एक्टोपिक प्रेग्नेंसी (बन सकती है मुसीबत)

एक्टोपिक प्रेग्नेंसी (बन सकती है मुसीबत)

20 Apr 2022 | 1 min Read

Vinita Pangeni

Author | 549 Articles

हर महिला जीवन के किसी-न-किसी पड़ाव में माँ बनना चाहती है। यह भी सच है कि माँ होना आसान भी नहीं। महिला को शारीरिक और मानसिक रूप से होने वाले बदलावों के लिए तैयार होना पड़ता है। इनके अलावा, गर्भधारण करने के बाद अगर कोई अनहोनी हो गई, तो उसका दुख अलग। गर्भावस्था के साथ ऐसी ही एक दिक्कत एक्टोपिक प्रेग्नेंसी कहलाती है। 

एक्टोपिक प्रेग्नेंसी के बारे में हर महिला को जानकारी होनी चाहिए। जागरूक होना ही एक्टोपिक गर्भावस्था से बचने और समय पर इसका निदान करने का तरीका है। चलिए, तो जानते हैं एक्टोपिक प्रेग्नेंसी के लक्षण, कारण और इलाज।

एक्टोपिक प्रेगनेंसी क्या है? – Ectopic Pregnancy in Hindi

एक्टोपिक प्रेगनेंसी का अर्थ (ectopic pregnancy meaning in hindi) है अस्थानिक गर्भावस्था। इस स्थिति में महिला का गर्भ सही जगह में नहीं होता। मतलब अंडा गर्भाशय के बजाय बाहर फैलोपियन ट्यूब में विकसित हो जाता है। एक्टोपिक प्रेगनेंसी (ectopic pregnancy in hindi) को ट्यूबल गर्भावस्था भी कहा जाता है, क्योंकि यह फैलोपियन ट्यूब में होता है। 

एक्टोपिक प्रेगनेंसी के खतरे

यूं तो एक्टोपिक प्रेगनेंसी दुलर्भ है। मगर सही समय पर एक्टोपिक प्रेगनेंसी के लक्षण ना पहचाने गए, तो यह खतरनाक साबित हो सकता है। 

  • आंतरिक रक्तस्राव
  • फैलोफियन ट्यूब फटने का खतरा
  • गर्भवती महिला को जान का खतरा
  • फैलोफियन ट्यूब में अंडे के पहुंचने के कारण मिसकैरेज होना

एक्टोपिक प्रेगनेंसी होने के मुख्य कारण – Ectopic Pregnancy Symptoms in Hindi

एक्टोपिक प्रेगनेंसी (ectopic pregnancy in hindi) का मुख्य कारण हार्मोनल असंतुलन हो सकता है। इसके अलावा, एक्टोपिक प्रेगनेंसी कैसे होती है और इसके जोखिम कारक क्या हैं, यह समझते हैं।

  • धूम्रपान करना
  • यौन संक्रमित रोग (STD)
  • ट्यूबल एंडोमेट्रियोसिस होना
  • गर्भनिरोधक कॉइल के कारण
  • एक्टोपिक प्रेगनेंसी का इतिहास
  • फर्टिलिटी के लिए दवाइयां लेना
  • आईवीएफ जैसे फर्टिलिटी ट्रीटमेंट
  • पेल्विक में होने वाली इंफ्लेमेटरी डिजीज
  • 35 और उससे अधिक उम्र में गर्भ धारण करना
  • पेल्विक संबंधी सर्जरी के चलते स्कार टिश्यू बनना
  • गर्भधारण करने के लिए ट्यूब संबंधी सर्जरी करवाना

एक्‍टोपिक प्रेग्‍नेंसी के लक्षण – Ectopic Pregnancy ke Lakshan

एक्टोपिक प्रेगनेंसी कैसे होती है, जानने के बाद अब इसके लक्षण समझते हैं। यूं तो एक्‍टोपिक प्रेग्नेंसी (अस्थानिक गर्भावस्था) के शुरुआत में सामान्य गर्भावस्था वाले लक्षण ही दिखाई देते हैं। बताया जाता है कि अधिकांश लक्षण (ectopic pregnancy ke lakshan) गर्भावस्था के चौथे और दसवें सप्ताह के बीच नजर आते हैं। ये कुछ इस प्रकार हो सकते हैं। 

