25 Apr 2022 | 1 min Read
Ankita Mishra
Author | 409 Articles
गर्भावस्था में बवासीर (पाइल्स) की समस्या प्रेग्नेंसी महिला की तकलीफों को बढ़ा सकता है। ऐसे में इसका इलाज करने के लिए गर्भवती महिलाएं कुछ तरह के घरेलू उपाय अपना सकती हैं। इस लेख में हम गर्भावस्था में बवासीर (पाइल्स) से राहत पाने के घरेलू उपाय बता रहे हैं। साथ ही, यहां पर आप गर्भावस्था में बवासीर के कारण व प्रेग्नेंसी में बवासीर के लक्षण भी पढ़ेंगे।
हां, गर्भावस्था में बवासीर (पाइल्स) होना सामान्य होता है। खासतौर पर गर्भावस्था के आखिरी चरणों के दौरान। हालांकि, ऐसा नहीं है कि हर गर्भवती महिला इसका अनुभव करें। अध्ययनों के अनुसार, गर्भावस्था के दौरान लगभग 50% महिलाएं बवासीर (पाइल्स) के लक्षण महसूस कर सकती हैं।
इतना ही नहीं, बवासीर न सिर्फ गर्भावस्था के दौरान, बल्कि प्रसव के बाद भी हो सकता है, जिसे भी सामान्य माना जा सकता है।
गर्भावस्था में बवासीर (पाइल्स) होने का जोखिम खासतौर पर गर्भावस्था की तीसरी तिमाही में अधिक देखा जा सकता है। इसके अलावा, गर्भावस्था की दूसरी तिमाही में भी पाइल्स की समस्या हो सकती है। वहीं, गर्भावस्था के शुरुआती दिनों या पहली तिमाही में बवासीर होने के लक्षण सबसे कम देखे जा सकते हैं।
प्रेग्नेंसी में बवासीर के लक्षण निम्नलिखित हो सकते हैं, जिनमें शामिल हैंः
गर्भावस्था में बवासीर के कारण निम्नलिखित हो सकते हैं, जिनके बारे में नीचे बताया गया हैः
गर्भावस्था के दौरान पाइल्स से राहत पाने के घरेलू उपाय निम्नलिखित हैं, जो प्रेग्नेंसी में पाइल्स के लक्षणों को कम करने में मददगार हो सकते हैं। इस भाग में हम गर्भावस्था के दौरान बवासीर पाइल्स इलाज घरेलू तौर पर कैसे किया जा सकता है, इसकी जानकारी दे रहे हैं।
सिट्ज बाथ एक तरह की थेरेपी होती है। इस थेरेपी में दिन में कम से कम दो बार 10-15 मिनट तब गुनगुने या सहने योग्य गर्म पानी में मलाशय तक के भाग को डुबाकर रखना होता है। ऐसा करने से मलाशय के सूजन, खुजली, दर्द व जलन से राहत मिल सकती है और इस तरह प्रेग्नेंसी में बवासीर के लक्षण कम किए जा सकते हैं।
प्रेग्नेंसी में पाइल्स का घरेलू इलाज करने के लिए नारियल तेल का उपयोग किया जा सकता है। नारियल तेल में ऑइंटमेंट प्रभाव होता है, जो न सिर्फ प्रेग्नेंसी में बवासीर के लक्षण कम कर सकता है, बल्कि इसका एनाल्जेसिक और एंटीइंफ्लेमेटरी गुण भी दर्द व सूजन कम कर सकते हैं।
गर्भावस्था में पाइल्स से राहत पाने के घरेलू उपाय में तिल के तेल का उपयोग भी कर सकते हैं। तिल का तेल मलाशय में आए सूजन, दर्द व जलन को काफी हद तक कम कर सकता है।
गर्भावस्था में बवासीर कम करने के लिए विच हेजल का उपयोग भी किया जा सकता है। विच हेजल में प्राकृतिक तौर पर एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं, जो सूजन, लालिमा और जलन को कम करने में मददगार हो सकते हैं।
