4 May 2022 | 1 min Read
Ankita Mishra
Author | 409 Articles
माँ की जिम्मेदारियों को परिभाषित नहीं किया जा सकता है, न ही कैसे एक अच्छी माँ बनें इसे लेकर कोई निष्कर्ष दिया जा सकता है। समय के साथ घरेलू से लेकर वर्किंग मदर भी अपनी माँ की जिम्मेदारियां खुद ही से निभाना सीख जाती हैं।
हालांकि, शुरू-शुरू में घरेलू माँ के मुकाबले, कामकाजी मां कैसे करें बच्चों की देखभाल इसमें थोड़ी-बहुत परेशानी आ सकती है। वर्किंग मदर कैसे एक अच्छी माँ बनें और घर व ऑफिस के साथ ही, बच्चों की देखभाल किस तरह से करें, इसके लिए बेबीचक्रा मदर्स डे (Mother’s Day) पर कुछ खास टिप्स दे रहा है।
मदर्स डे (Mother’s Day) पर पढ़ें कुछ खास टिप्स और जानें वर्किंग मदर कैसे एक अच्छी माँ बनें।
दिन के शुरू होने से पहले ही यह तय कर लें कि आपको दिनभर में क्या-क्या करना है। इसके बाद कौन-से काम को पहले करना है और किस काम को बाद में करना है इसकी लिस्ट बनाएं। इसी तरह अगर किसी काम को अगले दिन पर या वीकेंड पर टाला जा सकता है, तो उसे टाल भी सकती हैं। बस इस बात का ध्यान रखें कि अपनी प्राथमिकताओं में घर व ऑफिस दोनों ही कामों को बराबर शामिल करें।
कैसे एक अच्छी माँ बनें, इसका एक जवाब है मल्टीटास्किंग स्किल डेवलप करना। उदाहरण के लिए, नहाते समय बाथरूम की सफाई कर देना, लंच बनाते समय वॉशिंग मशीन में कपड़े धोना, बच्चों को पढ़ाते समय डिनर की प्लानिंग करना व सोते समय सुबह नाश्ते व लंच में क्या बनाना है इस पर बच्चे व साथी से चर्चा करना।
कामकाजी मां कैसे करें बच्चों की देखभाल, अगर इसके लिए खुद को तैयार करना चाहती हैं, तो बेहतर होगा कि खुद को फ्लेक्सिबल बनाएं। उदाहरण के तौर पर, मनपसंद खाने की बजाय बच्चे की पसंद का खाना बनाना व उसे खाना, फैंसी ड्रेसिंग की बजाय ऐसे कपड़ों का चुनाव करना जिनसे नर्सिंग में आसानी हो व वे ऑफिस पहनकर जाने के लिए भी उचित हों।
किसी भी काम या योजना की प्लानिंग में अधिक समय बर्बाद न करें। नई माँ को तरह-तरह के सलाह देने के लिए दिन भर फोन आ सकते हैं, ऐसे में उनके साथ ज्यााद समय न बिताएं। बल्कि, ट्रैवल के दौरान झपकी ले सकती हैं, इसके लिए फोन में अलार्म भी लगा सकती हैं। इसी तरह लंच ब्रेक के दौरान दोस्तों व रिश्तेदारों से बात भी कर सकती।
घर के कामकाज में अपने पति व बच्चों की छोटी-मोटी मदद भी लें। इसमें किसी तरह का संकोच न करें कि घर के दूसरे सदस्य या पड़ोसी इस पर कैसी प्रतिक्रिया देंगे। हो सके तो ऑफिस मेल का रिप्लाई या क्लाइंट प्रोजेक्ट को तैयार करने में अपने पति की भी मदद लें।
कामकाजी मां कैसे करें बच्चों की देखभाल, इसके लिए इस बात का ध्यान रखें कि काम व ऑफिस के बीच संतुलन बना हुआ हो। यानी घर आकार ऑफिस की बात या ऑफिस का काम ज्यादा न करें और न ही ऑफिस में अपना ध्यान घर के कामों में लगाएं रखें। इससे नई वर्किंग मॉम्म बच्चे की देखभाल के साथ ही, पति को भी अपना उचित समय दे पाएंगी।
