स्तनपान कराने वाली मांओं के लिए स्वस्थ आहार लेना जरूरी होता है। कभी उन्हें कमजोरी महसूस होती है, तो कभी स्तन में दूध नहीं बनता। नई मॉं का दूध बढ़ाने के तरीके और कमजोरी दूर करने के उपाय में पौष्टिक आहार ही शामिल हैं। इसलिए हम स्तनपान कराने वाली माँ के लिए स्वस्थ आहार की सूची लेकर आए हैं।
ये आहार प्रेग्नेंसी के बाद होने वाली कमजोरी को दूर करेंगे और शरीर को जरूरी पोषक तत्व प्रदान करेंगे। साथ ही बच्चे की ग्रोथ के लिए अहम ब्रेस्ट मिल्क के उत्पादन को भी बढ़ाने में मदद करेंगे। चलिए, तो शुरू करते हैं लेख।
माँ का दूध बढ़ाने के तरीके क्या-क्या हैं?
स्तनपान कराने वाली माँ का दूध बढ़ाने के तरीके कई हैं, लेकिन सबसे सुरक्षित तरीका स्वस्थ व पौष्टिक आहार को ही माना जाता है। इसे माँ का दूध बढ़ाने के घरेलू तरीके व प्राकृतिक तरीके भी कहा जाता है। इनकी मदद से माँ के स्तन में सही मात्रा में दूध उतर सकता है। नीचे विस्तार से माँ का दूध बढ़ाने वाले खाद्य पदार्थ व स्तनपान कराने वाली मां के लिए स्वस्थ आहार के बारे में जानिए।
स्तनपान कराने वाली माँ के लिए स्वस्थ आहार | माँ का दूध बढ़ाने के तरीके में शामिल खाद्य पदार्थ
रिसर्च बताती हैं कि माँ जिन पौष्टिक तत्वों का सेवन आहार के माध्यम से करती है, वो दूध के जरिए शिशु तक भी पहुंचते हैं। इसलिए, दूध पिलाने वाली माँ का भोजन स्वस्थ होना चाहिए। इसी वजह से आगे हम दूध बढ़ाने वाले पौष्टिक आहार बता रहे हैं।
गाजर – पौष्टिक और ब्रेस्ट मिल्क बढ़ाने वाले खाद्य पदार्थ में सबसे पहले गाजर का नाम आता है। यह विटामिन ए, अल्फा और बीटा-कैरोटीन से भरपूर होता है। साथ ही ब्रेस्ट मिल्क को भी बढ़ाने का काम करता है। गाजर को डाइट में शामिल करने के लिए कभी गाजर का जूस और कभी गाजर के सलाद का सेवन कर सकते हैं। पसंद हो, तो गाजर की सब्जी और गाजर का हलवा बनाकर भी खा लें।
डेयरी पदार्थ – माँ का दूध बढ़ाने के उपायमें डेयरी पदार्थ भी शामिल हैं। दरअसल, प्रेग्नेंसी के बाद महिला को कैल्शियम की ज्यादा आवश्यकता होती है। इसके लिए सही मात्रा में केल्शियम युक्त खाद्य को डाइट में शामिल करना चाहिए। इससे सबसे अच्छा विकल्प दूध, दही, चीज और दूध से बनने वाले अन्य खाद्य पदार्थों को माना जाता है।
शतावरी -h3 नई माँओं के लिए शतावरी को भी काफी फायदेमंद माना जाता है। यह फाइबर, विटामिन-ए और विटामिन-के से समृद्ध होती है। साथ ही शतावरी नई माँ का ब्रेस्ट मिल्क बढ़ाने में भी मदद कर सकती है। इसी वजह से शतावरी को माँ का दूध बढ़ाने के तरीके के रूप में जाना जाता है।
सोया के बीज – इंग्लिश में डिल सीड्स कहलाने वाले सोया को भी माँ का दूध बढ़ाने के उपाय में गिना जाता है। ये माँ को पोषण देने के साथ ही ब्रेस्ट मिल्क को भी बढ़ाने का काम करते हैं। सोया के बीज ही नहीं, बल्कि सोया का साग भी ब्रेस्ट फीडिंग मदर के लिए अच्छा माना गया है।
पालक – दूध पिलाने वाली माँ का भोजन हरी पत्तेदार सब्जियों से भरपूर होना चाहिए जैसे कि पालक। पालक से महिला के शरीर को आयरन भी मिलता है। लेक्टेशन और न्यूट्रिशन विशेषज्ञ डॉक्टर पूजा ने बेबीचक्रा को बताया, “पालक से भी ब्रेस्ट मिल्क बढ़ाने में मदद मिल सकती है।”
लहसुन – माँ के द्वारा लहसुन का सेवन करने से उनके दूध के स्वाद में थोड़ा अंतर आ सकता है। अगर लहसुन युक्त आहार लेने के बाद शिशु दूध ज्यादा पीने लगे, तो इसे ब्रेस्टफीडिंग मदर डाइट में शामिल कर सकती हैं। डॉक्टर पूजा ने बताया कि इससे मिल्क प्रोडक्शन भी बढ़ सकता है। इसके लिए बस दूध पिलाने वाली माँ का भोजन बनाते समय थोड़ा लहसुन का पेस्ट या कटे हुए लहसुन डालने होंगे।
