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प्रेग्नेंसी के दौरान सेक्स ड्राइव में क्या बदलाव आता है, विस्तार से जानें

प्रेग्नेंसी के दौरान सेक्स ड्राइव में क्या बदलाव आता है, विस्तार से जानें

19 Jul 2022 | 1 min Read

Mona Narang

Author | 163 Articles

प्रेग्नेंसी के दौरान महिला कई अलग-अलग बदलावों से गुजरती है। जैसे मॉर्निंग सिकनेस, मूड स्विंग्स, थकान, ब्रेस्ट का साइज बढ़ना, भूख ज्यादा लगना आदि। हर महिला का शरीर अलग होता है, जिस वजह से सभी अलग-अलग बदलावों से गुजरती हैं। प्रेग्नेंसी के दौरान शरीर में कुछ और भी बदलाव होते हैं, जिस पर शायद आपने गौर न किया हो। वो है सेक्स ड्राइव का कम या ज्यादा होना। प्रेग्नेंसी में सेक्स ड्राइव चेंज होती है, लेकिन सभी में इसका प्रभाव अलग हो सकता है। लेख में इस विषय पर विस्तार से जानेंगे कि प्रेग्नेंसी के दौरान सेक्स ड्राइव प्रभावित (Sex Drive During Pregnancy in Hindi) होने के पीछे क्या कारण होते हैं।

क्या प्रेग्नेंसी में सेक्स ड्राइव चेंज होती है? (Sex Drive During Pregnancy in Hindi)

प्रेग्नेंसी में सेक्स ड्राइव चेंज क्यों होती है
प्रेग्नेंसी में सेक्स ड्राइव चेंज होती है/चित्र स्रोत: फ्रीपिक

हां, प्रेग्नेंसी के दौरान महिलाओं की सेक्स ड्राइव प्रभावित होती है। ऐसा मुख्य रूप से हार्मोन्स में होने वाले बदलावों के कारण होता है। एनसीबीआई पर उपलब्ध एक शोध में यह जानकारी मिलती है कि गर्भावस्था में महिला के शरीर में एस्ट्रोजन और प्रोजेस्ट्रॉन हार्मोन के स्तर में कई बदलाव होते हैं। महिलाओं की सेक्स ड्राइव को प्रभावित करने के पीछे ये ही दोनों हार्मोन्स जिम्मेदार होते हैं। लेकिन यह भी जान लें कि हर महिला का शरीर अलग होता है। जरूरी नहीं कि प्रेग्नेंसी में सभी महिलाओं को एक जैसा महसूस हो। 

प्रेग्नेंसी में सेक्स ड्राइव चेंज होने के क्या कारण हैं?

गर्भावस्था के दौरान सेक्स ड्राइव के प्रभावित होने के क्या मुख्य कारण हैं, इसका उल्लेख हम नीचे कर रहे हैं:

1. हार्मोंस के स्तर में उतार-चढ़ाव

प्रेग्नेंसी में सेक्स ड्राइव चेंज
गर्भावस्था में सेक्स ड्राइव का प्रभावित होना/चित्र स्रोत: फ्रीपिक

जैसा कि लेख में पहले ही बताया कि गर्भावस्था में हार्मोंस के स्तर में होने वाले बदलाव महिला की सेक्स ड्राइव को प्रभावित (Sex Drive Changes During Pregnancy) करते हैं। प्रेग्नेंसी की पहली तिमाही के दौरान महिला के शरीर में एस्ट्रोजन और प्रोजेस्ट्रॉन हार्मोन का स्तर बढ़ता है, जिसके परिणामस्वरूप महिला में यौन इच्छा की कमी हो सकती है। साथ ही महिला को हर समय थकावट व ब्रेस्ट सेंसिटिविटी जैसे लक्षण हो सकते हैं।

दसवे हफ्ते में बढ़े हुए हार्मोंस के स्तर में अचानक गिरावट होती है, जो सेक्स ड्राइव को बढ़ा सकते हैं। महिला को फिर से एनर्जेटिक फील हो सकता है। बात करें तीसरी तिमाही की तो इसमें महिला का वजन बढ़ जाता है साथ ही कमर में दर्द होने लगता है। एक बार फिर महिला की सेक्स ड्राइव में कमी हो सकती है।

ध्यान रखें हर महिला का शरीर अलग तरह से काम करता है। यही वजह है कि सभी में अलग-अलग बदलाव नजर आते हैं। कुछ महिलाओं का इस दौरान सेक्स करने की इच्छा अधिक हो सकती है, वहीं कुछ को बढ़े हुए वजन के कारण थकान महसूस हो सकती है। 

2. ब्लड का फ्लो अच्छा होता है

प्रेग्नेंसी में ब्लड फ्लो बढ़ जाता है, विशेष रूप से यौन अंगों, स्तनों और योनी में। रक्त के प्रवाह के बढ़ने से महिलाओं के शरीर में उत्तेजना का संचार होता है व सेक्स की तीव्र इच्छा होती है। ऐसा होना पूरी तरह से सामान्य है। इससे गर्भवती महिला में चरमसुख की दीर्घता भी बढ़ती है।

