11 Jul 2022 | 1 min Read
Vinita Pangeni
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गर्भपात के बाद घरेलू उपचार, यह सुनकर शायद आपको अटपटा लगे। लेकिन, गर्भपात के बाद महिला शारीरिक रूप से कमजोर और मानसिक रूप से दुखी रहती है। पेट में दर्द, पीठ में दर्द और न जाने क्या-क्या। ऐसे में गर्भपात के बाद घरेलू उपचार आपकी मदद कर सकते हैं। हम इस लेख में गर्भपात के बाद कमजोरी दूर करने के उपाय और दर्द कम करने के तरीकों का उल्लेख कर रहे।
सबसे पहले यह समझते हैं कि गर्भपात क्या है। यह 20वें हफ्ते से पहले गर्भ को नुकसान होना गर्भपात कहलाता है। कहा जाता है कि गर्भावस्था में पांच महिलाओं में से एक महिला का गर्भपात होता है।
गर्भपात के बाद घरेलू उपचार करने से पहले यह समझना जरूरी है कि मिसकैरेज के बाद क्या परेशानियां होती हैं।
गर्भपात के बाद अपनी देखभाल करना जरूरी है। कैसे इस वक्त अपना ख्याल रखें, यह आगे जानिए।
गर्भपात के बाद अपनी देखभाल करने के लिए बेड रेस्ट जरूरी है। महिला को भारी कामकाज, भारी व्यायाम, आदि करने से बचें। सही से बेड रेस्ट नहीं करने से शरीर को रिकवर होने में मदद मिलती है।
गर्भपात के बाद घरेलू उपचार के रूप में गर्म पानी का सेवन करें। इससे गर्भपात के बाद कब्ज की दिक्कत से बचा जा सकता है। साथ ही यह शरीर में पानी की कमी नहीं होने देगा। गर्भपात के बाद पेट में दर्द हो रहा है या पीठ में दर्द, तो इनसे भी गर्म पानी आराम दे सकता है।
कुछ लोग मानते हैं कि पानी से गर्भपात के बाद गर्भाशय की सफाई भी हो सकती है, लेकिन ऐसा नहीं है। गर्भपात के बाद गर्भाशय की सफाई डॉक्टर ही कर सकते हैं।
गर्भपात के बाद शरीर को आराम की जरूरत होती है। इसका मसाज करवाना अच्छा तरीका हो सकता है। मालिश से शरीर भी रिलैक्स होगा और तनाव भी कम होगा। इसी वजह से मालिश को गर्भपात के बाद घरेलू उपचार के रूप में माना जाता है।
गर्भपात के बाद शरीर रिकवर कर रहा होता है। इसलिए, जरूरी है कि महिला समय-समय पर डॉक्टर से चेकअप करवाए। गर्भपात के कारण महिला के शरीर में कमजोरी के साथ ही रक्त की कमी भी हो सकती है। इसी वजह से डॉक्टर से संपर्क करना जरूरी है।
गर्भपात के बाद डॉक्टर ने कुछ दवाएं लेने की सलाह दी है, तो उन्हें समय-समय पर लें। इसके अलावा, डॉक्टर द्वारा दिए गए अन्य निर्देशों का भी पालन करें।
गर्भपात के बाद घरेलू उपचार से ज्यादा जरूरी, सहवास से बचना है। कुछ समय तक साथी के साथ संबंध बनाने से परहेज करें। बताया जाता है कि गर्भपात के बाद संबंध बनाने से पहले कम-से-कम छह हफ्ते तक इंतजार करना चाहिए।
गर्भपात के बाद कमजोरी दूर करने के उपाय करना जरूरी है, क्योंकि महिला के शरीर को दोबारा से पहले की स्थिति में आना होता है। इसके लिए इस तरह के उपाय कर सकते हैं।
आप गर्भपात के बाद केयर टिप्स को अपनाकर खुद को शरीर को दोबारा पहले जैसा बना सकती है। इस समय बहुत ज्यादा कमजोरी हो जाती है, इसलिए खुद पर ज्यादा ध्यान दें। साथ ही डॉक्टर कुछ गर्भपात के बाद केयर टिप्स बताए, तो उसे जरूर फॉलो करें।
गर्भपात के बाद पेट फूलना सामान्य है। 10-12 दिन से ज्यादा ऐसा हो, तो संभव है कि यह इंफेक्शन का लक्षण है। इसलिए डॉक्टर से संपर्क जरूर करें।
गर्भपात के बाद कई प्रकार के लक्षण दिखने लगते हैं, जिनमें से एक पेट में दर्द भी है। हां, अगर पेट के निचले हिस्से में तेज दर्द है, तो यह अधूरे गर्भपात का लक्षण हो सकता है। ऐसे में अपने चेकअप के लिए क्लीनिक जाएं।
पीठ दर्द गर्भपात का लक्षण है। इसी वजह से गर्भपात के बाद भी कुछ समय तक पीठ में दर्द बना रहता है। यह दर्द असहनीय होने लगे, तो डॉक्टर की सलाह पर दवाएं लें।
गर्भपात के बाद आराम करना चाहिए और डॉक्टर से उचित सलाह लेनी चाहिए। साथ ही गर्भपात के बाद का भोजन पौष्टिक होना चाहिए। इससे शरीर को गर्भपात से उबरने में मदद मिलती है।
चित्र स्रोत – freepik
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