10 Jun 2022 | 1 min Read
Vinita Pangeni
Author | 549 Articles
एक छोटा-से मच्छर का काटना इंसान को परेशान कर देता है। बड़े लोग तो उसे भगाने के लिए हाथ-पैर मार लेते हैं। लेकिन, बच्चे यह सब करने में सक्षम नहीं होते। खासकर, गर्मियों और बरसात के मौसम में मच्छरों का प्रकोप बढ़ जाता है। इनकी बढ़ती जनसंख्या से मच्छर के काटने का खतरा और बढ़ जाता है। यही कारण है कि इस लेख में हम बच्चे को मच्छर के काटने से होने वाली बीमारियों और मच्छर से बचने के तरीके बता रहे हैं।
घर में मौजूद एक छोटे-से मच्छर को भी नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। गर्मी और बरसात के मौसम में छोटे-से-छोटा मच्छर बीमारियों का वाहक यानी कैरियर बनकर आसपास घूमता है। घर में छोटे बच्चे हों, तो मच्छर का काटना और बड़ा खतरा बन जाता है। गर्मी और बरसात के मौसम में मच्छर के काटने से बच्चे को कौन-सी बीमारियां होती हैं, आगे जानते हैं –
1. डेंगू (Dengue)
गर्मियों और बरसात के मौसम में मच्छर के काटने से बच्चे व शिशु को डेंगू हो सकता है। वैसे तो इसका सही नाम डेंगी है, लेकिन यह डेंगू नाम से ही प्रचलित है। मच्छर के काटने से डेंगू वायरस शरीर में प्रवेश करता है। इससे डेंगू के लक्षण बच्चे में दिखने लगते हैं।
डेंगू के लक्षण में तेज बुखार, शरीर में कंपन, उल्टी, शरीर में दर्द, दाने दिखना, आदि शामिल है। गंभीर परिस्थिति में डेंगू के कारण मृत्यु तक हो सकती है।
2. चिकनगुनिया (Chikungunya)
भारत में अब चिकनगुनिया के मामले काफी कम हो गए हैं। लेकिन, इसका मतलब यह नहीं है कि बच्चों को गर्मी और बरसात के मौसम में मच्छर के काटने से चिकनगुनिया होने का खतरा नहीं है। यह भी वायरल इंफेक्शन है, जो मच्छर के काटने पर होता है। चिकनगुनिया के लक्षण बच्चे में बुखार और महीनों तक रहने वाले जोड़े के दर्द के रूप में नजर आ सकते हैं।
3. मलेरिया (Malaria)
गर्मी और बरसात के मौसम में बच्चों में मलेरिया के मामले अधिक सामने आते हैं। इसमें वायरस के कारण बच्चे को ठंड लगती है, उसे बुखार आता है और कमजोरी महसूस होती है। समय पर और सही से इलाज न होने पर मलेरिया भी मौत का कारण बन सकता है। इसलिए मलेरिया के लक्षण पहचानकर समय पर बच्चे व शिशु का इलाज करवाना आवश्यक है।
4. जीका वायरस
भारत में जीका वायरस संक्रमण के मामले कम आते हैं। लेकिन साल-दर-साल इसका खतरा बढ़ सकता है। साल 2021 में भारत के चार राज्यों में जीका वायरस के मामले आए थे। इसमें उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, केरल और दिल्ली शामिल थे। इसलिए, सभी माता-पिता को सचेत रहना चाहिए।
खतरनाक बात यह है कि यह एक ऐसा वायरल संक्रमण, जो लक्षण पैदा नहीं करता है। पांच में से एक संक्रमित इंसान में इसके हल्के लक्षण दिखते हैं। जीका वायरस के लक्षण में बुखार, दाने और जोड़ों में दर्द के साथ ही आंखों में इंफेक्शन (Pink Eye -Conjunctivitis) होना भी शामिल है।
मच्छरों द्वारा फैलने के अलावा, जीका गर्भावस्था के दौरान माँ से बच्चे में फैल सकता है और गंभीर जन्म दोष पैदा कर सकता है।
5. वेस्ट नाइल वायस (West Nile Virus)
WNV भारत में अत्यधिक प्रचलित बीमारी है। अक्सर इस वायरल संक्रमण में भी कोई लक्षण नजर नहीं आते हैं। वेस्ट नाइल वायस के लक्षण अगर दिखते भी हैं, तो हल्के बुखार, मतली और सिरदर्द के रूप में। मगर ध्यान दें कि यह वायरस मस्तिष्क में पहुंच जाए तो मौत भी हो सकती है।
छोटे बच्चों को मच्छरों का काटना ढेरों समस्याओं का आगमन हो सकता है। ऐसे में बच्चों को मच्छर से बचाने के लिए यह तरीके अपनाएं –
मच्छर का काटना गंभीर समस्या पैदा कर सकता है, इसलिए इसे हल्के में न लें। प्राकृतिक मॉस्किटो रिपेलेंट या मॉस्किटो पैच का उपयोग करते रहें। अगर बच्चे को मच्छर के काटने के बाद सांस लेने में दिक्कत महसूस हो व गले में जकड़न होने लगे, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
मच्छर का काटना भले ही मामूली लगता हो, लेकिन इसके परिणाम घातक होते हैं। ऐसे में बुखार, बच्चे में कंपन, मच्छर के काटी हुई जगह पर नील, चेहरे में सूजन, कमजोरी, इन लक्षणों की अनदेखी एकदम न करें।
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