3 Mar 2022 | 1 min Read
Ankita Mishra
Author | 409 Articles
अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के मौके पर हम माँ बनने के लिए हैप्पीनेस टिप्स बता रहे हैं। दरअसल, घर में आने वाला नन्हा मेहमान कितना हेल्दी व फिट होगा, एक तरह से यह पूरी तरह में माँ के स्वास्थ्य पर निर्भर करता है। शोध भी बताते हैं कि अगर माँ गर्भावस्था के दौरान अधिक तनावग्रस्त रहती हैं, तो यह उसके शिशु को न सिर्फ मानसिक स्तर पर, बल्कि शारीरिक स्तर पर भी कमजोर कर सकता है। इसलिए, प्रेग्नेंसी में खुश रहने के उपाय हर महिला को करना चाहिए।
माँ बनने के लिए हैप्पीनेस टिप्स जानने से पहले पढ़ें कि प्रेग्नेंसी में खुश रहने के फायदे से क्या लाभ हो सकते हैं।
माँ बनने के लिए हैप्पीनेस टिप्स न सिर्फ जच्चे-बच्चे पर मानसिक रूप से सकारात्मक प्रभाव दिखा सकता है, बल्कि शारीरिक तौर पर होने वाली कुछ बीमारियों से बचाव करने में भी मदद कर सकता है, जैसेः
जाहिर है कि हमारी दिनचर्या कितनी संतुलित व स्वस्थ है, यह ज्यादातर हमारे मूड पर ही निर्भर करता है। अगर आप भी गर्भावस्था के चरण को पॉजिटिव बनाना चाहती हैं, तो यहां बताए गए प्रेग्नेंसी में खुश रहने के उपाय को आजमा सकती हैं।
प्रेग्नेंसी में खुश रहने के उपाय का सबसे पहला चरण है मानसिक रूप से खुश व तैयार रहना। इसलिए, अक्सर देखा जाता है कि महिला को गर्भावस्था का पूरा अधिकार नहीं दिया जाता है, लेकिन अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस हर महिला को उसकी प्रेग्नेंसी प्लानिंग का पूरा अधिकार देता है।
इसलिए, सबसे पहले महिला को मानसिक रूप से खुद को गर्भावस्था के लिए तैयार करना चाहिए। अगर महिला को लगता है कि उसे अपनी इच्छा व खुशी के लिए माँ बनाना चाहिए, तो अपने साथी के साथ बात करके वह इस मामले में कदम को आगे बढ़ा सकती है।
मानसिक स्थिति के साथ ही प्रेग्नेंसी में खुश रहने के उपाय यह भी बताते हैं कि गर्भवती महिला का शारीरिक स्वास्थ भी बेहतर होना चाहिए। गर्भधारण करने से पहले शारीरिक वजन को संतुलित बनाएं। उदारण के लिए, अगर अंडरवेट हैं या ओवरवेट हैं, तो वजन कम करने या वजन बढ़ाने के तरीके अपना सकती हैं।
इसके लिए डॉक्टर की सलाह पर हेल्दी डाइट प्लान फॉलो कर सकती है। साथ ही, गर्भवती होने के बाद भी उचित शारीरिक वजन को संतुलित बनाए रखना चाहिए। माँ का संतुलित वजन प्रीमैच्यौर डिलीवरी जैसे अन्य जोखिमों को कम कर सकता है।
प्रेग्नेंसी में खुश रहने के उपाय करना चाहती हैं, तो शारीरिक व मानसिक स्वास्थ्य के साथ ही त्वचा और बालों की भी ध्यान रखें। स्किन केयर प्रोडक्ट के साथ ही इच्छानुसार स्टाइलिस हेयर कट भी ले सकती हैं। ऐसा करने से गर्भवती महिला का ध्यान खुद की देखभाल के प्रति बढ़ सकता है और वह पहले के मुकाबले अधिक खुशी महसूस कर सकती है।
अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस महिलाओं के लिए स्वस्थ जीवन जीने के अधिकार की रक्षा करता है। इसी तरह गर्भधारण से पहले, इस दौरान व बाद में भी खुद के लिए हेल्दी डाइट को आहार में शामिल करें। हेल्दी डाइट गर्भावस्था में हो रहे विभिन्न शारीरिक, मानसिक व हार्मोनल बदलाव को संतुिलत बनाए रखने में मदद कर सकता है।
माँ बनने के लिए हैप्पीनेस टिप्स यह भी कहता है कि हर महिला के लिए गर्भावस्था का सफर हर दिन को नया व खास बनाता है। पूरे नौ महिने का हर एक दिन कई तरह के बदलावों से जुड़ा होता है। न सिर्फ माँ में यह बदलाव होते रहते हैं, बल्कि गर्भ में पल रहे शिशु में भी बदलाव होते रहते हैं।
ऐसे में गर्भवती महिला को अपनी गर्भावस्था के चरण को खुलकर जीना चाहिए। इस दौरान होने वाली परेशानियों के प्रति भी सकारात्मक विचार को बनाए रहें और सही देखभाव व इलाज के जरिए उसका उपचार करें।
अगर गर्भावस्था में खुश रहने के टिप्स अपनाना चाहती हैं, तो गर्भावस्था के दौरान योग और मेडिटेशन जरूर करें। इस तरह की गतिविधियां मन में सकारात्मक विचारों को बढ़ावा दे सकती हैं और नकारात्मक ख्यालों को दूर कर सकती हैं।
शोध के अनुसार, प्रेग्नेंसी में योग व मेडिटेशन करने से गर्भावस्था के दिनों में होने वाले तनाव, थकान व चिड़चिड़ाहट को दूर किया जा सकता है।
