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Baby Massage Tips: 11 गलतियाँ शिशु की मालिश करते हुए न करें

Baby Massage Tips: 11 गलतियाँ शिशु की मालिश करते हुए न करें

30 Sep 2022 | 1 min Read

Mousumi Dutta

Author | 387 Articles

जब तक शिशु भाषा और आवाज को समझ नहीं पाता, तब तक माँ और पिता का स्पर्श ही उसको इस नई दुनिया में खुद को सुरक्षित महसूस कराता है। इस संदर्भ में शिशु की मालिश माँ और बच्चे के बीच के संबंध को अटूट बनाने का सबसे बेहतर तरीका होता है। पर क्या आपको पता है कि शिशु को मालिश करने का भी तरीका होता है, अगर आपने इस मामले में कोई गलती की तो शिशु की सेहत को नुकसान पहुँच सकता है। 

आपके जानकारी के लिए बता दें कि मालिश के लिए इस्तेमाल किया जाने वाला समय आप दोनों के लिए आरामदेह और आनंददायक होना चाहिए। यह आपके लिए अपने बच्चे के साथ संबंध बनाने का समय होता है। शिशु आपके स्पर्श से आपको पहचानने लगेगा और आपके अनुभूतियों को भी समझने लगेगा। चलिए पहले जान लेते हैं कि शिशु की मालिश (Baby Massage) करना क्या होता है? शिशु की मालिश करने के क्या फायदे और गलत तरीके से करने के क्या नुकसान हो सकते हैं?

शिशु की मालिश करना क्या होता है?l What is Baby Massage in Hindi

अगर सरल शब्दों में इस मालिश करने की क्रिया को समझें तो शिशु की मालिश आपके हाथों से आपके शिशु के शरीर को कोमल, लयबद्ध तरीके से सहलाना होता है। मालिश करने के हिस्से के रूप में, आप अपने बच्चे की टखनों, कलाईयों और उंगलियों पर धीरे-धीरे हाथ फेरकर उसको अपने उपस्थिति का एहसास करा सकती हैं।

इस दौरान आप धीरे-धीरे गाना गाता हुए, प्यार करते हुए मालिश कर सकती है। इससे बच्चे को शांत और आश्वस्त करने की भावना पैदा होती है। 

बच्चे की मालिश तब ही शुरू करनी चाहिए जब बच्चे के नाभि का ठूंठ निकल जाए । क्योंकि ठूंठ लगे अवस्था में तेल लगाने से इंफेक्शन होने का डर रहता है। अक्सर 15 दिनों के बीच में यह ठूंठ सूखकर गिर जाता है, इसको अम्बिकल कॉड कहते हैं। कई घरों में बच्चे के जन्म के दूसरे दिन से ही तेल लगाना शुरू कर देते हैं, जो कि गलत है क्योंकि बच्चे की नाजुक त्वचा की सुरक्षात्मक कवच अभी तक बनी नहीं होती है, इसलिए तेल लगाने से त्वचा के साथ तेल के किसी तत्व का प्रतिक्रिया होने का खतरा रहता है। इसलिए दो से तीन हफ्तों के बाद डॉक्टर से  सलाह लेने के बाद तेल लगाना शुरू करना चाहिए।

शिशु की मालिश करने के फायदे। Benefits of Baby Massage

अब तक आपने जाना कि बच्चे को तेल लगाना कब से शुरू करना चाहिए। पर अब यह जानने का समय आ गया है कि शिशु की मालिश करने से क्या लाभ होता है। आखिर क्यों शिशु की मालिश इतनी जरूरी होती है-

