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जानें शिशु की मसाज करने का सही समय और मालिश तेल में क्या होना चाहिए?

जानें शिशु की मसाज करने का सही समय और मालिश तेल में क्या होना चाहिए?

1 Jun 2022 | 1 min Read

Vinita Pangeni

Author | 549 Articles

नवजात की मालिश का काफी महत्व है। हड्डियों की मजबूती से लेकर रक्त संचार तक कई फायदे मालिश से शिशु को मिलते हैं। बस इसके लिए शिशु की मसाज करने का सही समय पता होना चाहिए। साथ ही अच्छे मालिश तेल का चयन भी आवश्यक है। इसलिए आज इस लेख में हम इन दोनों विषय पर बात करेंगे। 

हम आपको मालिश तेल में क्या-क्या होना चाहिए बताएंगे, ताकि आप अपने शिशु के लिए बेस्ट मसाज ऑयल खरीद सकें। साथ ही मसाज शुरू करने का सही समय और कितनी देर तक शिशु की मालिश करना सही है, यह भी बताएंगे।

शिशु की मालिश कब से शुरू करें?

जन्म के करीब 3 हफ्ते बाद शिशु की मालिश हल्के हाथों से करना शुरू कर सकते हैं। इस समय तक शिशु की स्किन उतनी नाजुक नहीं रहती, जितनी जन्म के पहले दिन होती है। साथ ही गर्भ नाल की ठूंठ भी सूखकर गिर जाती है। अगर 3 हफ्ते में भी शिशु की नाभि ठूंठ नहीं गिरी व सही से सूखी नहीं है, तो पेट के आसपास मालिश करने से बचें।

मालिश तेल में क्या होना चाहिए?

मालिश तेल खरीदने से पहले हमेशा उसमें मौजूद सामग्रियों को जरूर देखें। मालिश तेल ऐसे तेलों का मिश्रण होना चाहिए, जिनसे बच्चे को फायदा मिले। आगे हम कुछ इंग्रीडिएंट्स के बारे में बता रहे हैं, जो एक आदर्श मसाज ऑयल होने चाहिए। 

मॉरिंगा ऑयल 

मॉरिंगा ऑयल पोषक तत्वों से समृद्ध होता है। इसी वजह से इसे बहुत सारे ब्रांड मालिश तेल में शामिल करते हैं। यह तेल प्राकृतिक एंटीऑक्सीडेंट्स, मिनरल्स और विटामिन्स का अच्छा स्रोत है। 

एवोकाडो ऑयल 

बच्चे की नाजुक त्वचा के लिए एवोकाडो ऑयल काफी अच्छा माना जाता है। यह ऑयल उनकी स्किन को रुखेपन से बचाने और हाइड्रेट करने में मदद करता है। यही कारण है कि एक आदर्श मालिश तेल में एवोकाडो ऑयल का होना जरूरी है। 

विटामिन ई 

बच्चे के तेल में विटामिन ई होना बेहद महत्वपूर्ण है। यह एंटीऑक्सीडेंट्स का पावरफुल स्रोत है, जो त्वचा को गहराई से पोषण देने का काम करते हैं। साथ ही धूप के कारण होने वाली हानि से शिशु को बचाने में मदद करते हैं।

सैफरॉन ऑयल

सैफरॉन यानी केसर का तेल त्वचा में प्राकृतिक चमक लेकर आता है। साथ ही इसे त्वचा की रंगत को निखारने के लिए भी जाना जाता है। यही नहीं, इसमें कूलिंग, मॉइस्चराइजिंग और एनर्जाइजिंग प्रभाव भी पाए जाते हैं।

बादाम तेल 

बादाम तेल भी शिशु की त्वचा को पोषित करता है। इसमें विटामिन-ई होता है, जो स्किन के लिए काफी लाभकारी है। साथ ही बादाम तेल त्वचा की सॉफ्टनेस को बरकरार रखने का काम करता है। अगर बच्चे की त्वचा रुखी होने लगे, तो उसे हाइड्रेट करने और मुलायम बनाए रखने में बादम तेल मदद करता है। 

ग्रेप फ्रूट और अखरोट के तेल का मिश्रण

शिशु की मालिश तेल में ग्रेपफ्रूट और अखरोट के तेल का मिश्रण होना भी अच्छा है। ग्रेपफ्रूट ऑयल से आने वाली भीनी-भीनी खुशबू बच्चे को स्ट्रेस से दूर रखने और मूड को बेहतर बनाने में मदद करती है। यह तेल एंटी बैक्टीरियल गुण से भी भरपूर होता है। साथ ही अखरोट का तेल स्किन हेल्थ को बनाए रखने के लिए जाना जाता है। इसमें मौजूद फैटी एसिड्स त्वचा के लिए जरूरी होते हैं।

आप सिर्फ ग्रेप फ्रूट ऑयल और अखरोट तेल ही नहीं, बल्कि ऊपर बताए गए सभी तेलों का मिश्रण भी खरीद सकते हैं। इन सभी तेलों का संयोजन आपके बच्चे की बॉडी के लिए बेस्ट रहेगा। अगर आप मिश्रित तेल लेने की सोच रहे हैं, तो बेबीचक्रा का बेबी मसाज ऑयल खरीद सकते हैं। इसमें विटामिन-ई, एवोकाडो ऑयल, बादाम तेल, अखरोट का तेल सभी मौजूद हैं।

अब आगे बढ़ते हुए जानते हैं शिशु की मालिश करना का सही वक्त क्या होना चाहिए।

शिशु की मसाज करने का सही समय क्या है?

जब शिशु खुश हो और एकदम शांत हो तभी उसकी मालिश करनी चाहिए। चिड़चिडाहट के समय या जब बच्चा सो रहा हो, तब शिशु की मसाज नहीं करनी बचना चाहिए। साथ ही जिस समय शिशु का पेट भरा हुआ हो, उस समय मालिश न करें। 

जब दिन में बच्चा दूसरी बार दूध पी ले, तो उसके करीब 20 मिनट बाद उसकी मालिश कर सकते हैं। इन सबके साथ ही शिशु का पेट अगर भरा न हो, तो उसे नहलाने से पहले व उसके सोने से पहले उसकी मालिश करना भी अच्छा विकल्प है। 

शिशु को 10 मिनट की मसाज थेरेपी पांच दिन से अधिक दिनों तक देने से समय से पहले जन्मे बच्चे (preterm infants) का वजन बढ़ाने में मदद मिलती है।

यह स्पष्ट है कि शिशु के मालिश तेल में जितना पोषक तत्वों से युक्त ऑयल के मिश्रण का इस्तेमाल होगा, वो उतना ही प्रभावी होगा। इसलिए आप एक आदर्श बेबी मालिश ऑयल खरीदते समय इन सामग्रियों को अपने दिमाग में जरूर रखें।

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