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Nipple Care: ब्रेस्टफीडिंग के दौरान निप्पल में क्रैक क्यों होता है? जानें राहत पाने के उपाय।

Nipple Care: ब्रेस्टफीडिंग के दौरान निप्पल में क्रैक क्यों होता है? जानें राहत पाने के उपाय।

28 Oct 2022 | 1 min Read

Mousumi Dutta

Author | 387 Articles

स्तनपान या ब्रेस्टफीडिंग मातृत्व की वह प्राकृतिक प्रक्रिया है, जिसके माध्यम से माँ और शिशु के बीच का संबंध और भी आत्मीय और गहरा हो जाता है। लेकिन इस ब्रेस्टफीडिंग के कारण माँ के निप्पल में क्रैक होने की समस्या होती है। निप्पल क्रैक होने की समस्या बेबी के पोजिशन, लैच, या सकिंग के कारण होती है। पर खुशी की बात यह है कि निप्पल में क्रैक होने की परेशानी को मैनेज किया जा सकता है, लेकिन कैसे इस बारे में आगे विस्तार से पढ़ेंगे।

ब्रेस्टफीडिंग के दौरान निप्पल की केयर कैसे करेंगे। How to  care your Nipples while Breastfeeding

  • ब्रेस्टफीड कराने के समय ब्रेस्ट और निप्पल्स की नियमित तौर पर जाँच करनी चाहिए। ऐसा करने से, आप किसी भी संभावित समस्या के आगे बढ़ने से पहले उसकी पहचान करने में सक्षम हो सकते हैं।
  • प्रत्येक भोजन से पहले अपने हाथ साबुन और पानी से धोएं। आपको अपने स्तनों और निपल्स को साफ हाथों से ही छूना चाहिए। इसके लिए आप बेबीचक्रा का नेचुरल फोमिंग हैंडवाश का इस्तेमाल कर सकते हैं। यह बच्चे से लेकर बड़ों सबके लिए सुरक्षित होता है। 
  • हर दिन साफ ब्रा पहनें। स्तनपान कराने के दौरान आमतौर पर नर्सिंग ब्रा का उपयोग करना सबसे आसान होता है। कॉटन ब्रा भी बेहतर साबित हो सकता है। इससे हवा का आवागमन होता है।
  • अपने निप्पल्स पर साबुन या शैम्पू के इस्तेमाल से बचें। अपने निप्पल्स को सिर्फ पानी से धोएं, क्योंकि साबुन के इस्तेमाल से स्किन ड्राई हो जाएगी। जाहिर है स्किन के ड्राई होने पर निप्पल्स की स्किन भी ड्राई हो जाएगी और उनमें क्रैक्स आ जाएगा।

निप्पल में क्रैक और सूजन आने के कारण । Causes of sore and cracked nipples

स्तनपान की प्रक्रिया के दौरान चोट नहीं पहुंचनी चाहिए, इसलिए यदि आप पाते हैं कि आपके एक या दोनों निप्पल्स दूध पिलाने के बाद दर्द करते हैं, तो यह इस बात का संकेत है कि आपका शिशु सही तरीके से लैच नहीं कर रहा है। नर्सिंग के दौरान निप्पल में दर्द का यह सबसे आम कारण है। सही पोजीशन खोजने के लिए आपको अपने शिशु को पकड़कर रखने के लिए कुछ अलग-अलग पोजीशन आजमाने पड़ सकते हैं।

यदि आपका शिशु सही ढंग से लेट रहा है, तो आपके निप्पल को उनके नरम तालू के सामने लाना चाहिए और इससे कोई दर्द या परेशानी नहीं होनी चाहिए। इस स्थिति को ठीक करने से निप्पलों को ठीक करना बहुत आसान हो जाएगा।

एक और संकेत है कि आपका शिशु सही तरीके से लैच नहीं कर रहा है, यदि आप देखते हैं कि आपके निप्पल्स सपाट है तो बच्चे को सही तरीके से  ब्रेस्टफीड करवाने के लिए, उसे हल्का-सा गुदगुदी करें ताकि वह अपना मुंह चौड़ा कर ले। अपने निप्पल को अपने बच्चे की नाक और ऊपरी होंठ की ओर इंगित करें ताकि वह आपके निप्पल को ही नहीं, बल्कि ब्रेस्ट का स्तनपान के लिए सही तरह से पकड़ सके।

निप्पल में क्रैक और सूजन/चित्र स्रोत: फ्रीपिक

निप्पल में क्रैक और सूजन से राहत पाने के टिप्स। Prevention tips for cracked nipples

यदि आप नियमित रूप से स्तन और निप्पल की देखभाल कर रहे हैं और अभी भी दर्द का अनुभव कर रहे हैं, तो कुछ घरेलू उपचार हैं जिन्हें आप आजमा सकते हैं।

  • अपने नर्सिंग पैड गीले होने पर बदल दें। प्लास्टिक से ढके नर्सिंग पैड का उपयोग करने से बचने की कोशिश करें।
  • दूध पिलाने के बाद अपने निप्पल्स को न पोंछें। प्रत्येक फीडिंग के बाद, अपने निपल्स को 10 से 15 मिनट के लिए प्राकृतिक रूप से हवा में सूखने दें।
  • निप्पल शील्ड के इस्तेमाल से बचें। अगर बच्चा ब्रेस्टफीड के लिए सही तरह से निप्पल को पकड़ने में परेशानी महसूस कर रहा है।
  • कम दबाव वाली ब्रेस्ट पंप सेटिंग का उपयोग करके अपने स्तन के दूध को पंप करने से आपके निप्पल्स को ठीक करने में मदद मिल सकती है।
  • आप दर्द से राहत के लिए दूध पिलाने के बाद एक रुई के फाहे से अपने निपल्स पर 100% शुद्ध नारियल तेल लगा सकते हैं। इसके लिए आप बेबीचक्रा का ऑर्गेनिक कोकोनट ऑयल का इस्तेमाल कर सकते हैं, क्योंकि संवेदनशील त्वचा के लिए बिल्कुल सुरक्षित है।
  • जब तक जरूरत हो, शिशु को दूध पिलाने दें। एक आम गलत धारणा यह है कि कम दूध पिलाने से निप्पल में दर्द होने से रोका जा सकता है, लेकिन यह सच नहीं है।

आशा करते है, इन कुछ टिप्स और सावधानियों को बरतने पर ब्रेस्टफीडिंग के दौरान निप्पल में क्रैक या सूजन को कम किया जा सकता है। अगर इसके बाद भी परेशानी रह जाती है या अवस्था और भी बिगड़ रही है तो बिना देर किए अपने डॉक्टर से संपर्क करें। 

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