18 May 2022 | 1 min Read
Ankita Mishra
Author | 409 Articles
प्रेग्नेंसी में नसों में सूजन की समस्या का अनुभव अधिकांश महिलाएं करती हैं। जहां कुछ महिलाओं के लिए गर्भावस्था के दौरान नसों की सूजन की समस्या किसी तरह की परेशानी नहीं लगती है, वहीं कुछ महिलाएं इसके गंभीर लक्षणों से परेशान भी हो सकती हैं। ऐसे में यह जानना बेहद जरूरी है कि क्या प्रेग्नेंसी में नसों में सूजन की समस्या कब गंभीर हो सकती है।
बेबीचक्रा के इस लेख में हम आपको प्रेग्नेंसी में नसों में सूजन क्यों होती है, यह कितनी सामान्य है व इसके लिए इलाज की प्रक्रिया क्या है, इसके बारे में विस्तार से बता रहे हैं।
प्रेग्नेंसी में नसों में सूजन की स्थिति को मेडिकल टर्म में वैरिकोज वेन्स कहा जाता है। दिखने में यह मुड़ी हुई, सूजी हुई व त्वचा पर ऊभरी हुई होती हैं। त्वचा की सतह पर इन ऊभरी हुई नसों का रंग भी गहरा नीला, बैंगनी या काला दिखाई देने लगता है। प्रेग्नेंसी में नसों में सूजन (वैरिकोज वेन्स) की समस्या शरीर के किसी भी अंग में हो सकती है। हालांकि, खासतौर पर यह कमर के निचले हिस्से, पैरों व जांघों में अधिकतर देखी जा सकती है।
हां, शोध बताते हैं कि गर्भावस्था में नसों की सूजन की समस्या सामान्य मानी जा सकती है। लगभग 40% महिलाएं गर्भावस्था में नसों की सूजन के लक्षण महसूस करती हैं। इसके पीछे के कारण अगर सामान्य हो, तो प्रसव के बाद अपने आप ठीक भी हो जाते हैं।
गर्भावस्था में नसों की सूजन (वैरिकोज वेन्स) शरीर के विभिन्न अंगों में देखी जा सकती है, जिनमें शामलि हैंः
इसके अलावा या इन अंगों के साथ ही गर्भवती महिला के जांघों, कमर के निचले हिस्से, पेट के ऊपर भी नसों की सूजन की समस्या हो सकती है। आमतौर पर ऐसी स्थिति गंभीर नहीं मानी जा सकती है।
गर्भावस्था में नसों की सूजन के लक्षण निम्नलिखित हो सकते हैंः
गर्भावस्था में नसों की सूजन के कारण निम्नलिखित हैं, जिनके बारे में विस्तार से नीचे पढ़ेंः
गर्भावस्था के दौरान होने वाले हॉर्मोनल बदलाव के कारण भी गर्भावस्था में नसों की सूजन हो सकती है। इसे इसका सबसे सामान्य कारण माना जा सकता है।
बढ़ते हुए गर्भाशय व पेट के आकार के कारण भी गर्भावस्था में नसों की सूजन की समस्या हो सकती है और प्रेग्नेंसी में हाथ-पैर में सूजन के लक्षण देखे जा सकते हैं। बढ़ते हुए गर्भाशय से जहां पेट का आकार बड़ा होता है, वहीं नसों पर भी दबाव पड़ने लगता है, जिससे नसों में रक्त का प्रवाह सीधे तौर पर प्रभावित हो सकता है और प्रेग्नेंसी में वैरिकोज वेन्स की समस्या उत्पन्न हो सकती है।
अगर किसी कारण से नसों की वाल्व से जुड़ी समस्याएं हो जाए, तो यह स्थिति भी प्रेग्नेंसी में वैरिकोज वेन्स की समस्या को बढ़ा सकती है। दरअसल, इसके कारण नसों में रक्त का प्रवाह प्रभावित हो सकता है, जिससे रक्त का प्रवाह धीमा हो सकता है या रक्त का जमाना भी शुरू हो सकता है।
प्रेग्नेंसी में वैरिकोज वेन्स का एक अन्य कारण गर्भावस्था के दौरान वजन का बढ़ना भी हो सकता है। दरअसल, वजन बढ़ने की वजह से नसों पर दबाव बन सकता है, जिससे उनमें सूजन आ सकती है और प्रेग्नेंसी में वैरिकोज वेन्स की समस्या हो सकती है।
