16 Feb 2022 | 1 min Read
Ankita Mishra
Author | 409 Articles
वैसे तो प्रेग्नेंट होने के लक्षण कई हैं, लेकिन गर्भावस्था के शुरुआती लक्षण में मासिक धर्म का न आना सबसे मुख्य लक्षण होता है। हालांकि, कई बार पीरियड्स न आने के और भी वजह हो सकती हैं। ऐसे में किस तरह की स्थितियों में पीरियड मिस होने को गर्भावस्था के संकेत और लक्षण मान सकते हैं, इसी बारे में हम बता रहे हैं। बेबीचक्रा के इस लेख में आप गर्भावस्था के शुरुआती लक्षण पढ़ेंगी, जो आपको यह समझने में मदद करेंगे कि आप गर्भवती हैं या नहीं।
गर्भावस्था के लक्षण जानने के लिए आपको लेख को अंत तक पढ़ना चाहिए, चलिए जानते हैं कि क्या सभी महिलाओं को समान लक्षण नजर आते हैं?
जी नहीं, गर्भावस्था के शुरुआती लक्षण कई सारे हो सकते हैं। यह जरूरी नहीं है कि सभी महिलाओं में एक जैसे ही लक्षण दिखाई दें। किसी महिला में प्रेग्नेंट होने के लक्षण कैसे हो सकते हैं, यह महिला के स्वास्थ्य व शारीरिक स्थिति पर निर्भर करता है। जहां कुछ महिलाएं गर्भवती होने के पहले सप्ताह में मतली व चक्कर का अनुभव कर सकती हैं, वहीं कुछ महिलाओं को इस दौरान मूड स्विंग भी हो सकता है।
हालांकि, सभी महिलाओं में एक बात सामान्य हो सकती है कि उन्हें एक साथ एक से अधिक गर्भावस्था के शुरुआती लक्षण नजर आ सकते हैं। प्रेग्नेंट होने के लक्षणके बारे में नीचे विस्तार से पढ़ें।
निषेचित अंडा जब महिला के गर्भ में स्थापित हो जाता है तो गर्भावस्था के लक्षण इस प्रकार हो सकते हैं, इनमें से अधिकतर लक्षण प्रेग्नेंसी का पहला सप्ताह दर्शा सकते हैं (pregnancy symptoms in hindi), जैसे:
कैसे पता चलेगा कि मैं प्रेग्नेंट हूं? इसका सबसे पहला जवाब है पीरियड्स मिस होना। अगर महिला की माहवारी नहीं आती है और उसके मन में गर्भवती होने का संशय बनता है, तो इसकी पुष्टी करने के लिए वह प्रेग्नेंसी टेस्ट किट का इस्तेमाल कर सकती है। इसको आसान, सुरक्षित और भरोसेमंद तकनीक माना जा सकता है।
गर्भावस्था के लक्षण में चक्कर आना भी शामिल है, कई गर्भवती महिलाओं को अपनी गर्भावस्था के शुरुआती दिनों में चक्कर आने की शिकायत हो सकती है। यह प्रारंभिक गर्भावस्था के दौरान रक्त वाहिकाओं की वृद्धि और गर्भाशय में शिशु के निर्माण की वजह से हो सकती है। कुछ दुर्लभ स्थितियों में यह बेहोशी का भी कारण हो सकता है। चक्कर आने पर चोट लगने का डर भी रहता है इसलिए गर्भावस्था में सावधानियां अपनानी चाहिए, ऐसे में डॉक्टर से संपर्क करना बेहतर माना जा सकता है।
अगर पीरियड मिस होने के साथ ही बहुत ज्यादा नींद आए और थकान महसूस हो, तो इसे भी प्रेग्नेंट होने के लक्षण मान सकते हैं। अक्सर यह देखा गया है कि प्रेग्नेंसी का पहला सप्ताह शुरू होने के बाद महिलाएं अधिक सोती हैं, लेकिन फिर भी उन्हें शारीरिक रूप से थकान महसूस होती है। ऐसे में चिंता न करें। प्रेग्नेंसी टेस्ट करें और भरपूर आराम करें।
अगर पीरियड न आए और इसी के साथ ही महिला को बार-बार पेशाब आने की समस्या होने लगी हो, तो यह भी गर्भावस्था के लक्षण को दर्शा सकता है। दरअसल, प्रेग्नेंसी के दौरान जैसे-जैसे महिला का गर्भाशय बढ़ता है और पेट का आकार बढ़ता है, उससे ब्लैडर पर दबाव बनता है, जो अक्सर बार-बार पेशाब आने की स्थिति को उत्पन्न कर सकता है।
मूड बदलना भी गर्भावस्था के लक्षण हो सकते हैं। ऐसा गर्भावस्था के शुरुआती चरणों में हो रहे हार्मोनल बदलाव की वजह से देखा जा सकता है। इस दौरान महिला का स्वाभाव अधिक चिड़चिड़ा, गुस्सैल या उदास हो सकता है। आमतौर पर प्रेग्नेंसी का पहला सप्ताह इस तरह के लक्षण को सामने ला सकता है।
लगभग 50% गर्भवती महिलाएं बवासीर व हल्के वजाइनल रक्तस्राव से भी गर्भावस्था के संकेत और लक्षण को पहचान सकती हैं। ऐसा गर्भावस्था के दौरान महिला के शरीर में बढ़ी हुए रक्त की मात्रा की वजह से हो सकता है। खून बढ़ने से नसें बढ़ने लगती हैं। वहीं, बढ़ता गर्भाशय मलाशय की नसों पर दबाव डालने लगता है, जिससे महिला में हल्के रक्तस्राव या बवासीर के लक्षण दिखाई दे सकते हैं।
