हर मौसम में सर्दी – जुकाम से शिशु और बच्चों को बचाना नामुमकिन होता है। माँ चाहे कितनी ही देखभाल कर लें, लेकिन वह मौसम के प्रकोप से नहीं बचा पाती है। फिर क्यों न ऐसा उपाय किया जाय, जिससे बच्चों को सर्दी-जुकाम होने पर बिना कोई गलती किए उनके परेशानी को कम किया जा सके।
क्या आपको पता है कि 200 से अधिक प्रकार के नॉर्मल सर्दी के वायरस हैं, जो शिशुओं की कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली पर हमला करने के लिए तैयार रहते हैं। माँ के सभी रोकने के प्रयासों के बावजूद, ये माइक्रो ऑर्गैनिज्मस अपने गेम प्लान में सफल हो जाते हैं।
जाहिर है अपने बच्चे को बहते नाक, गले में खराश, बुखार और जुकाम में देखना हर माता-पिता के लिए मुश्किल हो जाता है। इसलिए स्ट्रेस में ऐसा न कुछ कर जाए, जो बच्चों की परेशानी को और न बढ़ा दें। इसलिए यहाँ कुछ टिप्स के बारे में बात कर करेंगे जिनका बच्चों के सर्दी-जुकाम के दौरान ध्यान रखना चाहिए।
सर्दी-जुकाम क्या होता है?। What is Cold-Cough in Hindi
असल में सर्दी श्वसन प्रणाली का संक्रमण होता है। इसके कारण नाक, गला और साइनस प्रभावित होता है। मौसम के बदलने के साथ कोल्ड वायरस बच्चों के शरीर में प्रवेश कर उनको बीमार कर देते हैं।
सर्दी-जुकाम होने के कारण। Causes of Cold-Cough in Hindi
सर्दी-जुकाम के वायरस (राइनोवायरस कहलाते हैं) वातावरण में अदृश्य बूंदों के रूप में होते हैं। इसमें एक वायरस भी अगर बच्चे के नाक और गले से भीतर चला जाता है तो वह इम्यून सिस्टेम को ट्रिगर करता है। इससे नाक बहना, गले में खराश, सिरदर्द, सांस लेने में तकलीफ जैसी समस्याएं होती हैं।
सर्दी-जुकाम होने का कोई सटिक कारण नहीं होता है। बच्चा या शिशु ठंडे या ड्राई एयर में घर से बाहर जा रहा है, किसी प्रकार के एलर्जी के संपर्क में आ रहा है, नींद में कमी, ठंड में गर्म कपड़े बच्चे को न पहनाना, तापमान का उतार-चढ़ाव, धूम्रपान करने वालों के आस-पास रहना आदि। जिन बच्चों को ब्रोंकाइटिस या निमोनिया की समस्या होती है, उन बच्चों में सर्दी-जुकाम के लक्षण गंभीर हो सकते हैं।
13 बातों का रखें ध्यान जब शिशु को हो सर्दी जुकाम और फ्लू। 13 Tips to keep in mind when your baby is suffering from Cold-Cough & Flu
जब आपके बच्चे को सर्दी-जुकाम हुआ हो तब उन्हें जबरदस्ती स्वेटर पहनाकर या कंबल में लपेटकर रखने की गलती न करें, इससे वह बेचैन होकर रोने लगते हैं। इसके जगह पर उन्हें आरामदायक कपड़े, विशेषकर सूती के ढीले-ढाले कपड़े पहनाएं।
अगर आपके बच्चे को बार-बार सर्दी-जुकाम हो रहा है तो इसका मतलब यह है कि उसका इम्यून सिस्टेम कमजोर है। आपका सबसे पहला काम उसके इम्यूनिटी को स्ट्रॉंग करना।
बच्चे को सर्दी होने पर किसी गंदे रूमाल या कपड़े से नाक और मुँह साफ मत करवाएं। इसके जगह पर नेचुलर चीजों से बना बैम्बू वाइप्स का इस्तेमाल करें। इससे न सिर्फ त्वचा सॉफ्ट रहेगी बल्कि पूरी तरह से बैक्टीरिया फ्री भी होगी।
Baby wipes
