27 Jul 2022 | 1 min Read
Mousumi Dutta
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प्रिया को जब से प्रेगनेंसी कंफर्म होने का पता चला था, उसका दिल खुशी से झुम रहा था। लेकिन मन में एक सवाल बार-बार उसे परेशान कर रहा था कि, कहीं प्रेगनेंसी के कारण उसके और रोहित की लव-लाइफ यानि सेक्शुअल लाइफ डिस्टर्ब न हो जाए। क्या प्रेगनेंसी में एनल सेक्स (Anal sex), ओरल सेक्स (Oral sex) या वजाइनल सेक्स करना सुरक्षित रहेगा? कहीं प्रेगनेंसी के कारण रोहित उससे दूर तो नहीं हो जाएगा।
हमें पता है, प्रिया के दिल की यह कश्मकश पहली बार माँ बनने वाली हर औरत को होती है। तो चलिए, इस आर्टिकल की मदद से आपकी टेंशन थोड़ी कम करने की कोशिश करते हैं। इस आर्टिकल में हम यह जानते हैं कि एनल पेनिट्रेशन (Anal penetration) से क्या गर्भ में पल रहे शिशु को कोई नुकसान पहुँच सकता है या अनल सेक्स (Bum sex) करते समय किन-किन बातों का ध्यान रखना चाहिए।
सेक्स लाइफ पति-पत्नी के मैरेज लाइफ का एक खूबसूरत लम्हा होता है। इसलिए प्रेगनेंसी में सेक्स करना चाहिए या नहीं, ऐसे बहुत सारे सवाल पहली बार पैरेंट्स बन रहे पार्टनर्स के मन में उठते हैं। इस दौरान ओरल सेक्स, गुदा मैथुन (Anal sex), वजाइनल सेक्स में से कौन-सा तरीका माँ और शिशु के लिए सेफ है, इन सब सवालों का जवाब डॉक्टर सही तरह से दे पाएंगे। क्योंकि माँ की सेहत और गर्भस्थ शिशु की अवस्था पर ही सब निर्भर करता है। सिर्फ एक बात का ध्यान रखने की जरूरत है कि सेक्स का जो भी टाइप ट्राई करें, वह आप डॉक्टर की सलाह के अनुसार ही अपनाएं। साथ ही पार्टनर उस सेक्स टाइप और सेक्स पोजिशन में कंफर्टेबल है या नहीं, ये भी ध्यान रखें।
सेक्स करते समय इन बातों का रखें ध्यान-
एनल सेक्स को साधारण शब्दों में समझाएं, तो यह कहेंगे कि जब पुरुष अपने पार्टनर के गुदा (Penis in anus) में पेनिस को डालता है तो यह प्रक्रिया संपन्न होती है। हालांकि, इसके सिवा सेक्स टॉयज (Sex toys), उंगली, मुँह या जीभ से भी एनस को (How to do anal) उत्तेजित करने का काम किया जाता है। लेकिन इस तरह से इजैक्युलेशन या ऑर्गैज्म का प्लेजर नहीं मिल पाता है।
एनल सेक्स (Anal sex) एक प्रकार की सेक्शुअल एक्टिविटी है, जिससे शारीरिक और मानसिक तौर पर संतुष्टि मिलती है। एनल सेक्स में जब पुरुष पार्टनर के एनस में पेनिस इन्सर्ट करता है तब पेनिस के आस-पास एक प्रकार का कसाव महसूस होता है, जिससे दूसरे पार्टनर को ऑर्गैज्म महसूस होता है।
सच तो यह है कि एनल सेक्स करने से पहले डॉक्टर से सलाह ले लेना सबसे सेफ और सुरक्षित तरिका होता है। एनल सेक्स करने के बाद और पहले जरूरी साफ-सफाई और सावधानियों को बरतना जरूरी होता है, क्योंकि एनल सेक्स से संक्रमण फैलने का खतरा सबसे ज्यादा रहता है। गर्भावस्था के दौरान महिला का इम्यून सिस्टम बहुत कमजोर होता है। इसलिए एनल सेक्स करने से पहले पार्टनर से उसकी इच्छा पूछ लेनी चाहिए कि, वह इस पोजिशन में कंफर्टेबल हैं कि नहीं या इस पोजिशन से उनको किसी प्रकार का दर्द तो नहीं हो रहा है। अगर पार्टनर को बवासीर (पाइल्स) की समस्या हो तो एनल सेक्स करने की गलती नहीं करनी चाहिए, इससे ब्लीडिंग होने का खतरा होता है।
ओरल सेक्स तब होता है, जब पुरुष अपने पार्टनर के जननांग (वैजाइना या पेनिस) को उत्तेजित करता है। यह सेक्स का टाइप तभी सुरक्षित माना जा सकता है जब दोनों पार्टनर एसटीडी के मामले में नेगेटिव होते हैं।
ठीक उसी तरह से एनल सेक्स के मामले में अगर ठीक तरह से सावधानियाँ बरती गई, तो ही प्रेगनेंसी के दौरान गुदा मैथुन (Bum sex) को करना कुछ हद तक सुरक्षित माना जा सकता है। अगर सही तरह से एनल सेक्स नहीं किया गया तो वजाइनल सेक्स की तुलना में एनल सेक्स से टिशू (एनस या रेक्टम के लाइनिंग को चोट पहुँच सकता है) को नुकसान पहुँच सकता है, क्योंकि एनस सेक्स करने के लिए डिजाइन नहीं किया गया है। अगर त्वचा में खरोंच आदि लग गई तो इससे एसटीडी यानि यौन संचारित रोग होने का खतरा बढ़ जाता है। कहने का मतलब यह है कि वजाइनल या ओरल सेक्स की तुलना में एनल सेक्स (Penis in anus) से संक्रमित होने का खतरा ज्यादा होता है।
एनल सेक्स करने के पहले पूरी तरह सावधानी और साफ-सफाई बरतने की जरूरत होती है, नहीं तो माँ और शिशु दोनों को संक्रमण और शारीरिक समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। चलिए, एनल सेक्स के प्लेजर को एन्जॉय करने से पहले इन बातों का ध्यान रखें-
अगर गर्भावस्था के दौरान दोनों पार्टनर ऊपर बताई गई सावधानियों का ध्यान नहीं रखते हैं तो उन्हें कई प्रकार की बीमारियों के होने का खतरा हो सकता है।
अगर गर्भवती महिला को कब्ज, बवासीर और एनल फिशर की परेशानी है तो एनल सेक्स (Anal penetration) नहीं करने की सलाह दी जाती है।
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