  • असल में बच्चे की मालिश करने से आपका बच्चे के साथ जुड़ने और एक साथ आराम से बात करने का समय मिलता है। बच्चा आपकी भाषा न समझे लेकिन हाथों का स्पर्श अच्छी तरह से समझना शुरू कर देता है।
  • शिशु की मालिश धीमी गति से करनी चाहिए। अपने बच्चे के साथ जुड़ने का, और साथ में विशेष समय साझा करने का एक अवसर मिलता है।
  • शिशु को क्या पसंद है और वह मालिश के प्रति कैसी प्रतिक्रिया करता है, इस पर  विशेष ध्यान देना चाहिए।
  • यदि आपका शिशु समय से पहले पैदा हुआ है, तो मालिश शुरू करने से पहले अपनी डॉक्टर से जरूर बात कर लें।
  • पहली बार किसी तेल या मॉइस्चराइजर का उपयोग करने से पहले, जांच लें कि यह शिशु की मालिश के लिए उपयुक्त है या नहीं। अपने बच्चे की त्वचा के एक छोटे से क्षेत्र पर प्रतिक्रिया के लिए परीक्षण करें।
शिशु की मालिश/चित्र स्रोत- फ्रीपिक

बच्चे की मालिश किस तेल से करनी चाहिए। What Oil should use for Baby Massage

अनुसंधानों के अनुसार एक महीने के बाद जब आप पहली बार तेल लगाने जाए तब स्किन पैच टेस्ट जरूर कर लें। शिशु की मालिश करने के लिए हमेशा तेल नेचुरल चीजों से बना हुआ और विशुद्ध तेल का ही इस्तेमाल करें, ताकि मालिश करने से त्वचा को पोषण पूरी मात्रा में मिल सके। आपके जानकारी के लिए बता दें कि बेबीचक्रा का नरिशिंग बेबी मसाज ऑयल बिल्कुल ही विशुद्ध है।

शिशु की मालिश करने के समय कौन-सी गलतियाँ करने से बचना चाहिए ।Mistakes to avoid while Baby Massage 

शिशु की मालिश करना जितना उसके सेहत के लिए अच्छा होता है, उतना ही अगर गलत तरीके से कर हैं तो यह उसके सेहत के साथ खिलवाड़ करना हो जाता है। चलिए झटपट एक नजर डाल लेते हैं कि कौन-सी गलतियाँ नहीं करनी चाहिए-

  • ज्यादातर तेल का असर बाद में गर्म होता है, इसलिए शिशु की ऑंखों में नहीं जानी चाहिए।
  • तेल लगाने के समय ज्यादा दबाव नहीं डालनी चाहिए, इससे बच्चे को तकलीफ हो सकती है।
  • तेल लगाने के समय गलती से भी आपके हाथ से तेल का एक भी बूँद शिशु के मुँह में नहीं जाना चाहिए।
  • शिशु को कभी भी हाथ में लेकर तेल न लगाएं, इससे फिसलने का डर रहता है। शिशु को मैट या तौलिए पर लिटाकर तेल लगाना चाहिए।
  • शिशु को तेल लगाने के बाद घुटनों के बल चलने न दें, इससे वह बुरी तरह से फिसलकर गिर सकते हैं।
  • शिशु को अगर बुखार या सर्दी-खांसी हुई है तो शिशु की मालिश नहीं करनी चाहिए।
  • शिशु को मालिश करने के बाद हमेशा गुनगुने गर्म पानी से नहलाना चाहिए।
  • शिशु को तेल लगाने के बाद 15 मिनट का गैप देने के बाद नहलाना चाहिए।
  • खाना खिलाने के तुरंत बाद कभी भी शिशु की मालिश नहीं करनी चाहिए।
  • अगर जाड़े का मौसम है तो तेल ठंडा हो सकता है, इसलिए तेल को मालिश करने के पहले उसको 40० सेल्सियस गर्म कर लेना चाहिए।
  • अगर शिशु की त्वचा हर प्रकार का तेल प्रतिक्रिया कर रहा है तो जबरदस्ती करके तेल न लगाएं। डॉक्टर से सलाह लें। आप ऑर्गेनिक कोकोनट ऑयल का भी इस्तेमाल विकल्प के रूप में कर सकते हैं।

अब तक के विश्लेषण से आप समझ ही चुके होंगे कि किस प्रकार का तेल शिशु को लगानी चाहिए और तेल लगाने के समय किन गलतियों का ध्यान रखना चाहिए। साथ ही शिशु की मालिश के लिए तेल खरीदने से पहले #LablePadhoMom।

मूल चित्र स्रोत: गुगल

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