अगर प्रेग्नेंसी में बवासीर के लक्षण दिखाई देते हैं, तो गर्भवती महिला को अपनी डाइट में फाइबर की मात्रा शामिल करनी चाहिए। दरअसल, फाइबर की कमी से गर्भावस्था में कब्ज की समस्या हो सकती है। वहीं, गर्भावस्था में बवासीर के कारण में एक नाम कब्ज का भी शामिल हैं। ऐसे में यह माना जा सकता है कि फाइबर युक्त डाइट से गर्भावस्था में बवासीर (पाइल्स) का इलाज किया जा सकता है।
गर्भावस्था में बवासीर पाइल्स इलाज में ग्रीन टी का उपयोग भी लाभकारी हो सकता है। प्रेग्नेंसी में बवासीर के लक्षण कम करने में ग्रीन टी के एनाल्जेसिक और एंटीइंफ्लेमेटरी गुण कारगर हो सकते हैं। इसके ये दोनों गुण पाइल्स के कारण होने वाली सूजन व दर्द को कम कर सकते हैं।
गर्भावस्था में पाइल्स से राहत पाने के घरेलू उपाय में एलोवेरा का उपयाेग किया जा सकता है। एलोवेरा का एंटीइंफ्लेमेटरी गुण सूजन कम करने में मददगार हो सकते हैं।
घरेलू तौर पर प्रेग्नेंसी में पाइल्स का इलाज करने के लिए आइस पैक यानी बर्फ के टुकड़ों का भी उपयोग किया जा सकता है। इसके लिए कॉटन के कपड़े में बर्फ के छोटे टुकड़े लपेटकर उससे सिकाईं करनी चाहिए। नियमित रूप से 10-15 मिनट तक ऐसा करने से बवासीर के लक्षण काफी हद तक कम हो सकते हैं।
एप्सम सॉल्ट नमक का ही एक रूप होता है। बस फर्क इतना है कि इसका उपयोग खासतौर पर नहाने के लिए किया जा सकता है। साथ ही, गर्भावस्था में बवासीर (पाइल्स) का घरेलू तौर पर इलाज करने के लिए भी इसका इस्तेमाल किया जा सकता है।
गर्भावस्था में बवासीर के कारण परेशान हैं, तो इस परेशानी को कम करने में जात्यादि तेल भी उपयोगी हो सकता है। दरअसल, जात्यादि तेल में घाव को भरने वाले गुण होते हैं, जिस वजह से यह प्रेग्नेंसी में बवासीर की परेशानी कम कर सकता है।
अगर कोई महिला गर्भावस्था में बवासीर (पाइल्स) का अनुभव करती हैं और वे मेडिकली तौर पर इसका इलाज कराना चाहती हैं, तो नीचे बताए गए तरीकों से प्रेग्रेंसी में बवासीर पाइल्स इलाज किया जा सकता है।
गर्भावस्था में बवासीर के कारण हुए सूजन, जलन व दर्द को कम करने के लिए डॉक्टर एनाल्जेसिक और एंटी इंफ्लेमेटरी प्रभाव युक्त कुछ क्रीम व मलहम लगाने की सलाह दे सकते हैं।
अगर कब्ज के कारण गर्भावस्था में बवासीर (पाइल्स) की समस्या हुई है, तो डॉक्टर गर्भवती महिला को मल को मुलायम बनाने वाली दवाओं के खुराक की सलाह दे सकते हैं।
गर्भावस्था में बवासीर (पाइल्स) होना सामान्य हो सकता है, इसलिए अगर प्रेग्नेंसी के दौरान बवासीर के लक्षण होते हैं, तो घबराएं नहीं। बल्कि, गर्भावस्था में बवासीर के कारण को समझें और उसके आधार पर इसके उचित इलाज के बारे में अपने डॉक्टर की सलाह लें। अधिकांश मामलों में यह भी देखा जाता है कि शिशु के जन्म के बाद गर्भावस्था के दौरान हुए बवासीर (पाइल्स) की समस्या अपने आप दूर भी हो जाती है।
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