  • चक्कर आना
  • कमजोरी लगना
  • प्रेगनेंसी में मरोड़  
  • बेहोशी महसूस होना
  • योनि से रक्तस्राव का होना
  • यह रक्तस्राव काफी कम और गहरे रंग का हो सकता है
  • कुछ मामलों में मल त्याग के वक्त दर्द होना या दस्त लगना

एक्टोपिक प्रेगनेंसी की पहचान – How to Detect Ectopic Pregnancy in Hindi

यूं तो एक्टोपिक प्रेगनेंसी की पहचान उसके लक्षण से होती है। लेकिन, अधिकतर मामलों में लक्षण इतने सामान्य होते हैं कि डॉक्टर एक्टोपिक प्रेगनेंसी की पुष्टि करने के लिए कुछ इस तरह की जांच करने की सलाह दे सकते हैं।

रक्त परीक्षण – इसके जरिए, रक्त जांच में एचजीसी (ह्यूमन कोरिओनिक गोनाडोट्रोपिन) का स्तर पता किया जाता है। एचसीजी एक हार्मोन है, जो गर्भावस्था के दौरान उत्पन्न होता है। अगर एचसीजी का स्तर बहुत ज्यादा है, तो यह एक्टोपिक प्रेग्नेंसी के लक्षण हो सकते हैं। अगर आपको दर्द नहीं हो रहा और लक्षण फिर भी बने हुए हैं, तो यह टेस्ट दोबारा भी किया जा सकता है।

ब्लड टेस्ट – सबसे पहले तो रक्त परीक्षण की सलाह दी जाती है। इससे ह्यूमन कोरिओनिक गोनाडोट्रोपिन नाम हार्मोन के स्तर को जांंचा जाता है। 

अल्ट्रासाउंड – डॉक्टर अस्थानिक गर्भावस्था (ectopic pregnancy in hindi) का पता लगाने के लिए ट्रांसवेजाइनल  (Transvaginal ultrasound) अल्ट्रासाउंड करने को कह सकते हैं। इस दौरान योनि के माध्यम से एक उपकरण डालकर फैलोपियन ट्यूब को देखा जाता है।

सोनोग्राफी – इस टेस्ट से गर्भाशय को देखा जाता है। यदि गर्भाशय में भ्रूण नहीं दिख रहा है और प्रेग्नेंसी टेस्ट से गर्भधारण की पुष्टि हुई है और प्रेग्नेंसी के लक्षण भी दिख रहे हैंस तो यह एक्टोपिक प्रेग्नेंसी हो सकती है।

एक्‍टोपिक प्रेग्नेंसी का ट्रीटमेंट – Treatment of Ectopic Pregnancy in Hindi

निषेचित (फर्टिलाइज्ड) अंडा गर्भाशय के बाहर सामान्य रूप से विकसित नहीं होता। जीवन का खतरा बनने वाले एक्टोपिक ऊतक को हटाकर ही एक्टोपिक प्रेग्नेंसी का इलाज किया जाता है। डॉक्टर अस्थानिक गर्भावस्था (ectopic pregnancy in hindi) का पता चलने के बाद लक्षणों के आधार पर दवाई, लैप्रोस्कोपिक सर्जरी या पेट की सर्जरी के जरिए एक्टोपिक प्रेगनेंसी ट्रीटमेंट कर सकते हैं। 

दवाई

प्रारंभिक अस्थानिक गर्भावस्था का इलाज मेथोट्रेक्सेट (Methotrexate) दवाई से किया जा सकता है। ये कोशिका वृद्धि को रोकता है और मौजूदा कोशिकाओं को पनपने से रोक देता है। यह दवाई इंजेक्शन के जरिए दी जाती है। 

लेप्रोस्कोपिक सर्जरी

एक्टोपिक प्रेग्नेंसी का इलाज करने के लिए डॉक्टर दो तरह की लेप्रोस्कोपिक सर्जरी कर सकते हैं। इसमें सल्पिंगोस्टॉमी (Salpingostomy) और सल्पिंगेक्टोमी (Salpingectomy) शामिल हैं। 

