छोटी-मोटी शरारतों से लेकर, खेल-कूद के दौरान अक्सर बच्चे चिड़चिड़े हो जाते हैं और गुस्सा भी कर सकते हैं। हालांकि, फिर अपने आप ही उनका गुस्सा शांत हो जाता है और फिर से वह हंसने-खेलने में लग जाता है। पर अगर बच्चों का गुस्सा उनके व्यवहार का ही एक हिस्सा बन जाए, तो यह पेरेंट्स के लिए सिरदर्द बन जाता है। यही खास वजह है कि हम बच्चे में गुस्से की समस्या कम करने के उपाय बता रहे हैं। ये उपाय बच्चों के क्रोध को कंट्रोल करने में आपकी मदद करेंगे।
बच्चों को गुस्सा क्यों आता है?
बच्चों का गुस्सा या उनका क्रोध करना एक तरह की सामान्य भावना मानी जा सकती है। देखा जाए, तो स्कूल जाने वाले छोटे बच्चे में गुस्से की समस्या सबसे अधिक हो सकती है। इसके पीछे कई कारण भी हो सकते है, जिनके बारे में नीचे बताया गया है।
तनाव होना- अगर किसी वजह से बच्चे में तनाव होता है, तो इस वजह से उसका व्यवहार पर नकारात्मक प्रभाव हो सकता है। इससे बच्चों का गुस्सा करने का व्यवहार भी बढ़ सकता है।
पेरेंट्स का गुस्सा करना- अगर पेरेंट्स बात-बात पर बच्चों के सामने लड़ते-झगड़ते हैं या गुस्सा करते हैं, तो उनके इस व्यवहार से भी बच्चों का गुस्सा बढ़ सकता है। इससे बच्चे का स्वाभाव गुस्सैल हो सकता है।
व्यवहार संबंधी बीमारी होना- व्यवहार संबंधी डिसऑर्डर (Behavioural disorders) से ग्रस्त होने पर भी बच्चों का गुस्सा वाला व्यवहार देखा जा सकता है। सेंटर्स फॉर डिजीज प्रिवेंशन एंड कंट्रोल (CDC) के अनुसार, जैसे-जैसे बच्चे की उम्र बढ़ती है, वैसे-वैसे बच्चे में इस तरह से गुस्सा करने की समस्या भी बढ़ सकती है। इसलिए, समय रहते इसका निदान किया जाना आवश्यक हो जाता है।
मन की भावनाओं पर नियंत्रिण खोना- बड़े लोगों की तरह छोटे बच्चे अपने मन की भावनाओं को नियंत्रित नहीं कर पाते हैं। इस वजह से भी बच्चों का गुस्सा करना अधिक देखा जा सकता है।
पीयर प्रेशर- पीयर प्रेशर यानी हमउम्र दोस्तों, भाई-बहनों का प्रभाव भी बच्चों का गुस्सा करने का एक कारण बन सकता है। दरअसल, प्रीयर प्रेशर कई तरह से हो सकते हैं, जैसे – उनके हम उम्र के भाई-बहन या दोस्त पढ़ने-लिखने, खेल-कूद या अन्य मामलों में उनसे बेहतर हैं, तो इससे भी बच्चे को कमजोर व उनके प्रति मन में जलन होने की भावना हो सकती है। यह बच्चे के मन में निराशा भी भर सकती है, जिससे बच्चा गुस्सैल हो सकता है।
उदास होना- बच्चे अक्सर जिद्दी होते हैं। उन्हें हर चीज अपने अनुसार ही चाहिए होती है। ऐसे में कई बार मन की चीजें न मिलने पर वे उदास हो सकते हैं। इसके अलावा, घर का खराब माहौल, किसी दोस्त से अलग होने या कोई प्यारी चीज खोने पर भी बच्चे का मन उदास हो सकता है, जिसे वह अक्सर गुस्से के रूप में जाहिर कर सकता है।
तंग किए जाने पर- स्कूल या अन्य परिसर पर ऐसा देखा जाता है कि बड़े बच्चे छोटे बच्चों को तंग करते रहते हैं यानी उनके साथ बुलिंग (Bullying) करते हैं। इस तरह का व्यवहार भी बच्चे में गुस्से की समस्या को बढ़ा सकता है।
असफलता का डर- जाने-अनजाने में अक्सर पेरेंट्स बच्चे पर अच्छे मार्क्स लाने, खेल-कूद में बेहतर होने का दवाब बना सकते हैं। इससे बच्चे के मन में उस काम के प्रति कमजोर होने व असफल होने का डर बैठ सकती है, जो बच्चे में गुस्से की समस्या का एक अन्य कारण हो सकता है।
बच्चे में गुस्से की समस्या कैसे कंट्रोल करे?
