3 Mar 2022 | 1 min Read
Ankita Mishra
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न सिर्फ प्रेग्नेंसी के दौरान, बल्कि डिलीवरी के बाद भी नई माँ के शरीर में कई तरह के बदलाव होते हैं। शिशु के जन्म के दौरान रक्तस्राव होने से शरीर में कमजोरी आ जाती है। ऐसे में डिलीवरी के बाद कमजोरी को कम करने के लिए कई तरह की रेसिपीज बनाई जाती है, इन्हीं में एक है डिलीवरी की कमजोरी के लिए हलवा। यहां पर हम आपको डिलीवरी के बाद की कमजोरी के लिए आटे के हलवे की रेसिपी बता रहे हैं। पारंपरिक तौर पर भारतीय घरों में इसे नई माँ की रिकवरी के लिए बनाया जाता है।
प्रसव के बाद नई मां के बॉलेव मूवमेंट में बदलाव हो सकता है। इसी कारण प्रसव के बाद नई माँ को गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल (Gastrointestinal) समस्याएं या शौच संबंधी विकार हो सकती है। इसकी वजह से उन्हें पेट में गैस बनना, कब्ज होना, अपच की समस्या, सीने में जलन आदि जैसे लक्षण हो सकते हैं।
वहीं, गेंहू के आटे के हलवे के फायदे की बात करें, तो यह हलवा फाइबर से समृद्ध होता है, जो आसानी से पच जाता है और पाचन क्रिया को बेहतर कर सकता है। इसके अलावा, इस आटे के हलवे के फायदे निम्नलिखित हो सकते हैं, जैसेः
नीचे हम गेंहू के आटे का हलवा कैसे बनाएं, इसकी रेसिपी बता रहे हैं। ध्यान रखें कि इस रेसिपी में आप अपनी पसंद के अनुसार सामग्रियों की मात्रा को कम या ज्यादा कर सकती हैं।
बस तैयार है डिलीवरी के बाद की कमजोरी के लिए हलवा। इसमें सर्विंग के लिए ऊपर से बारीक कटे हुए ड्राई फ्रूट्स भी मिला सकती हैं और ठंडा होने के बाद नई माँ को खाने के लिए दें।
उम्मीद है कि डिलीवरी के बाद कमजोरी दूर करने के लिए इस आटे के हलवे की रेसिपी न्यू मॉम्स को पसंद आएगी। एक बात का ध्यान रखें डिलीवरी की कमजोरी के लिए हलवा बनाते समय उसमें बहुत अधिक मात्रा में चीनी या घी का इस्तेमाल न करें। साथ ही एक बार में सिर्फ आधी कटोरी की मात्रा में ही इस हलवे का सेवन करें। इसके अलावा प्रसव के बाद खान पान का ध्यान रखना चाहिए, इससे जुड़ी अधिक जानकारी के लिए हमारे अन्य लेख भी पढ़ें।
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