20 Sep 2022 | 1 min Read
Mousumi Dutta
Author | 387 Articles
डिलीवरी के बाद माँ के शरीर में बहुत तरह के हॉर्मोनल बदलाव होते हैं, जिसका सीधा असर शरीर पर भी पड़ता है। इन बदलावों में सबसे ज्यादा असर बालों पर पड़ता है। इसलिए आम तौर पर अधिकतर महिलाओं के बाल प्रेगनेंसी के दौरान काले, घने और शाइनी हो जाते हैं, लेकिन डिलीवरी के बाद उन्हीं बालों का झड़ना आम समस्या हो जाता है।
इसलिए डिलीवरी के बाद बालों का झड़ना महिलाओं के लिए चिंता का विषय बन जाता है। हम इस लेख के माध्यम से आपके इस टेंशन को कम करने की कोशिश करेंगे। चलिए आगे जानते हैं बालों का झड़ना क्यों होता है और किन उपायों से इसको मैनेज कर सकते हैं।
हॉर्मोन्स में सबसे पहले ह्यूमन कोरियोनिक गोनाडोट्रोपिन या एचसीजी स्पाइक होता है। यह वह हॉर्मोन होता है, जो प्रेगनेंट होने का संकेत देता है। इसके अलावा प्रेगनेंसी में अन्य हॉर्मोन्स का स्तर भी बढ़ता है, वह है एस्ट्रोजन, प्रोजेस्टेरोन, ऑक्सीटोसिन और प्रोलैक्टिन। यहाँ तक कि गर्भावस्था के दौरान आपके रक्त की मात्रा भी आपकी नियत तारीख तक सामान्य से 50 प्रतिशत अधिक मात्रा में बढ़ जाता है।
इसके ठीक विपरित डिलीवरी के तुरन्त बाद हॉर्मोन का स्तर तेजी से गिरने लगता है, जिसमें मूल रूप से एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन शामिल होता है। जन्म के 24 घंटे के अंदर इन हॉर्मोन्स का स्तर नॉर्मल हो जाता है, लेकिन ब्रेस्टफीडिंग के दौरान प्रोलैक्टिन का स्तर 50 प्रतिशत तक बढ़ा रहता है। वैसे तो डिलीवरी के तुरन्त बाद ब्लड का लेवल भी घट जाता है, जो बच्चे के आने के कुछ सप्ताह बाद नॉर्मल हो जाता है।
लेकिन डिलीवरी के बाद हॉर्मोन का स्तर गिर जाता है, जिसके कारण बालों का झड़ना सबसे बड़ी समस्या होकर सामने आ जाती है। यह इसलिए ऐसा लगता है क्योंकि बालों के झड़ने की कुल मात्रा शायद पिछले नौ महीनों में बालों के झड़ने की मात्रा से अधिक होती है। इसलिए यह ऐसा लगता है कि सब एक ही बार में हो रहा है।
डिलीवरी के बाद बालों का झड़ना आपके बच्चे के आने के बाद किसी भी दिन से शुरू हो सकता है और यह कभी-कभी एक साल तक चल सकता है। चार महीने के आस-पास तक बालों का झड़ना सबसे ज्यादा होता है। इसलिए अगर आपका बच्चा कुछ महीने का हो गया है और तब भी बालों का झड़ना जारी है तो चिंता करने की जरूरत नहीं है।
संतुलित और पौष्टिक आहार खाएं- आहार में विभिन्न प्रकार के फलों, सब्जियों और हेल्दी प्रोटीन को शामिल करने की कोशिश करें, इससे शरीर और बालों को पूर्ण रूप से पोषक तत्व मिल जाएंगे। बालों के लिए डायट में पत्तेदार सब्जियां (आयरन और विटामिन सी से भरपूर), शकरकंद और गाजर (बीटा कैरोटीन से भरपूर), अंडा (विटामिन डी के लिए) और मछली (ओमेगा-3 और मैग्निशियम से भरपूर) को शामिल करें।
तेल से अच्छी तरह से चंपी करें- दादी-नानी के जमाने से बालों के ग्रोथ और रूसी आदि समस्याओं से निजात पाने के लिए नारियल तेल से चंपी करने का चलन चला आ रहा है। हेयर ऑयल ऐसा होना चाहिए, जो बिल्कुल विशुद्ध हो।
नारियल तेल में मॉइश्चराइजिंग गुण होता है जो स्कैल्प में नमी को बनाए रखने में मदद करता है। इसके अलावा एंटिफंगल, एंटीऑक्सीडेंट, एंटीबैक्टीरियल गुण डैंड्रफ आदि समस्याओं को दूर करने में मदद करता है और बालों के ग्रोथ में सहायता प्रदान करता है।
आप विशुद्ध ऑर्गेनिक कोकोनट ऑयल के लिए बेबीचक्रा का ऑर्गेनिक कोकोनट ऑयल का इस्तेमाल कर सकते हैं। यह बच्चे से लेकर बड़े सबके लिए अच्छा होता है।
विटामिन्स लेना न भूलें- अक्सर डिलीवरी के बाद भी विटामिन्स लेने की सलाह दी जाती है जिसका प्रेगनेंसी के दौरान लेने की सलाह दी गई थी। खासकर जब माँ स्तनपान करा रही हों। डिलीवरी के बाद सिर्फ बालों का झड़ना रोकने के लिए विटामिन्स लेने की सलाह नहीं दी जाती है, बल्कि समग्र स्वास्थ्य के विकास के लिए दी जाती है।
माइल्ड और वॉल्यूमाइज़िंग शैम्पू का इस्तेमाल करें- डिलीवरी के बाद शरीर की तरह बाल भी संवेदनशील अवस्था में होते हैं। इसलिए इस अवस्था में केमिकल और टॉक्सिन फ्री शैंपू का इस्तेमाल करना चाहिए। साथ ही जो शैंपू नेचुरल चीजों से बने हो, उसका इस्तेमाल करना ही सेफ होता है। बेबीचक्रा का ये शैंपू सिर्फ बच्चों के लिए ही नहीं बड़ों के बालों के लिए भी बिल्कुल सुरक्षित होता है।
हेयर स्टाइल करने से बचें- जब बाल कमजोर होकर झड़ने लगते हैं तब बालों को ड्रायर या कर्लिंग आयरन से गर्म करने से बाल पतले हो सकते हैं। इस अवस्था में फैंसी स्टाइलिंग से दूर रहना ही बेहतर होता है। दिन में एक बार ही बालों को हल्के हाथों से ब्रश करें।
अब तक के चर्चा से आप समझ ही गए होंगे कि डिलीवरी के बाद बालों का झड़ना कोई गंभीर समस्या नहीं है, सिर्फ थोड़ी-सी खुद की देखभाल करने की जरूरत है ताकि आप ठीक रहें। आप स्वस्थ रहेंगे तो बाल भी ठीक रहेंगे।
संबंधित लेख-
बेबी के हेल्दी हेयर ग्रोथ के लिए 5 टिप्स
पीसीओडी में प्रेगनेंसी: पीसीओडी में जल्दी प्रेगनेंट होने के उपाय
ब्रेस्टफीड के बाद ब्रेस्ट का ढीलापन: 11 ब्रेस्ट को टाइट करने के ईजी टिप
A
Suggestions offered by doctors on BabyChakra are of advisory nature i.e., for educational and informational purposes only. Content posted on, created for, or compiled by BabyChakra is not intended or designed to replace your doctor's independent judgment about any symptom, condition, or the appropriateness or risks of a procedure or treatment for a given person.