गर्भवती होने के कुछ सप्ताह के अंदर महिला अपने स्तनों में सूजन व दर्द के साथ ही भारीपन को भी महसूस कर सकती है। इतना ही नहीं निप्पल के रंग में बदलाव देख सकती हैं। ऐसा हार्मोनल बदलाव के कारण हो सकता है।
पेट में दर्द या ऐंठन होना भी प्रेग्नेंट होने के लक्षण हो सकते हैं। इस तरह का लक्षण गर्भधारण करने के पहले हफ्ते में खासतौर पर देखा जा सकता है। इस लक्षण सामान्य दर्दनिवारक दवा लेने के साथ ही दूर हो सकते हैं, जो दवा के असर के खत्म होते ही फिर से शुरू हो सकते हैं।
9. जी मिचलाना या उल्टी आना
सुबह उठने या खाना खाते समय अगर बार-बार महिला का जी मिचलाए या उसे उल्टी आए, तो यह भी प्रेग्नेंसी के पहले सप्ताह के लक्षण हो सकते हैं। इसे मेडिकल टर्म में मॉर्निंग सिकनेक (Morning Sickness) भी कहा जाता है।
10. शरीर का तापमान बढ़ना
प्रेग्नेंसी का पहला सप्ताह शुरू होते ही, महिला का शरीर हल्का गर्म रहने लग सकता है। उसे हल्का बुखार जैसा महसूस हो सकता है। इसकी वजह से उसे बीमार होने व शरीर में हल्की हरारत जैसे लक्षण भी महसूस हो सकते हैं।
11. स्वाद और सुगंध में बदलाव
प्रेग्नेंसी के दौरान महिलाओं के सूंघने की क्षमता तेज हो जाती है। इस वजह से उन्हें अक्सर कुछ खाद्य पदार्थों का टेस्ट भी खराब लगने लग सकता है। इनमें वो खाद्य भी शामिल हो सकते हैं, जिसे वो अक्सर खाना पसंद करती हैं।
12. सिर दर्द
शरीर में बढ़ते ब्लड वॉल्यूम और रक्त परिसंचरण बढ़ने की वजह से गर्भावस्था के शुरुआती लक्षणों में सिर दर्द की भी समस्या हो सकती है। यह धीरे-धीरे अपने आप कम भी हो सकता है।
13. क्रेविंग होना
अगर महिला को अजीबों गरीब खाने की क्रेविंग होने लगती है, तो यह भी उसके गर्भावस्था के संकेत और लक्षण हो सकते हैं। इसके अलावा, उनके खाने की मात्रा भी सामान्य दिनों के मुकाबले अधिक हो सकती है। यहाँ तक की हमारे समाज में क्रेविंग को लेकर कुछ लोकमान्यताएं हैं जो केवल प्रेगनेंसी मिथ हैं (Pregnancy Myths in Hindi), जैसे मीठे का मन हो तो लड़का होता है और नमकीन खाने का मन हो तो लड़की
14. पाचन की समस्याएं
अगर पीरियड मिस होने के साथ ही महिला को कब्ज, पेट फूलने, अपच, गैस बनने या पेट में भारीपन का भी एहसास हो रहा हो, तो यह भी गर्भावस्था के लक्षण के लक्षण हो सकते हैं।
प्रेगनेंट होने के 6 से 14 दिन के भीतर आपको गर्भावस्था के लक्षण दिखने लगते हैं।
प्रेगनेंट होने के पहले हफ्ते में महिला को चक्कर आना, और मुंह का स्वाद बदलने जैसे लक्षण दिखाई देते हैं।
हाँ, प्रेगनेंसी के शुरूआती दिनों में वाईट डिस्चार्ज हो सकता है, ऐसा इसलिए होता ताकि सर्विक्स को कोई हानिकारक जीवाणु पार करके इन्फेक्शन का कारण न बने, हार्मोन बदलने से भी ऐसा होता है।
गर्भावस्था के पहले सप्ताह के लक्षण में जरूरी नहीं है सभी महिलाओं को उल्टी आए, जानिए प्रेगनेंसी में उल्टी न आने का कारण। तिमाही में ज्यादातर महिलाओं को उल्टी की शिकायत हो सकती है, गर्भधारण के 1 से 3 सप्ताह के बीच उल्टियाँ शुरू हो सकती हैं।
अगर कोई महिला यहां बताए गए प्रेग्नेंट होने के लक्षण एक से अधिक महसूस करती हैं, तो इसकी संभावना बढ़ जाती है कि वो गर्भवती हैं। हालांकि, कुछ तरह की सामान्य स्वास्थ्य संबंधी परेशानियां भी गर्भावस्था के संकेत और लक्षण से काफी मिलते-जुलते हो सकते हैं। ऐसे में महिला को सबसे पहले घर पर अपनी गर्भावस्था की पुष्टि करनी चाहिए। अगर इसके बाद भी उसे अपनी गर्भावस्था के लक्षणों को लेकर कोई संदेह है, तो डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।
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