एमरजेंसी सर्जरी

अस्थानिक गर्भावस्था के कारण भारी रक्तस्राव हो रहा है, तो आपातकालीन सर्जरी की आवश्यकता हो सकती है। सर्जरी के दौरान कुछ मामलों में फैलोपियन ट्यूब को बचाया जा सकता है। हालांकि, ट्यूब के टूटने पर उसे हटा दिया जाता है।

एक्टोपिक प्रेगनेंसी ट्रीटमेंट के बाद आगे इससे बचाव के तरीके समझते हैं।

एक्टोपिक प्रेगनेंसी से कैसे बचें – किन बातों का रखें ध्यान

सावधानियां बरतने से एक्टोपिक प्रेग्नेंसी से कुछ हद तक बचा जा सकता है। क्या हैं वो सावधानियां लेख में आगे जानते हैं। 

  • यौन संक्रमित बीमारियां (STD) के कारण एक्टोपिक प्रेग्नेंसी का खतरा बढ़ सकता है। इसी वजह से सेफ सेक्स करें और एक से अधिक पार्टनर के साथ संबंध बनाने से बचें।
  • यौन संक्रमण का पता लगाने के लिए गर्भधारण करने से पहले परिक्षण करवाएं। अगर इसका पता चलें, तो पूरा इलाज करवाने के बाद ही गर्भधारण करें।
  • योनि से दुर्गंध, पेट के नीचे वाले हिस्से में दर्द, पेशाब करते वक्त दर्द, संभोग के समय दर्द, ये सब यौन संक्रमण के लक्षण माने जाते हैं। जीवन काल में कभी भी ये लक्षण नजर आएं, तो डॉक्टर से संपर्क करें।
  • धूम्रपान करने से बचना चाहिए। यह एक्टोपिक प्रेगनेंसी का जोखिम बढ़ सकता है।

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल :

Q1 जब एक फैलोपियन ट्यूब को निकाल दिया जाता है, तो क्या होता है?

एक फैलोपियन ट्यूब को हटाने से बांझपन नहीं होता। हां, दोनों फैलोपियन ट्यूब को हटाने का मतलब है कि भविष्य में गर्भ धारण नहीं हो सकता। गर्भाशय में इन विट्रो फर्टिलाइजेशन (आईवीएफ) की मदद से बच्चे को ट्रांसफर किया जा सकता है।

Q2 एक्टोपिक प्रेगनेंसी कितने दिन में पता चलता है?

चौथे हफ्ते के बाद एक्टोपिक प्रेगनेंसी का पता लग सकता है।

Q3  एक्टोपिक प्रेगनेंसी के बाद दोबारा गर्भधारण से पहले कितने समय का इंतजार करना चाहिए?

एक्टोपिक प्रेगनेंसी के बाद दोबारा गर्भधारण करने के लिए तीन से पांच महीने का इंतजार करना चाहिए।

Q4 दोबारा अस्थानिक गर्भावस्था होने की कितनी आशंका होती है?

करीबन दस महिलाओं में से एक महिला में दोबारा अस्थानिक गर्भावस्था होने की आशंका होती है।

गर्भावस्था के समय एक्टोपिक प्रेगनेंसी के लक्षण जैसे कि निचले पेट में दर्द बना रहना, योनि से रक्त बहना, आदि नजर आते ही डॉक्टर से संपर्क करें। एक्टोपिक प्रेगनेंसी कैसे होती है, जानकर आपको इसे बचने में मदद मिल सकती है। साथ ही समय रहते इलाज के लिए डॉक्टर से परामर्श भी ले सकती हैं। अन्यथा फैलोपियन ट्यूब को पूरी तरह से नुकसान पहुंच सकता है। इसके चलते भविष्य में गर्भ धारण करने की संभावनाएं कम व खत्म हो सकती हैं।

ये भी पढ़ें –

Ectopic Pregnancy in English

प्रेगनेंसी में कैसे सोएं (Pregnancy mai kaise soye)
प्रेगनेंसी टेस्ट

A

gallery
send-btn

Suggestions offered by doctors on BabyChakra are of advisory nature i.e., for educational and informational purposes only. Content posted on, created for, or compiled by BabyChakra is not intended or designed to replace your doctor's independent judgment about any symptom, condition, or the appropriateness or risks of a procedure or treatment for a given person.