3. कामेच्छा (लिबिडो) बढ़ सकती है

बहुत सारी महिलाओं को पहली तिमाही के अंत में और दूसरी तिमाही में बढ़ी हुई कामेच्छा का अनुभव होता है। इससे योनि में नैचुरल लुब्रिकेशन बढ़ता है। साथ ही जननांग में रक्त प्रवाह के बढ़ने से क्ल‍िटॉरिस (फीमेल पेनिस) उत्तेजित हो सकती हैं। बता दें कि इससे महिलाएं ऑर्गेज्‍म को प्राप्‍त कर सकती हैं। 

प्रेग्नेंसी में जिन महिलाओं का लिबिडो बढ़ता है व सेक्स की इच्छा हो रही है, उन्हें इस पीरियड को पूरी तरह से एंजॉय करना चाहिए। इसका आपके स्वास्थ्य पर भी सकारात्मक प्रभाव पड़ता है। प्रेग्नेंसी में सेक्स करने से अच्छी नींद आने के साथ स्ट्रेस कम होता है। हालांकि, इसे लेकर एक बार अपनी डॉक्टर से बात जरूर करें।

प्रेग्नेंसी में लो लिबिडो को कैसे हैंडल करें? (Dealing with Low Libido in Hindi)

प्रेग्नेंसी में लो लिबिडो को फेस कर रही हैं, तो सबसे पहले इसे खुद से स्वीकार करें।

  • इसे लेकर पार्टनर से बात करें। आपके पार्टनर इस बात को समझेंगे। उन्हें बताएं कि हार्मोन्स के कारण शरीर में हो रहे बदलावों की वजह से आप क्या शारीरिक व भावनात्मक रूप से क्या अनुभव कर रही हैं। नीचे कुछ टिप्स दे रहे हैं, जो आपकी इस फेज से निकलने में मदद करेंगे।
  • अगर आपका इंटरकोर्स का मन नहीं है तो आप पार्टनर संग इंटीमेट एक्टिविटीज जैसे कडल करके सोना, एक दूसरे की मसाज करना आदि में खुद को एंगेज करें। 
  • फिजिकल एक्टिविटीज करें। पार्टनर संग प्रिनेटल योग क्लास जॉइन करें या वॉक पर जाएं। हेल्दी डाइट लें। इससे आप में एनर्जी बूस्ट होने के साथ कॉन्फिडेंस बढ़ेगा।
  • अलग-अलग सेक्स पोजीशन ट्राई करें। अपने बढ़े हुए पेट को अपनी सेक्स लाइफ के बीच में न आने दें। इसकी बजाय आरामदायक पोजीशन का चुनाव करें। आप प्रेग्नेंसी फ्रेंडली सेक्स पोजीशन कर सकती हैं। जैसे वूमेन ऑन टॉप। इसमें आपके पेट पर दबाव नहीं पड़ता है।

प्रेग्नेंसी के दौरान सेक्स ड्राइव का बढ़ा हुआ लगना या कमी महसूस होना, दोनों ही नॉर्मल हैं। दोनों ही स्थिति का यह मतलब नहीं है कि आपके साथ कुछ गड़बड़ है। इस दौरान आप जैसा भी महसूस कर रही हैं उसे अपने पार्टनर संग खुलकर शेयर करें। आप इसे लेकर अपने डॉक्टर से भी विस्तार में चर्चा कर सकती हैं। बस अपने मन में किसी तरह के संशय न रखें। शरीर में हो रहे बदलाव को लेकर चिंता करने की बजाय अच्छा महसूस करें व इस पीरियड को अच्छे से एंजॉय करें। हैप्पी प्रेग्नेंसी।

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल

प्रेग्नेंसी में सेक्स की इच्छा कब ज्यादा होती है?

प्रेग्नेंसी के दौरान पहली तिमाही के अंत व दूसरी तिमाही में सेक्स की इच्छा अधिक हो सकती है। ऐसा हार्मोन्स के स्तर में होने वाले गिरावट के कारण हो सकता है। हालांकि, सभी महिलाएं इस दौरान ऐसा महसूस करें, यह जरूरी नहीं है। हर महिला की प्रेग्नेंसी अलग होती है और सभी का शरीर अलग तरीके से कार्य करता है। इसके बारे में अधिक जानकारी के लिए आप अपने डॉक्टर से चर्चा कर सकती हैं।

प्रेग्नेंसी में सेक्स ड्राइव कब तक बढ़ी हुई रहती है?

प्रेग्नेंसी में सेक्स ड्राइव में कमी आने लगती है, जैसे-जैसे महिला का डिलीवरी का समय नजदीक आता है। ऐसा बढ़ा हुआ पेट, थकान, शरीर के अलग-अलग हिस्सों में दर्द की वजह से हो सकता है। वहीं, कुछ महिलाओं में कॉन्ट्रैक्शन (संकुचन) शुरू होने से पहले तक सेक्स ड्राइव बढ़ी हुई लगती है।

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