4 Apr 2022 | 1 min Read
Tinystep
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अगर आप सोचती है कि शिशु को जन्म देने के बाद जिंदगी का सबसे मुश्किल दौर खत्म हो जाता है, तो शायद आपके लिए अभी भी कुछ सरप्राइज बाकि है! गर्भावस्था के दौरान आपके हार्मोन्स आपके मासिक चक्र से १०० टाइम ज्यादा सक्रिय होतें है|यह वही हार्मोन होते हैं जो शिशु के अंगों के विकास में सहायक होते हैं। प्रसव के बाद इन्हें सामान्य होने में समय लगता है|
हार्मोन की यह अस्थिरता आपके लिए निम्न समस्याओं का कारण बन सकती है
प्रसव के बाद स्तनों में सूजन व दर्द हो सकता है। इसका कारण स्तनपान के दौरान तनाव व दर्द होता है। स्तनों में पीड़ा हार्मोन के असंतुलन के कारण हो सकती है,क्योंकि यह हार्मोन लेक्टेशन को बनाते व बढ़ाते हैं। प्रसव के बाद एक साल तक स्तनों का आकार बदलता रहता है,इसलिए इससे परेशान ना हों।
सव के बाद द्रव व खून का निष्कासन ठीक प्रकार से नहीं हुआ हो, तो वह प्रसव के कुछ सप्ताह तक धीरे धीरे स्त्राव के रूप में निकलता है। प्रसव के बाद योनि में दर्द कुछ हफ्तों तक रहता है। इसलिए यह जरूरी है कि आप उसका विशेष ध्यान रखें और उस हिस्से पर दबाव ना डालें।
गर्भावस्था के बाद अतिरिक्त चर्बी को कम करना असंभव लगता है। इसका प्रमुख कारण हार्मोनस ही होते हैं, जिस कारण वजन कम ना कर पाने के तनाव में आप उदास व हताश महसूस करती है, लेकिन यकीन मानिए आप नियमित योगाभ्यास द्वारा कुछ ही महीनों में स्वस्थ व आकर्षक शरीर पा सकती है।
प्रसव के बाद जिस गति से बाल झड़ते हैं, हो सकता है कि आप यह महसूस करें कि शायद जल्द ही आपके सर पर एक भी बाल ना बचे! गर्भावस्था के दौरान आपके ग्रोथ हार्मोन बढते हैं जिस कारण बालों की मोटाई बढ़ती है। शिशु के जन्म के बाद शरीर दुबारा सामान्य होने लगता है। इस कारण अतिरिक्त बाल झड़ने लगते हैं,,इसलिए इस विषय में अधिक सोचकर परेशान ना हों।
प्रसव के बाद नींद ना आना एक आम समस्या है, हो सकता है आप डिलीवरी के बाद भी यह महसूस करती हों कि शिशु आपको किक कर रहा है। यह गर्भावस्था के दौरान रहे (endure constant movement) के लक्षण है। आपका शरीर इसका आदी हो जाता है, जिस कारण सामान्य रूप से सोने में शरीर को कुछ समय लगता है। इसका कारण हार्मोन भी हो सकते है इसलिए सब्र से काम लें क्योंकि यह लक्षण कुछ समय बाद खुद दूर हो जाएंगे।
इसमें असंतुलित हार्मोनस को सामान्य करने की क्षमता होती है, जो आपको हार्मोन को सामान्य करने में सहायता करता है।
रेशे युक्त भोज्य पदार्थो को आहार में शामिल करने से यह अतिरिक्त हार्मोन को कम करके एस्ट्रोजन का निर्माण करता है।
यह हार्मोन को सामान्य करने का महत्वपूर्ण स्त्रोत है,इसलिए सुबह की धूप अवश्य लें, और डाक्टर द्वारा दिए गए विटामिन केप्सूल का भी सेवन करें।
इसे गोलियों, पाउडर या तेल के रूप में लेकर असंतुलित हार्मोनस को सामान्य किया जा सकता है |इसे केप्सूल के तौर पर लेकर आप हार्मोनस को जल्द सामान्य कर सकती है।
प्रसव के बाद शरीर नाजुक हालत में होता है, इसलिए इनके साथ से दूर रहना चाहिए। इसके बजाए अधिक पानी पिएं व ताजे फलों का जूस लें।
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