11 Apr 2022 | 1 min Read
Mousumi Dutta
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गर्भधारण करने के बाद शिशु के होने का एहसास माँ के दिल को एक अजीब-सा सुकून देता है। पर जब बात नेचुरल डिलीवरी की बात आती है तो यही सुकून लेबर पेन और डिलीवरी के दौरान काँट-छाँट और दर्द की बात सोचकर गायब हो जाता है। अक्सर इसी दर्द की बात को सोचकर होने वाली माँ सिजेरियन करने के लिए अपना मन बना लेती हैं। लेकिन पेरिनियल मसाज (Perineal Massage) एक ऐसा मसाज है, जो नेचुरल डिलीवरी की प्रक्रिया को आसान कर देता है।
अब आप सोच रहे होंगे कि हेयर मसाज, हेड मसाज या फेस मसाज जैसे बहुत सारे नाम सुने हैं, मगर ये पेरिनियल मसाज है क्या? आखिर प्रेग्नेंसी और डिलीवरी के साथ इसका क्या संबंध है? कहीं इस मसाज से शिशु को तो कोई नुकसान नहीं पहुँचेगा? तो चलिए आपके ऐसे ढेरों सवालों का जवाब हम आगे एक-एक करके देते हैं।
नेचुरल डिलीवरी के दौरान वजायना और एनस के बीच में एक पेरिनियम नाम का एक मांसपेशी होती है, जिसकी भूमिका इस प्रक्रिया में अहम होती है। बच्चे के जन्म के दौरान इस भाग को बहुत क्षति और दर्द का सामना करना पड़ता है। मांसपेशियों में लचीलेपन की कमी होने के कारण खिंचाव होता है, फलस्वरूप चीरा लगाने या पेरिनियम को काटकर डिलीवरी करने की जरूरत पड़ सकती है। इसके लिए डॉक्टर एपिसियोटोमी प्रोसीजर का भी सहारा ले सकता है।
पेरिनियल मसाज से पेरिनियम मसल में लचीलापन आ जाता है। सरल शब्दों में वजायना मसाज से लेबर पेन भी कम हो सकता है। तो फिर एक बार पेरिनियल मसाज (Perineal Massage During Pregnancy) के अन्य फायदों पर एक नजर डाल लेते हैं-
पेरिनियल मसाल बिना डॉक्टर की सलाह के खुद से शुरुआत करने की गलती न करें। क्योंकि डॉक्टर आपके शारीरिक अवस्था को ध्यान में रखकर ही इस मसाज को करने की सलाह देंगे, ताकि आपको पेरिनियल मसाज के फायदा (Perineal Massage Benefits) पूरी तरह से मिल सके।
प्रेग्नेंसी का 34 हफ्ता शुरू होने पर डॉक्टर से सलाह लेकर आप पेरिनियल मसाज करना शुरू कर सकते हैं।
अगर आपसे हो सके तो आप सुबह-शाम दिन में दो बार या हफ्ते में 3-4 बार इस मसाज को कर सकती है। अगर आपके द्वारा यह मसाज करना संभव नहीं हो रहा है तो आप अपने पार्टनर की सहायता भी ले सकती हैं। इस वजायना मसाज को आप कम से कम 5 मिनट तक जरूर करें।
अगर गर्भवती महिला को किसी भी प्रकार का वजायनल इंफेक्शन, वजायनल थ्रश और जेनिटल हर्पीस हैं तो इस मसाज को करने की गलती न करें।
पेरिनियल मसाज (Perineal Massage in Hindi) शुरू करने के पहले आपको कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए-
बस एक बात का ध्यान रखें कि अगर पेरिनियल मसाज करते समय किसी भी प्रकार की असुविधा महसूस हो रही हो तो डॉक्टर को तुरन्त सूचित करें।
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