27 Oct 2022 | 1 min Read
Mousumi Dutta
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बच्चे की छोटी-सी नाक में सर्दी है कि, बार-बार होती रहती है। क्या आप जानते हैं कि जन्म के पहले वर्ष में ही बच्चों को सर्दी आठ से भी अधिक बार हो सकते हैं। विशेषकर बच्चे अगर डे केयर में रहते हैं या घर में दूसरे भाई-बहन स्कूल में पढ़ते हैं तो वे घर में बाहर से जर्म लेकर आते हैं। बच्चों को सर्दी होने के मूल कारणों में से ये एक है। बच्चों को सर्दी होने पर मुश्किल यह होता है कि उन्हें दवा भी दिया नहीं जा सकता। इसलिए आज बच्चों को सर्दी से राहत दिलाने के लिए कुछ आसान घरेलू उपायों के बारे में आप से बात करेंगे।
यह तो आप समझ ही गए होंगे कि बच्चों को सर्दी बार-बार इसलिए होती है क्योंकि उनकी इम्यूनिटी बहुत कमजोर होती है। इसी कारण सर्दी जिन वायरसों के कारण होती है, उन 100 से अधिक वायरसों से लड़ने के लिए उनकी इम्यूनिटी सक्षम नहीं होती है। असल में जब घर में सर्दी के कारण कोई छींकता या खांसता है तब यह वायरस फैलकर बच्चों को अपने कब्जे में कर लेता है।
सर्दी के वायरस बच्चों के खिलौने, फर्श पर, सामान के सतहों पर फैल जाते है, जिसको बच्चे जब छूते हैं तो इस वायरस से आसानी से संक्रमित हो जाते हैं।
बच्चों को सर्दी से संक्रमित होने के 1-3 दिन बाद ही लक्षण स्पष्ट महसूस होने लगते हैं। तो चलिए बच्चों को सर्दी होने पर जो आम लक्षण महसूस होते हैं या नजर आते हैं, उनमें से कुछ ये हैं-
लेकिन सर्दी के लक्षण लगभग 7 से 10 दिनों के बाद खुद ही धीरे-धीरे बेहतर अवस्था में जाने लगता है। बच्चों को सर्दी होने के बाद सच तो यह है कि सर्दी-जुकाम के इलाज की जरूरत नहीं होती है। सर्दी के लक्षण समय के साथ ठीक होने लगते हैं। लेकिन शिशुओं और बच्चों को बिना पर्ची के मिलने वाली खांसी और जुकाम की दवाएं न दें। ये उत्पाद 6 साल से कम उम्र के बच्चों में अच्छा काम नहीं करते हैं, और ये छोटे बच्चों में खतरनाक दुष्प्रभाव पैदा कर सकते हैं। एफडीए 4 साल से कम उम्र के बच्चों में इनका इस्तेमाल बिल्कुल नहीं करने की सलाह देता है।
अधिक मात्रा में फ्लूइड पिलाएं- यह बलगम को पतला करता है, और यह बंद नाक को खोलने में मदद कर सकता है। यह उन्हें डिहाइड्रेट होने से भी बचाता है। अपने बच्चे को स्तन का दूध या फॉर्मूला मिल्क पिलाएं। उन्हें सोडा या जूस न दें – उनमें चीनी की मात्रा अधिक होती है।
वेपर पैच का इस्तेमाल करें- आजकल बाजार में शिशु और बच्चों के लिए वेपर पैच मिलने लगे हैं, जो सर्दी के लक्षणों से राहत दिलाने में मदद करते हैं। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि बेबीचक्रा का वेपर पैच कैम्फर फ्री होता है जो बच्चों को बंद नाक की समस्या से आठ घंटे तक राहत दिलाने में मदद करता है।
ह्युमिडिफायर को ऑन करें- यह तो आपको पता ही है कि हवा में जो नमी होती है, वह सर्दी-खांसी और बंद नाक जैसे परेशानियों को बढ़ाने में बहुत मदद करती है। अपने बच्चे को सुरक्षित रखने के लिए, कूल-मिस्ट ह्यूमिडिफायर का उपयोग करें। इसके पानी को रोजाना बदलना और निर्माता के निर्देशों के अनुसार इसे साफ करना भी जरूरी होता है। यह मोल्ड और बैक्टीरिया को अंदर बढ़ने से रोकता है।
स्पंज बाथ कराने का प्रयास करें– सर्दी के कारण अगर हल्का फीवर हुआ है तो गुनगुना स्पंज बाथ बच्चे को राहत दिलाने में मदद कर सकता है और उनके तापमान को कुछ डिग्री तक कम कर सकता है। एक टब में एक या दो इंच हल्का गर्म पानी भरें और उन्हें पोंछने के लिए स्पंज की मदद ले सकते हैं। प्राइवेट पार्ट्स या नाक और उसके आस-पास की त्वचा को साफ करने के लिए बैंबू वाटर वाइप्स की सहायता भी ले सकते हैं। ठंडे पानी, बर्फ या शराब का प्रयोग न करें। अगर उन्हें ठंड लगे तो उन्हें नहाने से बाहर निकाल लें।
हेल्दी खाना- इसके अलावा आप बच्चों को हेल्दी फूड दे सकते हैं। पौष्टिक आहार बच्चों की इम्यून सिस्टेम को स्ट्रॉंग करती है, जिससे उन्हें सर्दी से लड़ने में मदद मिलती है।
घर से धूम्रपान का धुआं साफ करें- अगर घर में कोई सिगरेट पीता हो तो बच्चो को सर्दी होने पर उसको तुरन्त बंद कर देना चाहिए। नहीं तो यह उनके गले और नाक में जलन पैदा करके उनकी सर्दी को और भी बदतर बना सकता है। वास्तव में, जो बच्चे सेकेंड हैंड धुएं में सांस लेते हैं, उन्हें सर्दी से उबरने में मुश्किल होती है। उन्हें ब्रोंकाइटिस या निमोनिया होने की भी अधिक संभावना होती है।
आराम करवाने की कोशिश करें- नींद इम्यूनिटी सिस्टेम को बूस्ट करने का सबसे अच्छा तरीका होता है। बच्चों को सर्दी होने पर वह जितनी अच्छी नींद सोएंगें उतना उन्हें बीमारी से लड़ने में मदद मिलेगी। माँ का प्यार और उनका प्यारा-सा स्पर्श बच्चे को सुकून की नींद सोने में मदद करता है।
अब से जब भी आपके बच्चों को सर्दी से हो परेशानी तो ये सिंपल होम रेमेडी जरूर आजमाएं और अपने बच्चे को सर्दी के कष्ट से राहत दिलाने में मदद करें।
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