इसके अलावा, अगर गर्भवती महिला के परिवार में पहले से ही नसों की सूजन की समस्या है, तो इसकी संभावना बढ़ सकती है कि महिला में भी वैरिकोज वेन्स के लक्षण दिखाई दें।
प्रेग्नेंसी में नसों में सूजन (Pregnancy mein Naso ki Swelling ka Ilaj) करने के लिए आमतौर पर मेडिकली ट्रीटमेंट की आवश्यकता नहीं हो सकती है। कुछ जरूरी बातों का ध्यान रखकर और जीवनशैली में बदलाव के जरिए ही प्रेग्नेंसी में नसों में सूजन की समस्या का इलाज किया जा सकता है।
हाालंकि, कुछ गंभीरी परिस्थितियों में व गर्भवती महिला में वैरिकोज वेन्स के लक्षण के आधार पर डॉक्टर मेडिकली ट्रीटमेंट का भी निर्देश दे सकते हैं।
जाहिर है कि बढ़ता गर्भाशय सीधे तौर पर नसों पर दबाव को बढ़ा सकता है, जिसके कारण प्रेग्नेंसी में हाथ-पैर में सूजन व वैरिकोज वेन्स के लक्षण नजर आ सकते हैं। ऐसे में गर्भवती महिला को अपना वजन संतुलित बनाए रखने का प्रयास करना चाहिए। इसके लिए वह डॉक्टरी सलाह पर प्रेग्नेंसी डाइट भी फॉलो कर सकती हैं।
गर्भावस्था के दौरान वजन को बढ़ने से रोकने के लिए व उसे संतुलित बनाए रखने के लिए गर्भवती महिलाएं डॉक्टर की सलाह पर एक्सरसाइज या योग भी कर सकती हैं।
प्रेग्नेंसी में वैरिकोज वेन्स यानी नसों की सूजन को कम करने के लिए गर्भवती महिलाएं कंप्रेशन मोजा (Compression Stockings) भी पहन सकती हैं। हालांकि, कंप्रेशन मोजा डॉक्टर की सलाह के अनुसार ही पहनना चाहिए। यह एक तरह का एक्सेसरीज होता है, जो पैरों को हल्का दबाए रख सकता है और नसों की सूजन के लक्षण को कुछ हद तक कम कर सकता है।
इसके अलावा, अगर गर्भवती महिला को मलाशय से संबंधिक नसों की सूजन की समस्या होती है, तो वह इससे राहत पाने के लिए अपने आहार में फाइबर युक्त खाद्यों को शामिल कर सकती है। फाइबर युक्त खाद्य कब्ज से बचाव करने में मददगार माने जा सकते हैं, जो बवासीर के जोखिम को भी कम कर सकते हैं और नसों की सूजन के लक्षण भी दूर करने में मददगार हो सकते हैं।
वहीं, मैटरनल केयर और चाइल्ड न्यूट्रिशन एक्सपर्ट डॉक्टर पूजा मराठे की भी सलाह है कि “फाइबर समृद्ध डाइट से न सिर्फ नसों की सूजन को कम किया जा सकता है, बल्कि यह कब्ज के दौरान होने वाले दर्द से भी राहत दिला सकता है। इसके लिए आहार में व्होल ग्रेन ब्रेड, सेरेल्स, पास्ता, किशमिश, एप्पल चिप्स व प्रून्स जैसे सूखे मेवे शामिल किए जा सकते हैं।”
कुछ गंभीर परिस्थितियों में डॉक्टर प्रेग्नेंसी में वैरिकोज वेन्स के लक्षण दूर करने के लिए सर्जरी की भी सलाह दे सकते हैं, इसके लिए दो तरह की सर्जरी की जा सकती है, जिनमें शामिल हैः
गर्भावस्था में नसों की सूजन से बचाव करने के लिए कुछ जरूरी बातों का ध्यान रखा सकता है, जैसेः
निम्नलिखित लक्षण नजर आने पर डॉक्टर से मिलना चाहिएः
वैसे तो प्रेग्नेंसी में नसों में सूजन की स्थिति को गंभीर नहीं माना जा सकता है। पर सुरक्षा के लिहाज से अगर ऊपर बताए गए कोई भी गंभीर लक्षण का अनुभव होता है, तो बिना देरी किए डॉक्टर से मिलना चाहिए और उचित उपचार कराना चाहिए।
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