1 Mar 2022 | 1 min Read
Ankita Mishra
Author | 409 Articles
महाशिवरात्रि व्रत की बात ही निराली है। शिवरात्रि के दिन न सिर्फ महिलाएं शिव जी की आराधना करती हैं, बल्कि पुरुष भी महाशिवरात्रि व्रत करना पसंद करते हैं। जैसा कि आप जानते हैं कि इस पूजा को करने के लिए हिंदू धर्म में व्रत को अनिवार्य माना जाता है। यह जितना सच है उतना ही यह भी सच है कि मरीज और गर्भवती महिलाओं को कोई भी पूजा या व्रत करने से पहले डॉक्टर से पहले सलाह ले लेना अनिवार्य होता है।
गर्भवती महिलाओं को शिवरात्रि का व्रत रखना चाहिए या नहीं, यह शिशु और माँ की शारीरिक अवस्था को ध्यान में रखकर निर्धारित करनी चाहिए। यही वजह है कि इस लेख में हम गर्भावस्था के दौरान व्रत रखना कितना सुरक्षित हो सकता है, इसकी जानकारी दे रहे हैं।
गर्भवती महिलाओं को शिवरात्रि का रखना चाहिए या नहीं, यह पूरी तरह से गर्भवती महिला के स्वास्थ्य, शिशु की स्थिति व प्रेग्नेंसी के चरण पर निर्भर कर सकता है। दरअसल, महाशिवरात्रि व्रत या अन्य उपवास के दौरान भूखा रहना पड़ता है, वहीं, कुछ लोग व्रत का पूरा दिन बिना कुछ खाए-पीए (निर्जला) भी रहते हैं।
दूसरी तरफ गर्भवती महिला को न सिर्फ खुद के स्वास्थ्य का, बल्कि गर्भ में पल रहे शिशु के स्वास्थ्य का भी पूरा ध्यान रखना पड़ता है। ऐसे में प्रेग्नेंसी में व्रत या उपवास रखने से माँ के स्वास्थ्य के साथ ही शिशु पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ने का जोखिम बढ़ सकता है।
वहीं, अगर गर्भवती महिला पूरी तरह से स्वस्थ है, उसे कोई स्वास्थ्य संबंधी परेशानी नहीं है, तो ही गर्भावस्था के दौरान व्रत रखना सुरक्षित माना जा सकता है। बता दें कि जेस्टेशनल डायबिटीज जैसी कुछ अन्य चिकित्सकीय परिस्थितियों में डॉक्टर से सलाह लिए बिना और उनके सलाह के अनुसार टेस्ट किए बिना उपवास करने का फैसला लेने की गलती नहीं करनी चाहिए।
कहने का मतलब यह है कि गर्भवती महिलाओं को शिवरात्रि का व्रत या अन्य व्रत करने चाहिए या नहीं, इस बारे में डॉक्टर की उचित सलाह लेनी चाहिए। वह दिए गए टेस्ट के रिपोर्ट और शारीरिक अवस्था के आधार पर उपवास कैसे करना सुरक्षित रहेगा, इस बात की सही सलाह दे सकते हैं।
इस बात से सीधे तौर पर इंकार नहीं कि जा सकता है कि गर्भावस्था के दौरान व्रत रखना जोखिम भरा हो सकता है। यहां पर हम प्रेग्नेंसी में व्रत या उपवास रखने से जुड़े जोखिम होने की संभावनाएं बता रहे हैं, जो सीधे तौर पर गर्भवती महिला व शिशु के स्वास्थ्य के लिए नकारात्मक हो सकता है, जैसेः
अगर कोई महिला गर्भावस्था के दौरान व्रत या उपवास रखना चाहती हैं, तो सबसे पहले उन्हें इस बारे में डॉक्टर की उचित सलाह लेनी चाहिए। इसके अलावा, गर्भावस्था में व्रत का शिशु पर प्रभाव कम से कम हो, इसके लिए कुछ विशेष बातों का ध्यान रखते हुए भी खुद को गर्भावस्था में व्रत के लिए तैयार करना चाहिए, जैसेः
गर्भावस्था के दौरान व्रत रखना कब बंद करना पड़ सकता है?
डॉक्टरी सलाह पर गर्भवती महिलाओं को शिवरात्रि का व्रत रखना सुरक्षित माना जा सकता है। हालांकि, अगर व्रत रखने के लिए दौरान गर्भवती महिला के स्वास्थ्य में निम्नलिखित लक्षण दिखाई देते हैं, तो उसे तुरंत उपवास बंद कर देना चाहिए, जैसेः
उम्मीद है कि गर्भवती महिलाओं को शिवरात्रि का व्रत किन स्थितियों में रखना चाहिए या नहीं, इससे जुड़ी जानकारी समझने में इस लेख से मदद मिली होगी। नीचे हम महाशिवरात्रि व्रत से जुड़ी खास बातों के बारे में बता रहे हैं।
महाशिवरात्रि व्रत हिंदुओं का सबसे महत्वपूर्ण पर्व है। मान्यता है कि इस दिन भगवान शिव और माँ शक्ति का विवाह हुआ था, इसी उपलक्ष में हर साल उनके विवाह के मूहुर्त पर महाशिवरात्रि व्रत को मनाया जाता है।
हिंदू पंचाग के अनुसार, महाशिवरात्रि व्रत हर वर्ष फाल्गुन के महीने में मनाया जाता है, जिसकी तिथि फरवरी से मार्च के महीने में हो सकती है।
कहा जाता है कि महाशिवरात्रि व्रत करने वाली महिलाओं व पुरुषों को उनका मनचाहा प्रेम मिलता है। यह व्रत जीवन में प्रेम पाने के साथ ही, विवाहित जीवन में प्रेम, मजबूती, सकारात्मक ऊर्जा और एकजुटता का प्रतीक भी माना जाता है।
महाशिवरात्रि के दान इच्छानुसार व्रती सामान्य व्रत या निर्जला व्रत भी कर सकते हैं। सुबह होने पर नित्य कार्य करने के बाद स्नान करके शिव जी की पूजा-अर्चना की जाती है। उनकी पूजा में फल, के साथ ही बेल पत्र, भांग के पत्ते, कच्चे दूध का भोग, बेर, धतूरे का फूल और फल विशेष रूप से अर्पित किया जाता है।
महाशिवरात्रि व्रत करने वाले व्रती इच्छानुसार, शिव चालीसा व शिव मंत्र का जाप भी कर सकते हैं। पर ध्यान रखें कि गर्भावस्था में व्रत का शिशु पर प्रभाव सुरक्षित रहे, तो डॉक्टर की सलाह पर ही गर्भावस्था के दौरान व्रत रखने का फैसला करें। अगर गर्भावस्था पर व्रत और उपवास का असर किसी तरह का नकारात्मक प्रभाव दिखाना शुरू करें, तो तुंरत व्रत बंद कर दें और डॉक्टर से परामर्श करें।
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