्त कोशिकाओं का संकुचन किसी विशेष क्षेत्र में रक्त प्रवाह को कम कर देता है। इससे निप्पल सफेद, नीले या लाल हो सकते हैं और इनमें दर्द महसूस होता है।”
आगे विस्तार से जानिए ब्रेस्टफीड कराते समय स्तनों में दर्द के अन्य कारण क्या हैं।
ब्रेस्टफीड के समय स्तनों में दर्द का सबसे पहला कारण बेबी का सही से दूध लैच न कर पाना यानी सही से दूध न खींच पाना होता है। एनसीबीआई में प्रकाशित एक शोध में लिखा है कि कुछ महिलाओं को स्तनों से दूध पूरी तरह से न निकलने के कारण दर्द होता है। इसके अलावा, निप्पल के संवेदनशील होने व उसमें दर्द बने रहने के कारण ब्रेस्टफीड के समय स्तनों में दर्द हो सकता है।
स्तनों से दूध का पूरी तरह से खाली न होना (Engorgement) शिशु के जन्म से लेकर किसी भी समय हो सकता है। इस दौरान स्तन दूध और ऊतक द्रव (Tissue fluid) से भर जाते हैं। इसके चलते दूध ठीक से नहीं निकलता और त्वचा टाइट हो जाती है खासकर कि निप्पल। इसी वजह से बच्चा सही से दूध लैच नहीं कर पाता और स्तन की त्वचा लाल दिखने लगती है और कभी-कभी महिला को बुखार भी आ जाता है।
नई माँ इस परेशानी से जरूर जूझती हैं। उन्हें ब्रेस्टफीड कराने की सही पोजीशन समझ नहीं आती। जब बच्चा और माँ की स्थिति ठीक नहीं होगी, तो स्तनपान के समय दर्द होता है। 90 डिग्री के एंगल में बच्चे का मुंह रखकर एक आरामदायक अवस्था में बैठने के बाद ही शिशु को ब्रेस्टफीड कराएं।
स्तनों में सही मात्रा में दूध नहीं उतरने के चलते भी स्तनपान के समय दर्द हो सकता है। दरअसल, शिशु अपनी भूख मिटाने के लिए निप्पल से दूध लैच करने की कोशिश लगातार करता है। अगर निप्पल में दूध ही नहीं होगा, तो दर्द शुरू हो जाएगा। कई बार बच्चे दूध न निकलने के कारण निप्पल पर दांत से काट भी देते हैं।
इसके अलावा, प्रसव के शुरुआती दो दिनों में स्तनों में पर्याप्त दूध नहीं होता, जिसके चलते माँ बच्चे को दूध नहीं पिलाती हैं। इस कारण दूध इकट्ठा होकर स्तन सख्त हो जाते हैं और दर्द करने लगते हैं।
शिशु के मुंह में या आपके निप्पल में थ्रश जैसा संक्रमण हो जाए, तो भी स्तनपान के दौरान दर्द हो सकता है। बताया जाता है कि शिशु द्वारा अगर कोई एंटीबायोटिक दवाएं ली जा रही हैं, तो इस संक्रमण का खतरा बढ़ सकता है।
यह ऐसी स्थिति है, जिसमें स्तनों से दूध सही से बाहर नहीं आ पाता है। इसके चलते ब्रेस्ट में सूजन होने लगती है और मिल्क डक्ट भरकर ब्लॉक हो जाते हैं। ऐसी स्थिति में जब महिला बच्चे को स्तनपान कराती है, तो दर्द हो सकता है। आप गर्म पानी की सिकाई करके स्थिति को काबू में कर सकते हैं। साथ ही ब्रेस्ट पंप का उपयोग भी कर सकते हैं।
स्तनों में अगर सामान्य मात्रा के मुकाबले अधिक दूध उतर रहा है, तो भी स्तनपान के दौरान दर्द हो सकता है। इसके लिए बच्चे को ठीक से स्तनपान कराएं और बाकि के दूध को ब्रेस्ट पंप से निकाल लें। इससे स्तनों का भारीपन खत्म हो जाएगा और जब बच्चा स्तनपान करेगा, तब दर्द नहीं होगा।
अब जब भी स्तनों पर ब्रेस्टफीड के दौरान दर्द हो, तो इस लेख को जरूर पढ़ें। यहां विस्तार से एक्सपर्ट की राय लेते हुए इस विषय से संबंधित जानकारी दी गई है।
चित्र स्रोत – Pexels
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