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क्या स्तनपान कराने के दौरान मोबाइल फोन का इस्तेमाल करना सही है?

क्या स्तनपान कराने के दौरान मोबाइल फोन का इस्तेमाल करना सही है?

2 May 2022 | 1 min Read

Ankita Mishra

Author | 409 Articles

आपने भी ऐसा सुना ही होगा कि मोबाइल में सिम का इस्तेमाल करने के लिए एक तरह के खास रेडिएशन का इस्तेमाल किया जाता है, जो कई तरह से स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है। इसके बावजूद भी आज के डिजिटल दौर में बिना मोबाइल के जीवन की कल्पना तक नहीं की जा सकती है। ऐसे में स्तनपान कराने के समय फोन का इस्तेमाल करना माँ व शिशु के लिए कितना सुरक्षित हो सकता है, यह एक चिंता का विषय माना जा सकता है। 

यही वजह है कि इस लेख में हम ब्रेस्टफीड कराते समय स्मार्टफोन का इस्तेमाल करना चाहिए या नहीं, इसी की जानकारी दे रहे हैं। साथ ही, ब्रेस्टफीडिंग के दौरान सेल फोन का इस्तेमाल क्यों नहीं करना चाहिए, इसके बारे में भी चर्चा की गई है। 

क्या स्तनपान कराने के समय फोन का इस्तेमाल करना चाहिए?

स्तनपान कराने के समय फोन का इस्तेमाल
स्तनपान कराने के समय फोन का इस्तेमाल / चित्र स्रोतः फ्रीपिक

सीधे तौर पर इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता है कि स्तनपान कराने के समय फोन का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। दरअसल, अगर ब्रेस्टफीड कराते समय स्मार्टफोन का इस्तेमाल माँ सिर्फ कुछ मिनट के लिए करती हैं या किसी जरूरी काम को तुरंत पूरा करने के लिए करना चाहती हैं, तो वे ब्रेस्टफीडिंग के वक्त ब्रिक्सिंग (मोबाइल का यूज) कर सकती हैं। 

वहीं, अगर स्तनपान के दौरान मोबाइल का प्रयोग करना माँ के लिए एक आदत बन जाए, तो यह माँ व बच्चे दोनों के लिए हानिकारक साबित हो सकता है। ब्रेस्टफीडिंग के दौरान सेल फोन का इस्तेमाल क्यों नहीं करना चाहिए, इसके बारे में नीचे विस्तार से बताया गया है।

माँ को ब्रेस्टफीडिंग के दौरान सेल फोन का इस्तेमाल क्यों नहीं करना चाहिए?

अगर माँ ब्रेस्टफीडिंग के दौरान टेक्सटिंग करती है, तो इसे ‘ब्रेक्सटिंग’ भी कहा जा सकता है, जो बिल्कुल सही नहीं है। ऐसी कई वजहें हैं, जो इस बात पर जोर देती हैं कि ब्रेस्टफीडिंग के दौरान मोबाइल फोन के इस्तेमाल से बचना चाहिए, जो निम्नलिखित हैंः

स्तनपान कराने के समय फोन का इस्तेमाल
स्तनपान कराने के समय फोन का इस्तेमाल / चित्र स्रोतः फ्रीपिक
  1. माँ का ध्यान भटकना

ब्रेस्टफीडिंग के दौरान माँ को इस बात का ध्यान रखना होता है कि शिशु किस तरह से स्तनपान कर रहा है और वह एक बार में कितना स्तनपान करता है। वहीं, अगर स्तनपान कराने के समय फोन का इस्तेमाल होगा, तो इससे माँ का ध्यान शिशु से भटक सकता है। इस वजह से कई बार शिशु स्तनपान सही से नहीं कर पाता है। इसके कारण कई बार शिशु भूखा रह सकता है और कई बार जरुरत से ज्यादा दूध भी पी सकता है।

  1. रेडिएशन का जोखिम

स्मार्टफोन से एक खास तरह का माइक्रोवेव रेडिएशन निकलता रहता है, जो शिशु की सेहत के लिए हानिकारक हो सकता है। ये रेडिएशन सीधे तौर पर मानसिक स्तर को प्रभावित कर सकते हैं, इसलिए इसे भी ब्रेस्टफीडिंग के दौरान मोबाइल फोन इस्तेमाल न करने के कारण में शामिल किया जा सकता है। 