बच्चे में गुस्से की समस्या बेहद ही आम है। हालांकि, अगर बच्चों का क्रोध करना बहुत ज्यादा बढ़ गया है, तो उसके गुस्से से निपटने के तरीके यहां बताए गए हैं, जिन्हें आप आजमा सकते हैं।
कारण को जानना- सबसे पहले तो पेरेंट्स को अपने बच्चे में गुस्से की समस्या का कारण पता लगाना चाहिए। तभी उस कारण को खत्म करके या उससे दूर रखकर बच्चे का एंगर मैनेजमेंट किया जा सकता है। उदाहरण के लिए अगर बच्चे में किसी तरह का तनाव है या उसके साथ बुलिंग होती है या उसे पीयर प्रेशर है आदि का पता लगाना।
सीमाएं तय करना- अपने बच्चे को बताएं कि उनके गुस्से करने की एक सीमा है। अगर वह उस सीमा से आगे बढ़कर गुस्सा करता है, तो इसके लिए वह बुरे बच्चों की श्रेमी में आ सकता है और उसे किसी तरह की सजा भी दी जा सकती है।
बात करना- बच्चों का क्रोध करना कम करना चाहते हैं, तो एक बात का ध्यान रखें कि अपने बच्चे के साथ बात-चीत करने का दायरा बढ़ाएं। अगर बच्चे से खुलकर पेरेंट्स बाते करेंगे, तो उन्हें बच्चे को होने वाली हर परेशानी का पता रहेगा और इस तरह वे बच्चे के गुस्से को शांत कर सकते हैं।
उल्टी गिनती गिनने के लिए कहना- बच्चों का क्रोध करना कम करने के लिए आप उसे उल्टी गिनती गिनने की आदत भी सिखा सकते हैं। दरअसल, गुस्सा आने पर अगर 10 से लेकर 1 तक की उल्टी गिनती यानी रिवर्स काउंटिंग की जाए, तो इससे गुस्सा तुरंत शांत हो सकता है।
जिद्दी होने से रोकना- अक्सर बच्चे अपने जिद्द को पूरा करने के लिए भी गुस्सा जाहिर कर सकते हैं। ऐसे में हर बार उनकी जिद्द को न पूरा करें। उन्हें बताएं कि उनका जिद्द करना कितना सही व गलत है।
समझौता करना सिखाएं- बच्चे को बताएं कि हर बात को वह जिद्द या गुस्से से नहीं जीत सकता है। इसलिए, अक्सर उसे सामने वाले के साथ उस विषय पर समझौता करना चाहिए। इससे दोनों बच्चों के मन की बात बात रह जाएगी और उनका गुस्सा भी कम हो सकता है।
बच्चे की तारीफ करें- जब भी बच्चा कोई अच्छा काम करे, तो उसकी तारीफ करें। ऐसे करने से बच्चे को बार-बार अच्छा काम करने की आदत हो सकती है और बच्चों का क्रोध करना अपने आप धीरे-धीरे कम भी हो सकता है।
अच्छे व्यवहार के पाठ पढ़ाएं- अपने बच्चे को हमेशा अच्छे लोगों का उदाहरण दें। अच्छे लोगों के संपर्क में आने से बच्चे का स्वाभाव भी अच्छा व शांत हो सकता है।
गुस्सा होने की वजह को बताना- बच्चे को बताए कि गुस्सा किसी को भी कभी भी आ सकता है। इसलिए, जब भी उसे किसी बात पर गुस्सा आए, तो उसे इसके बारे में अपने पेरेंट्स या अन्य करीबी लोगों को बताना चाहिए। ताकि वह गुस्से का कारण को समझकर उसे दूर कर सकें।
थेरेपी- बच्चों का गुस्सा कैसे कंट्रोल करे, इसके लिए पेरेंट्स थेरेपी की भी मदद ले सकते हैं। हालांकि, थेरेपी की आवश्यकता व्यवहार संबंधी समस्या होने की स्थिति में ही हो सकती है। इस बारे में अधिक जानकारी के लिए विशेषज्ञ से भी संपर्क किया जा सकता है।
उम्मीद है कि इस लेख से आपको बच्चों का गुस्सा कैसे कंट्रोल करे, इसकी उचित जानकारी मिली होगी। यहां आप अपने बच्चे के गुस्से के स्तर और उसके कारण के अनुसार गुस्से से निपटने के तरीके आजमा सकते हैं। ध्यान रखें कि बच्चों का क्रोध करना बेहद ही सामान्य है। इसलिए, बच्चे के गुस्सा करने पर उसे डांटे या मारे नहीं। बल्कि उसका एंगर मैनेजमेंट करने के लिए उससे प्यार से बात करें और उसके गुस्से का कारण को समझने का प्रयास करें।
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