20 Feb 2022 | 1 min Read
Vinita Pangeni
Author | 549 Articles
डिलीवरी के बाद घर पंजीरी खाने की सलाह बड़े-बुजुर्ग नई मां को देते हैं। यूं तो पंजीरी का उपयोग पूजा-पाठ में प्रसाद के रूप में किया जाता है, लेकिन न्यू मदर्स के लिए पंजीरी फायदेमंद होती है। एकल परिवार में रहने वाले कपल्स को इस बात की जानकारी नहीं होती, लेकिन नई मां को पंजीरी खिलाना काफी पौष्टिक विकल्प कहलाता है। डिलीवरी के बाद पंजीरी खाने के फायदे क्या हैं और पंजीरी कैसे बनाते हैं, जानने के लिए पढ़ें यह लेख।
पंजीरी एक तरह का नाश्ता है, जो गर्भवती महिला को प्रसव के बाद व पहले दोनों समय में दिया जाता है। इसे अधिकतर डिलीवरी के बाद इस्तेमाल में लाने की सलाह दी जाती है। पंजीरी में विभिन्न तरह के सूखे मेवों को मिलाया जाता है। ड्राई फ्रूट्स के साथ ही पंजीरी की मुख्य सामग्री आटा, चीनी या गुड़, मिल्क पाउडर, मीठी सौंफ, इलाइची पाउडर, कद्दूकस किया गया नारियल है। इनके अलावा भी लोग कई अन्य सामग्रियां भी पंजीरी में मिलाते हैं। आगे हम विस्तार से पंजीरी की रेसिपी बताएंगे। इससे पहले पंजीरी के फायदे जानते हैं।
न्यू मदर्स के लिए फायदेमंद पंजीरी में कई तरह के पौष्टिक तत्व होते हैं। इससे जुड़े पोषक तत्वों और फायदों से जुड़ी जानकारी कुछ इस प्रकार है –
1. पौष्टिकता से भरपूर – पंजीरी में काफी सारी पौष्टिक सामग्रियां मिलाई जाती हैं। इसलिए पंजीरी भी पोषक तत्वों से भरपूर होती है। रिसर्च की मानें, तो तकरीबन सौ ग्राम पंजीरी में आयरन, प्रोटीन, फाइबर, फास्फोरस, एनर्जी और फैट की अच्छी मात्रा होती है।
2. स्तनों में दूध की मात्रा बढ़ाए – डिलीवरी के बाद पंजीरी खाने से महिला के ब्रेस्ट मिल्क की मात्रा बढ़ सकती है। अक्सर, प्रसव के बाद कुछ महिलाएं स्तनों पर कम दूध उतरने की परेशानी से जूझती हैं। ऐसे में घी और सूखे मेवों से बनी पंजीरी फायदेमंद साबित हो सकती है।
3. इंस्टेंट एनर्जी दे – न्यू मॉम को कमजोरी का सामना करना पड़ता है। इस कमजोरी को दूर करने में पंजीरी सहायक होती है। दरअसल, पंजीरी में घी, सूखे, मेवे, गुड़/चीनी का उपयोग होता है, जिन्हें ऊर्जा का स्रोत माना जाता है। इसी वजह से पंजीरी खाने से कमजोरी महसूस कर रही न्यू मॉम को इंस्टेंट एनर्जी मिलने लगती है।
4. रिकवरी में सहायक – प्रसव के बाद महिलाओं को रिकवर करने में करीबन छह महीने का समय लगता है। इस रिकवरी की प्रक्रिया को तेज करने में भी पंजीरी सहायक मानी जाती है। पंजीरी में उपयोग किए गए सूखे मेवे और अन्य पौष्टिक तत्व महिला को शारीरिक ताकत देते हैं, जिससे वो तेजी से रिकवर कर पाती है।
5. कब्ज से बचाव – गर्भावस्था के साथ ही डिलीवरी के बाद भी महिलाओं को कब्ज की शिकायत रहती है। इस परेशानी को कम करने में पंजीरी मदद करती है। दरअसल, पंजीरी में मौजूद फाइबर की वजह से इसे पाचन के लिए अच्छा माना जाता है। पाचन अच्छा होने पर कब्ज की शिकायत भी दूर हो जाती है। साथ ही फाइबर को मल मुलायम करने के लिए भी जाना जाता है, जिससे कब्ज की समस्या से राहत मिलती है।
हर कोई कहता है कि बच्चा होने के बाद महिलाएं पंजीरी खाएं, लेकिन इसकी सही रेसिपी घर के सदस्य और न्यू पेरेंट्स को पता नहीं होती। बस तो इस तरह से न्यू मदर्स के लिए फायदेमंद पंजीरी बनाएं। आगे पंजीरी की रेसिपी बताई गई है –
सामग्री :
पंजीरी बनाने का तरीका :
सबसे पहले एक बर्तन में तीन चम्मच घी डालकर उसमें सूखे मेवे डालकर भून लें।
डिलीवरी के बाद पंजीरी रेसिपी जानने की चाह है, तो यह लेख आपके लिए ही है। पोस्ट डिलीवरी केयर में पंजीरी काफी अहम भूमिका निभाती है। जी हां, डिलीवरी के बाद पंजीरी खाने के फायदे कई हैं। यही नहीं, पंजीरी स्वाद में भी एकदम लाजवाब होती है। ऐसे में ध्यान दें कि पंजीरी का सेवन अधिक मात्रा में न करें, वरना इसका असर नकारात्मक भी हो सकता है। बस पंजीरी में मिलाई जाने वाली सामग्रियों पर जरूर गौर करें। अगर किसी भी सामग्री से एलर्जी हो, तो उसकी जगह कोई अन्य विकल्प चुनें।
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