15 Jun 2022 | 1 min Read
Vinita Pangeni
Author | 549 Articles
गर्भावस्था में बहुत सारे बदलाव की महिलाएं अपेक्षा करती हैं। हार्मोन्स के चलते मॉर्नंग सिकनेस से लेकर कब्ज की शिकायत तक बहुत कुछ आम है। लेकिन, शायद ही किसी महिला ने सोचा होगा कि प्रेग्नेंसी में आंखों की रोशनी की रोशनी भी प्रभावित होती है। जी हां, गर्भावस्था में आंखों की रोशनी में बदलाव हो सकता है। क्या गर्भावस्था में आंखों की रोशनी बढ़ती है या फिर कुछ और होता है, चलिए आगे जानते हैं।
प्रेग्नेंसी के दौरान आंखों की रोशनी में बदलाव जरूर होता है। लेकिन ऐसा किसी वैज्ञानिक अध्ययन में नहीं लिखा है कि प्रेग्नेंसी में आंखों की रोशनी बढ़ती है। ऐसे में इसे गर्भावस्था से जुड़ा एक मिथक माना जा सकता है। हां, इस दौरान आंखों में होने वाले बदलाव के बारे में जानना जरूरी है। इसके बारे में हम लेख में आगे बता रहे हैं।
गर्भावस्था में आंखों की रोशनी में बदलाव सामान्य है। रिसर्च पेपर के अनुसार, तकरीबन 15 प्रतिशत गर्भावस्था में आंखों की रोशनी या आंखों से संबंधी अन्य बदलाव हो सकते हैं। इस दौरान आंखों में होने वाले बदलाव के बारे में हम आगे विस्तार से बता रहे हैं।
ड्राई आंखें
गर्भावस्था में आंखें पहले के मुकाबले ज्यादा ड्राई हो जाती हैं। इससे कॉन्टेक्ट लेन्स पहनने वालों को दिक्कत हो सकती है। कॉन्टेक्ट लेंस पहनने वाले इस दौरान डॉक्टर से संपर्क करके आर्टिफिशियल टियर का इस्तेमाल कर सकते हैं।
एनसीबीआई द्वारा पब्लिश एक अध्ययन में जिक्र मिलता है कि प्रेग्नेंसी के दौरान ड्राई आई सिंड्रोम होता है। इसके कारण गर्भावस्था में आंखों की रोशनी में बदलाव हो सकता है।
धुंधला दिखना
गर्भावस्था में महिलाएं के शरीर में फ्लूइड जमने लगता है। यह फ्लूइड आंखों में भी जमने लगता है। इससे आई बॉल पर पड़ने वाले दबाव से कॉर्निया (cornea) की थिकनेस और शेप में बदलाव होता है। इसी वजह से धुंधला दिख सकता है। साथ ही प्रेग्नेंसी में हार्मोन्स में होने वाले बदलाव भी धुंधला दिखने का कारण है।
हां, गर्भावस्था में आंखों की रोशनी में बदलाव होना प्री-एक्लेम्पसिया की ओर इशारा कर सकता है। इस दौरान धुंधला दिखना, आंखों का लाइट के प्रति संवेदनशील होना. चमकती रोशनी दिखना या देखते समय धब्बे नजर आना हो सकता है। हालांकि, ऐसा बहुत ही कम मामलों में होता है।
साथ ही गर्भावस्था में डायबिटीज के कारण होने वाला हाई ब्लड शुगर लेवल रेटिना से संबंधित ब्लड वेसल्स को नुकसान पहुंचा सकते हैं। इससे दृष्टि धुंधली हो सकती है।
गर्भावस्था में आंखों में होने वाली ड्राइनेस और धुंधलापन प्रसव के बाद ठीक हो जाता है। ऐसे में इसके उपचार की जरूरत नहीं पड़ती हैं। हां, अगर आंखों से संबंधी समस्या प्री-एक्लेम्पसिया या डायबिटीज के कारण हो रही है, तो इनका उपचार करके आंखों की रोशनी संबंधी दिक्कत को कम किया जा सकता है। इसके अलावा, अगर आंखों का धुंधलापन इन बीमारियों के बिना ही बढ़ रहा है, तो भी डॉक्टर से अवश्य संपर्क करें।
प्रेग्नेंसी में आंखों की रोशनी में बदलाव नजर आना यूं तो सामान्य है। लेकिन, दिक्कत के बढ़ने पर डॉक्टर से परामर्श जरूर करें। वो आपकी स्थिति को ध्यान में रखते हुए और जरूर चेकअप करके सही सलाह दे सकते हैं। गर्भावस्था और पैरेंटिंग से जुड़ी और जानकारी और टिप्स के लिए आप बेस्ट प्रेग्नेंसी ऐप बेबीचक्रा को प्ले स्टोर से डाउनलोड कर सकते हैं।
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