5 May 2022 | 1 min Read
Ankita Mishra
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अक्सर ऐसा देखा जाता है कि नवजात शिशु दूध पीने के तुरंत बाद उल्टी कर देते हैं। इसे मेडिकल टर्म में शिशुओं में रिफ्लक्स या दूध उलटना भी कहा जाता है। ऐसे में बच्चे का दूध उलटना कितना सामान्य या गंभीर हो सकता है, इसे लेकर हर पेरेंट्स चिंता में पड़ जाते हैं। यही खास वजह है कि बेबीचक्रा के इस लेख में हम शिशुओं में रिफ्लक्स या दूध उलटना क्या है, इसकी जानकारी दे रहे हैं।
जिस तरह वयस्कों में जीईआरडी, गैस, सीने में जलन व अपच से जुड़ी अन्य समस्याएं देखी जा सकती हैं, ठीक उसी तरह छोटे बच्चों में भी एसिड रिफ्लक्स (Acid Reflux in Babies) की समस्या देखी जा सकती है। इसे गैस्ट्रोओसोफेगल रिफ्लक्स (Gastroesophageal Reflux) भी कहते हैं। ऐसा होने पर खाने के बाद खाद्य सामग्री पेट की नली से वापस आ जाती है और उल्टी जैसे लक्षण नजर आने लगते हैं।
आमतौर पर, वयस्कों की ही तरह शिशुओं में भी गैस्ट्रोएसोफेगल रिफ्लक्स हानिकारक हो सकता है। हालांकि, यह पाचन से जुड़ी समस्या को बढ़ा सकता है, जो सही आहार के जरिए आसानी से अपने-आप ठीक भी हो सकता है। इसलिए शिशुओं में दूध उलटने की वजह गंभीर नहीं मानी जा सकती है।
वहीं, अगर बच्चे में यही समस्या हफ्ते भर से अधिक समय तक बनी रहती हैं, तो ऐसी स्थिति में डॉक्टरी उपचार जरूरी होता है
छोटे शिशुओं में एसिड रिफ्लक्स के कारण निम्नलिखित हो सकते हैं, जिनमें शामिल हैंः
शिशुओं में दूध उलटना के लक्षण निम्नलिखित हो सकते हैं, जैसेः
इसके अलावा, अगर नीचे बताए निम्न में से कोई भी लक्षण बच्चे में दिखाई देते हैं, तो ऐसी स्थिति में तुंरत डॉक्टर से संपर्क करेंः
आमतौर पर जन्म के शुरुआती हफ्तों में शिशुओं में रिफ्लक्स (दूध उलटना) की समस्या सामान्य हो सकती है, ऐसे विकसित हो रहे पाचन तंत्र के कारण हो सकता है। इसके अलावा, कुछ अगर बच्चे को नीचे बताई गई समस्याएं हैं, तो उसे रिफ्लक्स होने का जोखिम अधिक हो सकता है, जैसेः
शिशुओं में जीईआरडी (रिफ्लक्स / स्पिट अप) का निदान (Diagnosis of Acid Reflux in Infants) करने के निम्नलिखित तरीके हो सकते हैंः
अधिकतर मामलों में बच्चे जैसे-जैसे 12 से 14 महीने के होते हैं उनमें दूध उलटने की वजह अपने आप दूर हो जाती है, इसके लिए किसी उपचार की आवश्यकता नहीं हो सकती है। हालांकि, अगर बच्चे का दूध पलटना या स्पिट अप की समस्या गंभीर हो गई है, तो ऐसी स्थिति में शिशुओं में रिफ्लक्स (दूध उलटना) होने का इलाज (Treatment for Acid Reflux / Milk Spitting in Infants) निम्नलिखित तरीकों से किया जा सकता है, जैसे-
शिशुओं में रिफ्लक्स (दूध पलटना) होने पर उन्हें स्तनपान कैसे कराएं (How to Breastfeed Babies When They Have Reflux (Milk Spitting), इस बारे में हमनें मैटरनल केयर और चाइल्ड न्यूट्रिशन एक्सपर्ट डॉक्टर पूजा मराठे से बात की। इनका कहना है कि “ब्रेस्टमिल्क ओवरसप्लाई होने पर या फोर्सफुल लेट-डाउन (मिल्क इजेक्शन रिफ्लेक्स) होने की वजह से शिशुओं में रिफ्लक्स जैसे लक्षण हो सकते हैं। आमतौर पर सरल उपायों के साथ बच्चों में इसका इलाज भी किया जा सकता है। इसके लिए बच्चे के सोने की दिनचर्या पर विशेष ध्यान दिया जा सकता है। स्तनपान के बाद जब तक पूरी तरह से सो नहीं जाता है, तब तक उसे अपराइट पोजीशन में लिटाए रखना चाहिए।”
साथ ही, कुछ अन्य सुझावों का भी पालन किया जा सकता है, जैसेः
शिशुओं में रिफ्लक्स यानी दूध उलटना की समस्या होने पर पेरेंट्स को चिंता नहीं करनी चाहिए। बच्चे के सोने व स्तनपान के तरीकों में बदलाव व सुधार करके इस समस्या से आसानी से राहत पाई जा सकती हैं। हालांकि, अगर बच्चे का दूध पलटना जारी रहता है, तो डॉक्टर से परामर्श करना चाहिए और छोटे शिशुओं में एसिड रिफ्लक्स के कारण की पुष्टि करनी चाहिए।
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