3 Jun 2022 | 1 min Read
Ankita Mishra
Author | 409 Articles
Medically reviewed by
Mousumi Dutta
6 माह के बाद छोटे शिशुओं को ठोस आहार खिलाने की सलाह दी जाती है। ऐसे में कई पेरेंट्स हैं, जो ठोस आहार के रूप में दूध, पानी, चाय या जूस के साथ बच्चों को बिस्कुट खिलाना भी शुरू कर सकते हैं। बच्चों को बिस्कुट खिलाना हर पेरेंट्स के लिए सबसे आसान काम होता है। बच्चे के लिए बिस्कुट बहुत ही साफ्ट और टेस्टी होते हैं। इसी वजह से पेरेंट्स इसे बच्चों को खिलाना अधिक पसंद भी कर सकते हैं।
पर क्या आप इस सवाल से अवगत हैं कि बच्चों को बिस्कुट खिलाना सुरक्षित होता है या नहीं! तो चलिए इस लेख में हम आपको इस सवाल का भी जवाब देंगे, साथ ही बच्चों के लिए हेल्दी बिस्कुट बनाने की विधि भी बताएंगे। इससे आप घर के बने बिस्कुट अपने बच्चे के ठोस आहार में शामिल कर सकते हैं।
सेहत के लिहाज से बच्चों को बिस्कुट खिलाना असुरक्षित हो सकता है। जैसा कि बिस्कुट या अन्य पैक्ड स्नैक्स बनाने के लिए आमतौर पर मैदा और शुगर का इस्तेमाल किया जाता है, इसी आधार पर रिसर्च में यह बताया गया है कि बच्चों को बिस्कुट खिलाना हानिकारक हो सकता है। बच्चों को बिस्कुट खिलाने से न सिर्फ उनके शरीर का पोषण प्रभावित हो सकता है, बल्कि उनके संज्ञानात्मक विकास पर भी बुरा प्रभाव देखा जा सकता है।
सीधे तौर पर बच्चों को बिस्कुट खिलाने के नुकसान नहीं देखे जा सकते हैं। आमतौर पर बच्चों के लिए बनाए गए बिस्कुट में इस्तेमाल होने वाली सामग्रियों व उनकी गुणवत्ता के आधार पर बच्चों को बिस्कुट खिलाने के नुकसान देखे जा सकते हैं, जो निम्नलिखित हो सकते हैं, जैसेः
बिस्कुट जैसे अन्य कुकीज का स्वाद मीठा बनाने के लिए इनमें आर्टीफिशयल शुगर व चीनी का इस्तेमाल किया जाता है, जो बच्चे में मोटापे का खतरा बढ़ा सकता है।
दूसरी तरफ आमतौर पर बाजार में मिलने वाले अधिकांश बिस्कुट बनाने में मुख्य रूप से मैदा का इस्तेमाल किया जाता है, जो बच्चे के शीरर में शुगर लेवल तेजी से बढ़ा सकता है और खून में ग्लूकोज जमा सकता है। इसके गंभीर होने पर गठिया और हृदय से जुड़ी की बीमारियों का जोखिम बढ़ सकता है।
बिस्कुट प्रोसेस्ड तरीके से बनाए जाते हैं, जिस वजह से अधिक मात्रा में बच्चों को बिस्कुट खिलाने से उनमें गैस, कब्ज व पेट दर्द से जुड़ी समस्याएं हो सकती हैं।
बच्चों को बिस्कुट खिलाना उनमें एलर्जी का कारण भी बन सकता है। दरअसल, बिस्कुट में ग्लूटेन और सोया लेसिथिन होता है, जो मुख्य रूप से फेफड़ों से जुड़ी एलर्जी का जोखिम बढ़ा सकते हैं।
अगर सुबह-शाम बच्चे को नाश्ते के साथ बिस्कुट खिलाया जाए, तो बिस्कुट खाने से उसका पेट जल्दी भर सकता है और वह हर बार बिस्कुट खाने का जिद भी कर सकता है। वहीं, मैदे व शुगर से बने बिस्कुट में पोषक तत्वों की मात्रा नहीं होती है, जो बच्चे के शरीर में पोषण की कमी कर सकते हैं।
एक तरीके से देखा जाए, तो नाश्ते के रूप में शुरुआती ठोस आहार में बच्चों को बिस्कुट खिलाना सबसे अच्छा विकल्प हो सकता है। पर मार्केट में मिलने वाले बिस्कुट के कई नुकसान हो सकते हैं। ऐसे में पेरेंट्स घर के बने बिस्कुट बच्चे को खिला सकते हैं।
यहां हम बादाम बिस्कुट रेसिपी (आल्मंड बिस्कुट) बता रहे हैं। यह बहुत ही आसान है और हेल्दी भी है। तो स्क्रॉल करें और पढ़ें बच्चों के लिए हेल्दी बिस्कुट बनाने की विधि।
अगर आप बच्चों को बिस्कुट खिलाना चाहते हैं, तो उसे घर के बने बिस्कुट खिलाना एक सुरक्षित विकल्प हो सकता हैं। इसके अलावा, मार्केट में मिलने वाले बिस्कुट में मिली सामग्रियों की जांच करने के बाद भी उन्हें खरीदें। बेहतर होगा मैदे की जगह गेंहू के आटे और लो शुगर वाले बिस्कुट ही खरीदें।
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