30 Sep 2022 | 1 min Read
Mousumi Dutta
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जब तक शिशु भाषा और आवाज को समझ नहीं पाता, तब तक माँ और पिता का स्पर्श ही उसको इस नई दुनिया में खुद को सुरक्षित महसूस कराता है। इस संदर्भ में शिशु की मालिश माँ और बच्चे के बीच के संबंध को अटूट बनाने का सबसे बेहतर तरीका होता है। पर क्या आपको पता है कि शिशु को मालिश करने का भी तरीका होता है, अगर आपने इस मामले में कोई गलती की तो शिशु की सेहत को नुकसान पहुँच सकता है।
आपके जानकारी के लिए बता दें कि मालिश के लिए इस्तेमाल किया जाने वाला समय आप दोनों के लिए आरामदेह और आनंददायक होना चाहिए। यह आपके लिए अपने बच्चे के साथ संबंध बनाने का समय होता है। शिशु आपके स्पर्श से आपको पहचानने लगेगा और आपके अनुभूतियों को भी समझने लगेगा। चलिए पहले जान लेते हैं कि शिशु की मालिश (Baby Massage) करना क्या होता है? शिशु की मालिश करने के क्या फायदे और गलत तरीके से करने के क्या नुकसान हो सकते हैं?
अगर सरल शब्दों में इस मालिश करने की क्रिया को समझें तो शिशु की मालिश आपके हाथों से आपके शिशु के शरीर को कोमल, लयबद्ध तरीके से सहलाना होता है। मालिश करने के हिस्से के रूप में, आप अपने बच्चे की टखनों, कलाईयों और उंगलियों पर धीरे-धीरे हाथ फेरकर उसको अपने उपस्थिति का एहसास करा सकती हैं।
इस दौरान आप धीरे-धीरे गाना गाता हुए, प्यार करते हुए मालिश कर सकती है। इससे बच्चे को शांत और आश्वस्त करने की भावना पैदा होती है।
बच्चे की मालिश तब ही शुरू करनी चाहिए जब बच्चे के नाभि का ठूंठ निकल जाए । क्योंकि ठूंठ लगे अवस्था में तेल लगाने से इंफेक्शन होने का डर रहता है। अक्सर 15 दिनों के बीच में यह ठूंठ सूखकर गिर जाता है, इसको अम्बिकल कॉड कहते हैं। कई घरों में बच्चे के जन्म के दूसरे दिन से ही तेल लगाना शुरू कर देते हैं, जो कि गलत है क्योंकि बच्चे की नाजुक त्वचा की सुरक्षात्मक कवच अभी तक बनी नहीं होती है, इसलिए तेल लगाने से त्वचा के साथ तेल के किसी तत्व का प्रतिक्रिया होने का खतरा रहता है। इसलिए दो से तीन हफ्तों के बाद डॉक्टर से सलाह लेने के बाद तेल लगाना शुरू करना चाहिए।
अब तक आपने जाना कि बच्चे को तेल लगाना कब से शुरू करना चाहिए। पर अब यह जानने का समय आ गया है कि शिशु की मालिश करने से क्या लाभ होता है। आखिर क्यों शिशु की मालिश इतनी जरूरी होती है-
अनुसंधानों के अनुसार एक महीने के बाद जब आप पहली बार तेल लगाने जाए तब स्किन पैच टेस्ट जरूर कर लें। शिशु की मालिश करने के लिए हमेशा तेल नेचुरल चीजों से बना हुआ और विशुद्ध तेल का ही इस्तेमाल करें, ताकि मालिश करने से त्वचा को पोषण पूरी मात्रा में मिल सके। आपके जानकारी के लिए बता दें कि बेबीचक्रा का नरिशिंग बेबी मसाज ऑयल बिल्कुल ही विशुद्ध है।
शिशु की मालिश करना जितना उसके सेहत के लिए अच्छा होता है, उतना ही अगर गलत तरीके से कर हैं तो यह उसके सेहत के साथ खिलवाड़ करना हो जाता है। चलिए झटपट एक नजर डाल लेते हैं कि कौन-सी गलतियाँ नहीं करनी चाहिए-
अब तक के विश्लेषण से आप समझ ही चुके होंगे कि किस प्रकार का तेल शिशु को लगानी चाहिए और तेल लगाने के समय किन गलतियों का ध्यान रखना चाहिए। साथ ही शिशु की मालिश के लिए तेल खरीदने से पहले #LablePadhoMom।
मूल चित्र स्रोत: गुगल
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