  1. शिशु की गर्दन लटकना

स्तनपान के दौरान शिशु किस पोजिशन में इस बात का माँ को खास ध्यान रखना होता है, ताकि शिशु सुविधाजनक स्थिति में स्तनपान कर सके। वहीं, ब्रेस्टफीड कराते समय स्मार्टफोन का इस्तेमाल करने से माँ का ध्यान इस बात से हट सकता है। इससे सीधी तौर पर शिशु का नाजुक गर्दन गलत पोजिशन में घूम सकता हो, जो उसके लिए परेशानी बन सकता है।  

  1. सांस अटकना

कई बार शिशु एक ही सांस में स्तनपान करते रहते हैं, इस वजह से कई बार उनकी सांसे भी कुछ समय के लिए अटक सकती हैं। ऐसे में माँ को ही इस बात का ध्यान रखना पड़ता है। वहीं, ब्रेस्टफीडिंग के वक्त ब्रिक्सिंग (मोबाइल का यूज) करते समय माँ का ध्यान इस दिशा में कम जा सकता है।

  1. आई कॉन्टैक्ट नहीं होता

स्तनपान न सिर्फ शिशु का आहार होता है, बल्कि माँ के साथ उसके लगाव को भी बढ़ाने का एक चरण होता है। वहीं, अगर माँ स्तनपान के दौरान मोबाइल का प्रयोग अधिक करती है, तो वह शिशु के साथ आई कॉन्टैक्ट नहीं बना पाएगी। इससे माँ और शिशु के बीच का भावनात्मक लगाव कुछ हद तक प्रभावित हो सकता है।

  1. शिशु को करना पड़ सकता है अधिक संघर्ष

आमतौर पर ब्रेस्टफीडिंग के दौरान शिशु अपने आप ही माँ से कई तरीकों से बात करने का प्रयास करता रहता है। इसके लिए कभी वो माँ को देखकर हंसता है, तो कभी माँ को देखकर अपने हाथ-पैर पटकता है और इस दौरान वह माँ की हर हरकतों पर अपनी प्रतिक्रिया भी करता रहा है, लेकिन स्तनपान कराने के समय फोन का इस्तेमाल माँ के ध्यान को भटका सकता है। 

ऐसा होने पर शिशु की इस तरह की विभिन्न प्रतिक्रियाओं के प्रति माँ का ध्यान कम आकर्षित हो सकता है। इस वजह से शिशु को माँ का ध्यान पाने के लिए कई बार अधिक मेहनत भी करनी पड़ सकती है। 

  1. नर्सिंग पैटर्न में माँ का असफल होना

माँ किस तरह से अपने शिशु को ब्रेस्टफीड कराती हैं, यह भी उसके मातृत्व का एक चरण होता है, जिसे सीखने में कई बार माँ को एक लंबा समय भी लग सकता है। वहीं, ब्रेस्टफीड कराते समय स्मार्टफोन का इस्तेमाल माँ के इस सीखने के चरण को कमजोर कर सकता है। ऐसे में माँ अपने नर्सिंग पैटर्न में असफल भी हो सकती है।

  1. शारीरिक अहसास की कमी

ब्रेस्टफीड के दौरान माँ और शिशु स्किन-टू-स्किन तरीके से कॉन्टैक्ट करते हैं। इससे शिशु को सुरक्षित होने का अनुभव हो सकता है और उसके शरीर को एक तरह से सकारात्मक ऊर्जा भी मिलती रहती है, लेकिन अगर माँ ब्रेस्टफीड कराते समय स्मार्टफोन का इस्तेमाल करेगी, तो इस दौरान वह अपने शिशु के साथ स्किन-टू-स्किन तरीके से कॉन्टैक्ट करने में कमी महसूस हो सकती है। यही वजह है कि इसे भी ब्रेस्टफीडिंग के दौरान मोबाइल फोन इस्तेमाल न करने के कारण में शामिल किया जा सकता है।

उम्मीद है कि ब्रेस्टफीडिंग के दौरान सेल फोन का इस्तेमाल क्यों नहीं करना चाहिए, इसे समझने में इस लेख से आपको मदद मिली होगी। खास तौर पहली बार मातृत्व का अनुभव करने वाली मातओं को स्तनपान कराने के समय फोन का इस्तेमाल कम से कम करना चाहिए। अगर ब्रेस्टफीडिंग के वक्त ब्रिक्सिंग (मोबाइल का यूज) करना भी है, तो इस दौरान कुछ मिनट के लिए स्तनपान की प्रक्रिया को रोक सकती हैं और एक बार फोन का इस्तेमाल करने के बाद वापस से शिशु को स्तनपान करा सकती हैं।

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