1 Aug 2022 | 1 min Read
Mona Narang
Author | 163 Articles
गर्भ में नौ महीने रहने के बाद जब बच्चा जन्म लेता है, माँ के लिए इससे सबसे सुखद अहसास कुछ नहीं होता है। शिशु के दुनिया में कदम रखने के बाद दोनों पैरेंट्स मिलकर बच्चे की देखरेख करते हैं। जैसे बच्चे को नहलाना, डायपर बदलना, सुलाना आदि। लेकिन, एक काम है जो सिर्फ माँ को करना होता है, वो है बच्चे को ब्रेस्टफीडिंग कराना। हसबैंड्स का मानना होता है कि ब्रेस्टफीडिंग की प्रक्रिया में उनका कोई रोल नहीं है। परंतु, ऐसा नहीं है। ब्रेस्टफीडिंग के दौरान न्यू मॉम्स कई तरह की चुनौतियों का सामना करती हैं। ऐसे समय में उन्हें पार्टनर कैसे स्पोर्ट कर सकते हैं, इसके बारे में लेख में विस्तार से जानेंगे।
इस बात से सभी वाकिफ होंगे कि माँ के लिए नवजात शिशु को स्तनपान कराना आसान काम नहीं होता है। ऐसे समय में उन्हें पार्टनर के इमोशनल व फिजिकल सपोर्ट की जरूरत होती है। नीचे कुछ ऐसी टिप्स दे रहे हैं, जिनकी मदद से हस्बैंड बच्चे को ब्रेस्टफीडिंग कराने में वाइफ की मदद कर सकते हैं। आइए जानते हैं बच्चे को स्तनपान कराने में पिता कैसे कर सकते हैं मदद:
जब वाइफ आधी रात को उठकर बच्चे को स्तनपान कराती है, तो हस्बैंड को यह समझना होगा कि यह कितना मुश्किल काम है। ऐसे समय में उठकर आपको वाइफ का साथ देना चाहिए। उन्हें पानी लाकर दें। बच्चे सोते-सोते अच्छे से फीडिंग कर सके, इसके लिए उन्हें सही पोजीशन में सुलाने में मदद करें। वाइफ से पूछे कि क्या उन्हें किसी चीज की जरूरत है। ज्यादातर समय वाइफ यही जवाब देंगीं कि उन्हें कुछ नहीं चाहिए, लेकिन आपके इस कदम से उन्हें अहसास होगा कि इस जर्नी में आप हरदम उनके साथ हैं। ऐसे समय में वाइफ को आपके इमोशनल व फिजिकल सपोर्ट की जरूरत होती है।
वाइफ न्यू बॉर्न बेबी को हर घंटे व दो घंटे में फीड कराती हैं। इस वजह से रात में भी उनकी नींद पूरी नहीं हो पाती है। ऐसे में वाइफ को आराम मिल सके, इसके लिए पंप की मदद से दूध निकालकर स्टोर कर लें और उन्हें सोने के लिए भेज दें। अगले दो घंटों के लिए बेबी की पूरी जिम्मेदारी खुद पर लें। जब भी शिशु को भूख लगें तो उसे स्टोर किया हुआ ब्रेस्टमिल्क पिलाएं। दिन में एक समय तय कर लें, जब बच्चे को पूरी तरह आप संभालेंगे और वाइफ उस समय रेस्ट करेंगी।
अगर आपकी पार्टनर अकेले में बेबी को फीड कराना चाहती हैं, तो जिस समय माँ बच्चे को स्तनपान कराए उस समय आप गेटकीपर की ड्यूटी निभाएं। कोई बच्चे से मिलने आएगा या आपके कमरे में जाएगा, तो उन्हें जाने से रोकें। आपके पार्टनर को फीड कराते समय पर्सनल स्पेस मिलना चाहिए।
बेबी के साथ स्किन टू स्किन टाइम स्पेंड करें। इसके लिए माँ के फीड कराने के बाद ठीक उसी पोजीशन में बेबी को अपनी गोद में ले लें। चाहें तो ब्रेस्टपंप की मदद से मिल्क स्टोर करें। दिन में एक दफा आप बोतल की मदद से बच्चे को माँ की तरह गोद में लेकर दूध पिलाएं। इस दौरान टीशर्ट उतार दें। इससे बेबी और आपके बीच स्किन टच होगा और बॉन्ड बनेगा।
बेबी को फीड कराना काफी नहीं होता। इसके बाद बच्चे को कंधे पर लेकर डकार दिलानी होती है। फिर बेबी ने टॉयलेट या पॉटी की है तो डायपर बदलना होता है। उसके बाद उन्हें सुलाना होता है। ऐसे में हस्बैंड पार्टनर द्वारा फीड कराने के बाद बेबी को डकार दिलाने व सुलाने की ड्यूटी ले सकते हैं।
तो ये थी कुछ ऐसी टिप्स, जिन्हें फॉलो कर हस्बैंड्स अपनी वाइफ की ब्रेस्टफीडिंग में मदद कर सकते हैं। उम्मीद करते हैं यह लेख आपको पसंद आया होगा। यदि आपके फ्रेंड सर्कल में कोई न्यू पैरेंट्स हैं, तो उनके साथ यह जानकारी जरूर शेयर करें।
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