दिन भर खुद को ऑफिस-घर-ऑफिस में उलझा कर न रखें। हो सके तो घर के कामों में मदद के लिए बाई की मदद ले सकती हैं। पर हर दिन अपने बच्चे व परिवार के साथ एक क्वालिटी टाइम जरूर बिताएं। इसके लिए डिनर का समय सबसे अच्छा हो सकता है। इसलिए, कोशिश करें कि ऑफिस के काम को समय पर खत्म करें और घर समय पर आकर परिवार व बच्चे के साथ डिनर करें।
अपने शुरुआती मदरहुड के बारे में अपने मैनेजर व एचआर को जरूर बताएं, ताकि आपके इस सफर में उनका कैसा रवैया हो सकता है, इसका अंदाजा लगाया जा सके। हो सके तो उनके हफ्ते में एक या दो दिन के लिए वर्क फ्रॉम की रिक्वेस्ट भी कर सकती हैं और अधिक भागादौड़ी वाले काम की बजाय ऑफिस में ही रहकर किए जाने वाले प्रोजेक्ट्स की भी बात कर सकती हैं।
वर्किंग मदर कैसे एक अच्छी माँ बनें, इसके लिए हर काम को अपनी योजना के अनुसार ही करें। उदाहरण के लिए मूड बनने पर शॉपिंग, मूवी या डिनर के लिए न जाएं। अगर शॉपिंग, मूवी या डिनर के लिए जाना भी है, तो पहले से ही उसकी योजना बनाएं और उसी के अनुसार चलें।
खुद के साथ ही अपने बच्चों की भी दिनचर्या बनाएं। बच्चा कितने बजे सोकर उठेगा, स्कूल के लिए कितने बजे जाए और दोस्तों के साथ कब व कितनी देर के लिए खेलने जाएगा, इस पर उसकी दिनचर्या को तैयार कर लें। खेलकदू के साथ ही बच्चा अपना कितना समय पढ़ाई पर देगा इसके लिए भी बच्चे का एक टाइम टेबल जरूर बनाएं।
अगर ऑफिस का काम बहुत ज्यादा है या किसी काम से बाहर जाना पड़ रहा है और बच्चे को साथ में लेकर नहीं जा सकती हैं, तो अपने इलाके के रजिस्टर्ड डे केयर सेंटर मदद लें। वहां मौजूद कर्मचारियों को बच्चों की देखभाल के लिए ट्रेन किया जाता है और सभी कर्मचारियों का निजी रिकॉर्ड नजदीकी पोलिस स्टेशन में मौजूद रहता है।
ऐसे में रजिस्टर्ड डे केयर सेंटर में बच्चे को सौंपने से पहले बच्चे की देखभाल करने वाले कर्मचारी का रिकॉर्ड भी जरूर चेक कर लें।
अगर बच्चा बहुत जिद्दी है और वह सिर्फ माँ के साथ ही रहना चाहता है, तो बच्चे के साथ अपनी परिस्थिति घर व ऑफिस की जिम्मेदारियों के बारे में साझा किया जा सकता है। उसे अपने दिन भर का शेड्यूल समझा सकते हैं। इससे ब्च्चा आसानी से माँ की बात को समझ सकता है और सिर्फ माँ के साथ रहने की जिद भी कम कर सकता है
ऑफिस में लंच टाइम में और ऑफिस से बाहर निकलने पर बच्चे से फोन पर बात जरूर करें। उसने खाना खाया या नहीं, होमवर्क कितना किया व स्कूल में उसका दिन कैसा था, इस बारे में उससे जरूर बात करें।
इसमें कोई शक नहीं वर्किंग मदर की लाइफ कई मुश्किल फैसलों से भरी होती है। उन्हें घर व ऑफिस के साथ ही, पति व बच्चे को भी पूरा समय देना होता है। ऐसे में आशा करते हैं कि कैसे एक अच्छी माँ बनें उनकी इस दिनचर्या में हमारे बताए गए टिप्स आपके काम आएंगे। अगर आप एक कामकाजी माँ हैं और बच्चों की देखभाल में अपना दिन का समय देती हैं, तो कमेंट के जरिए हमारे साथ अपने सुझाव भी शेयर कर सकती हैं।
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