अध्ययनों के अनुसार सर्दी जुकाम का इलाज एंटीबायोटिक्स से नहीं किया जा सकता है। एंटीबायोटिक्स का उपयोग केवल तभी किया जाना चाहिए जब बच्चे को बैक्टीरिया के कारण कॉम्प्लिकेशन्स हो रहे हैं, जैसे कि कान का संक्रमण या निमोनिया। इसलिए बिना डॉक्टर से सलाह लिए एंटीबायोटिक्स न दें। वास्तव में, एंटीबायोटिक दवाओं के साइड इफेक्ट के रूप में बच्चों में बड़ों की तरह एंटीबायोटिक रेसिस्टेंस हो सकता है।
अपने चिकित्सक या बाल रोग विशेषज्ञ से सलाह लिए बिना पर्ची के बिना मिलने वाली (over-the-counter) खांसी और सर्दी की दवाएं खरीदना और बच्चों को देना बिल्कुल सही नहीं है। कफ सिरप आपके बच्चे की परेशानी को कम करने में मदद कर सकता है, लेकिन अगर आपका बच्चा अच्छी तरह से सांस ले पा रहा है तो खांसी के इलाज के लिए कफ सिरप का उपयोग न ही करें तो अच्छा है।
वैसे तो खांसने से छाती से बलगम निकलने में मदद मिलती है। यदि खाँसी बार-बार हो रहा है, ड्राई है और बड़े बच्चे को सोने नहीं दे रहा है, तो डेक्स्ट्रोमेथोर्फन (Dextromethorphan) (मॉर्फिनन वर्ग की एक दवा) का एक प्रोडक्ट या सिरप इसे कम करने में मदद कर सकता है, हालांकि अध्ययनों ने सीमित लाभ दिखाया है।
अगर आपके बच्चे का नाक बंद होने के कारण वह सांस नहीं ले पा रहा है या उसको दूध पिलाना मुश्किल हो रहा है तो सलाइन नैजल स्प्रे दे सकते हैं। इससे बलगम निकलने में आसानी होती है। इसके अलावा नेचुलर चीजों से बना वेपर पैचेस का भी इस्तेमाल कर सकते हैं। यह भी बंद नाक से जल्दी आराम दिलाने में मदद करता है और यह शिशु और बच्चों के लिए बिल्कुल सेफ होता है।
अक्सर सर्दी होने पर बच्चों को फीवर भी हो जाता है। यदि तापमान लगभग 100 डिग्री फ़ारेनहाइट है, तो बुखार के इलाज के लिए पैरासिटामोल की बूंदें दे सकते है, लेकिन वह डोज डॉक्टर के सलाह के अनुसार ही होना चाहिए।
अगर आप का बच्चा सामान्य एक्टिविटिज कर रहा है तो उसको करने दें। अगर वह चुपचाप लेटे रहना पसंद कर रहा है तो बेहतर है कि उसको आराम करने दें।
अगर आपका सर्दी-जुकाम के कारण खाना नहीं खा रहा है या उसको भूख कम लग रही है तो जबरदस्ती खाना खिलाने की गलती न करें। खाना के जगह पर उसको सूप, काढ़ा, दलिया, खिचड़ी वैगरह थोड़ा-थोड़ा करके खिला सकते हैं।
अगर आपका बेबी छह महीने से छोटा है तो उसको ब्रेस्टफीड करवाना न छोड़े। इससे उसको इंफेक्शन से लड़ने में मदद मिलेगी और उसका इम्यून सिस्टेम भी स्ट्रॉंग होगा।
सबसे अंत में जरूरी बात यह है कि सर्दी-जुकाम होने पर बच्चों को इंफेक्शन से दूर रखने के लिए बार-बार बेबी हैंडवाश से हाथो को धुलाते रहें ताकि हाथ इंफेक्शन फ्री रहें।
Suggestions offered by doctors on BabyChakra are of advisory nature i.e., for educational and informational purposes only. Content posted on, created for, or compiled by BabyChakra is not intended or designed to replace your doctor's independent judgment about any symptom, condition, or the appropriateness or risks of a procedure or treatment for a given person.