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इमरजेंसी कॉन्ट्रासेप्शन से क्या समझते हैं?

इमरजेंसी कॉन्ट्रासेप्शन से क्या समझते हैं?

24 May 2022 | 1 min Read

Vinita Pangeni

Author | 549 Articles

इमरजेंसी कॉन्ट्रासेप्शन क्या होता है, यह समझना चाहती हैं, तो हम यह लेख आपके लिए लाए हैं। यहां सरल शब्दों में इमरजेंसी कॉन्टासेप्शन (Emergency contraception in hindi) और इसके नुकसान को समझाया गया है। चलिए, तो सबसे पहले जानते हैं इमरजेंसी कॉन्ट्रासेप्शन क्या है। 

इमरजेंसी कॉन्ट्रासेप्शन क्या है? 

इमरजेंसी कॉन्ट्रासेप्शन (EC) , आपातकालीन गर्भनिरोध का एक तरीका है। इसके माध्यम से असुरक्षित यौन संबंध के बाद गर्भावस्था को रोका जाता है। आपातकालीन गर्भनिरोधक तरीके में तांबे के अंतर्गर्भाशयी उपकरण (IUDs) और आपातकालीन गर्भनिरोधक गोलियां (ईसीपी) शामिल हैं।

वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन के मुताबिक, ईसी (Emergency contraception) को यौन संबंध के 5 दिनों के अंदर लेने से 95% गर्भधारण रुक सकता है। लेकिन, इसे जितनी जल्दी उपयोग किया जाए, ये उतना ही प्रभावी होगा।

इमरजेंसी कॉन्ट्रासेप्शन पिल्स (Emergency contraceptive pills) यानी गोलियां ओव्यूलेशन को रोककर या इसमें देरी करके, गर्भधारण को रोकती हैं। लेकिन यह गर्भपात को प्रेरित नहीं करती हैं। 

इसके अलावा, कॉपर युक्त आईयूडी (Copper IUDs) डिवाइस शुक्राणु और अंडे के मिलने से पहले उनमें केमिकल परिवर्तन करके फर्टिलाइजेशन को रोकता है। 

गौर हो कि इमरजेंसी कॉन्ट्रासेप्शन सिर्फ गर्भ को धारण करने से रोकता है। यह गर्भावस्था या विकासशील भ्रूण को नुकसान नहीं पहुंचाता है।

इमरजेंसी कॉन्ट्रासेप्शन का इस्तेमाल कौन कर सकता है?

डब्लूएचओ के अनुसार, आपातकालीन गर्भनिरोधक (Emergency contraception in Hindi) का उपयोग वो महिलाएं या प्रजनन आयु की लड़कियां कर सकती हैं, जो अनचाहे गर्भधारण से बचना चाहती हैं। कॉन्ट्रासेप्शन पिल्स लेने की और तांबे के अंतर्गर्भाशयी उपकरण (IUDs) लगवाने की लिए कोई आयु सीमा निर्धारित नहीं है। 

इमरजेंसी कॉन्ट्रासेप्शन
आपातकालीन गर्भनिरोधक / स्रोत – फ्रीपिक

आपातकालीन गर्भनिरोधक का उपयोग किन स्थितियों में करना चाहिए?

यौन संबंध बनाने के बाद कई स्थितियों में इमरजेंसी कॉन्ट्रासेप्शन (Emergency contraception in Hindi) का इस्तेमाल किया जाता है। इन स्थितियों में ये शामिल हैं –

  • जब पार्टनर के साथ संबंध बनाते समय किसी गर्भनिरोधक का उपयोग नहीं किया गया है।
  • किसी ने जोर-जबरदस्ती से शारीरिक संबंध बनाया गया हो यानी यौन उत्पीड़न हुआ हो।
  • यौन संबंध बनाते समय कंडोम के फटने, फिसलने या सही तरीके से उपयोग न करने पर।
  • गर्भनिरोधक गोली लेने वाली महिलाओं द्वारा तीन से अधिक दिनों तक उसे लेना भूलने पर।
  • बिना किसी मेडिकल कारण के मासिक चक्र में तीन दिन से अधिक की देरी होने पर।
  • डायाफ्राम या सरवाइकल कैप को हटाने, टूटने और फटने पर इमरजेंसी कॉन्ट्रासेप्शन ले सकते हैं।
  • समय पर पार्टनर का योनि से बाहर स्पर्म वि़दड्रॉल न कर पाना। 
  • यौन संबंध के दूसरे- तीसरे दिन पीरियड्स आने वाले हों, लेकिन पीरियड्स में देरी हो जाए, तो इमरजेंसी कॉन्ट्रासेप्शन ले सकते हैं।  

इमरजेंसी कॉन्ट्रासेप्शन के नुकसान 

आपातकालीन गर्भनिरोधक गोलियों (Emergency contraceptive pills) और तांबे के अंतर्गर्भाशयी उपकरण (IUDs) को लेकर विशेषज्ञ से सलाह जरूर लेनी चाहिए। वो इन दोनों इमरजेंसी कॉन्ट्रासेप्शन के नुकसान के प्रति भी जागरुक करते हैं। फिलहाल, इनके नुकसान जानने के लिए लेख को आगे पढ़ें। 

यूआईडी के नुकसान – 

आपातकालीन गर्भनिरोधक तरीके के रूप में लगवाया है, तो इसे लगवाने के 1 से 2 दिनों तक ऐंठन और पीठ में दर्द होता है। कुछ महिलाओं को हफ्तों या महीनों तक ऐंठन और पीठ में दर्द महसूस हो सकता है।

ओरल कॉन्ट्रासेप्टिव्स (emergency contraceptive pills) के नुकसान

  • पेट में जलन और ऐंठन महसूस होना
  • उल्टी और मतली की समस्या
  • वजन कम होना या बढ़ना
  • कब्ज और दस्त की शिकायत
  • मुंहासे और दाग-धब्बे होना
  • त्वचा में खुजली, जलन और चकत्ते नजर आना

गौर हो कि सिगरेट पीने वाली महिलाओं में ओरल कॉन्ट्रासेप्टिव्स (Emergency contraceptive pills) के गंभीर दुष्प्रभाव का खतरा रहता है। इसमें दिल का दौरा, रक्त के थक्के जमना और स्ट्रोक शामिल है। यह जोखिम 35 वर्ष से अधिक उम्र की महिलाओं और ज्यादा धूम्रपान करने वाली महिलाओं में अधिक होता है।

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