प्रेग्नेंसी में खुश रहने के फायदे पाना चाहती हैं, तो खुद के अनुभव से जुड़ी एक डायरी बनाएं। हर दिन मन में किस तरह से विचार आते हैं या किस तरह के शारीरिक अनुभव होते हैं, इन सभी बातों को इस डायरी में नोट करें। ऐसा करने से गर्भवती महिला को मानिसक रूप से अच्छा महसूस हो सकता है और यह गर्भावस्था के चरण को भी सकारात्मक बना सकता है।
घर के बड़े-बुजुर्ग गर्भवती महिलाओं को धार्मिक किताबें पढ़ने की हिदायत देते हैं। उनका मानना है कि ऐसी किताबें पढ़ने से बच्चा बुद्धिमान व संस्कारी हो सकता है, जिससे पूरी तरह से इंकार नहीं किया जा सकता है। दरअसल, गर्भावस्था के दौरान अच्छी पुस्तकें पढ़ने से गर्भवती महिला के मन में पॉजिटिव विचार आ सकते हैं, जो गर्भवती की मानसिक स्थिति को बेहतर बनाए रखने में मदद कर सकते हैं।
गर्भावस्था में खुश रहने के उपाय यह भी कहते हैं कि माँ को पिता के साथ मिलकर पेरेंटिंग की तैयारी करनी चाहिए। यानि बच्चा को किस तरह की भविष्य देनी है, उसके लिए आर्थिक नियोजन व सामाजिक माहौल जैसी तैयारियों को भी किया जा सकता है। ऐसा करने से जन्म के बाद शिशु की पेरेंटिंग करनी बेहद आसान हो सकती है।
शॉपिंग हर लड़की के मूड को खुशनुमा बना देता है, यही वजह है कि इस ट्रिक को माँ बनने के लिए हैप्पीनेस टिप्स में भी शामिल किया जा सकता है। माता-पिता आने वाले बच्चे के लिए हल्की-फुल्की शॉपिंग करना शुरू कर सकते हैं। उदाहरण के लिए, शिशु के लिए सुरक्षित खिलौने खरीदना, नवजात बच्चों के कपड़े व स्किन केयर प्रोडक्ट खरीदना आदि।
दिन भर का कुछ समय निकाल कर माता-पिता गर्भ में पल रहे शिशु से थोड़ी-बहुत बातचीत कर सकते हैं। दरअसल, शिशु को गर्भ के अंदर से ही सुनाई देना शुरू हो सकता है। ऐसे में जब जन्म लेने के बाद शिशु उस आवाज वाले व्यक्ति के साथ तेजी से घुल-मिल भी सकता है। यही एक वजह भी है शिशु जन्म के बाद अपनी माँ को आसानी से पहचान जाता है।
किसी भी खुशी को दोगुनी करने में परिवार के सदस्यों को अहम योदगान होता है। परिवार न सिर्फ खुशियों में साथ देते हैं, ब्लकि हर मुश्किल घड़ी में भी सहारा बनते हैं। इसलिए, गर्भावस्था में खुश रहने के उपाय में परिवार को जरूर शामिल करें।
हर दिन हो रहे उतार-चढ़ाव व अनुभव के बारे में परिवार के सदस्यों के साथ साझा करें। ऐसा करने से गर्भावस्था के चरणों में आ रही नकारात्मकता का आसानी से दूर किया जा सकता है।
गर्भावस्था के दौरान मूड स्विंग का असर कहीं पति-पत्नी के रिश्ते को न प्रभावित करे दे, इसका खास ध्यान रखना चाहिए। ऐसे में गर्भवती महिला को अपने साथी के साथ क्वालिटी टाइम स्पेंड करना चाहिए। गर्भावस्था को लेकर मन में किस तरह के विचार आते हैं या भविष्य के लिए किस तरह की योजनाएं करनी है, इनके बारे में पति के साथ खुलकर बातें कर सकती हैं। ऐसा करने से गर्भावस्था का चरण पति-पत्नी के रिश्ते को और भी अधिक मजबूत बना सकता है।
कहते हैं, जिसे जिसका अनुभव होता है, वही उस स्थिति को बेहतर तरीके से समझ सकता है। ऐसे में नई गर्भवती महिला को माँ बन चुकीं महिलाओं के साथ दोस्ती करना चाहिए। इसलिए वे कुछ प्रेग्नेंसी ऐप का इस्तेमाल कर सकती हैं। इसके लिए हम यहां पर बेबीचक्रा प्रेग्नेंसी ऐप का लिंक भी दे रहे हैं। यहां पर गर्भवती महिलाओं के साथ ही, पेरेंटिंग करे रहें कपल्स से भी आसानी से जुड़ा जा सकता है और एक-दूसरे के अनुभव को समझा जा सकता है।
हर नई तैयारी के लिए आर्थिक योजना जरूरी होती है। शिशु के जन्म के बाद उसकी देखभाल में किसी तरह की कमी न रहे, इसके लिए पूरी प्लानिंग पहले से ही कर सकते हैं। बच्चों के लिए बचत योजनाएं न सिर्फ उनकी प्राथमिक जरुरतों को पूरा सकते हैं, बल्कि उनके भविष्य को भी अधिक सुरक्षित बना सकते हैं।
अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस महिलाओं को पुरुषों के बराबर ही सभी अधिकार रखने का दावा करता है। फिर चाहे वो नौकरी की योजना हो या माँ बनने की योजना ही क्यों न हो। उम्मीद है कि इस लेख में बताए गए माँ बनने के लिए हैप्पीनेस टिप्स आपकी गर्भावस्था को आसान बनाने में मदद करेंगे।
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