पपीता – ब्रेस्ट मिल्क बढ़ाने के उपाय में पपीता भी शामिल है। यह स्तनपान कराने वाली महिला के लिए भी अच्छा होता है। खासकर, कच्चा पपीता महिलाओं को ऊर्जा देने और ब्रेस्ट मिल्क बढ़ाने दोनों में मदद कर सकता है। कच्चे पपीते की सब्जी व चाट बनाकर खा सकते हैं।
ओटमील – ब्रेस्टफीडिंग मदर (breast feeding mother) को ओटमील भी अपनी डाइट में शामिल करना चाहिए। इससे महिला को ऊर्जा मिलती है और इसमें मौजूद फाइबर से पाचन अच्छा रहता है। इसलिए इसे माँ का दूध बढ़ाने के तरीके में शामिल किया जाता है।
मेथी – मेथी के दानों को ब्रेस्ट मिल्क का उत्पादन बढ़ाने के लिए सदियों से जाना जाता है। भले ही ये स्वाद में कड़वे हों, लेकिन बेस्टफीडिंग मदर के लिए अच्छे साबित हो सकते हैं। ये मेथी के दाने ब्रेस्ट मिल्क बढ़ाने के उपाय के रूप में काम कर सकते हैं।
सौंफ – प्रेग्नेंसी के समय सौंफ का पानी पीना या सौंफ को यूं ही चबाना भी अच्छा साबित हो सकता है। इसे डाइट में शामिल करने से पाचन संबंधी परेशानियों से राहत मिलती है और ब्रेस्ट मिल्क का उत्पादन भी बढ़ सकता है। यही कारण है कि ब्रेस्ट मिल्क बढ़ाने के उपाय के तौर पर भी इसका इस्तेमाल होता है।
लौकी, तोरी और टिंडा – ये तीनों ही पौष्टिक खाद्य पदार्थ हैं, जो स्तनपान करानी वाली महिलाओं के लिए जरूरी हैं। ब्रेस्ट फीडिंग मदर को ये सब्जियां एनर्जी देने के साथ ही भरपूर पोषण भी देती हैं। डॉक्टर पूजा बताती हैं, “मिल्क प्रोडक्शन को बढ़ावा देने में भी ये मददगार होती हैं।”
स्तनपान कराने वाली माँ को इन चीजों से करना चाहिए परहेज
स्तनपान कराने वाली माँ (Breast Feeding Mother) को इस दौरान कुछ खाद्य पदार्थों से परहेज करना जरूरी हैं। इसी वजह से यह जान लेना चाहिए कि स्तनपान के दौरान क्या न खाएं और किन चीजों की मात्रा कम करनी चाहिए।
कॉफी के सेवन की मात्रा पर ध्यान दें। दरअसल, कैफिन से ब्रेस्ट मिल्क में मौजूद आयरन की मात्रा कम होती है।कॉफी के सेवन की मात्रा पर ध्यान दें। दरअसल, कैफिन से ब्रेस्ट मिल्क में मौजूद आयरन की मात्रा कम होती है।
दूध पिलाने वाली माँ का भोजन गैस बनाने वाले खाद्य पदार्थ जैसे कि ब्रोकली, पत्ता गोभी रहित होना चाहिए। दूध पिलाने वाली माँ का भोजन गैस बनाने वाले खाद्य पदार्थ जैसे कि ब्रोकली, पत्ता गोभी रहित होना चाहिए।
शराब के सेवन से बचें। इससे माँ और शिशु दोनों को नुकसान हो सकता है।शराब के सेवन से बचें। इससे माँ और शिशु दोनों को नुकसान हो सकता है।
परिवार में किसी को भी मूंगफली से एलर्जी हो, तो उसका सेवन न करें।परिवार में किसी को भी मूंगफली से एलर्जी हो, तो उसका सेवन न करें।
अंडे या मछली से भी परिवार में किसी को भी एलर्जी हो, तो उसका सेवन डॉक्टर की सलाह पर ही करें।अंडे या मछली से भी परिवार में किसी को भी एलर्जी हो, तो उसका सेवन डॉक्टर की सलाह पर ही करें।
कॉर्न से शिशुओं को एलर्जी होती है, इसलिए स्तनपान करानी वाली महिलाओं को इसके सेवन से बचना चाहिए।
स्तनपान कराने वाली माँ के लिए स्वस्थ आहार लेने के साथ ही कुछ परहेज करना भी जरूरी है। इनके बारे में ऊपर विस्तार से बताया गया है। ऐसे ही टिप्स और आहार संबंधी जानकारी के लिए पढ़ते रहें बेबीचक्रा के अन्य लेख।
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