16 Feb 2022 | 1 min Read
Ankita Mishra
Author | 409 Articles
प्रेग्नेंसी में कैसे सोना चाहिए (Pregnancy Me Kaise Sona Chahiye), यह गर्भवती महिलाओं के लिए बड़ी मुश्किल हो सकती है। दरअसल, गर्भावस्था में बढ़ते पेट के आकार गर्भवती महिलाओं को सामान्य दिनों की तरह सोने वाले तरीके में परेशानी हो सकती है, गर्भावस्था को भी प्रभावित कर सकती है। ऐसे में गर्भावस्था में सोने का सही तरीका (Pregnancy Me Kaise Soye) क्या है, इसकी सही जानकारी होनी जरूरी है।
यही खास वजह है कि बेबीचक्रा के इस लेख में गर्भावस्था में सोने के तरीके (Pregnancy mein kaise sona chahiye) पर चर्चा की गई है। यहां पर आप प्रेग्नेंसी में कैसे सोना चाहिए (Pregnancy me kaise sona chahiye), इसके बारे में विस्तार से पढ़ेंगे।
गर्भावस्था में सोने का सही तरीका (Pregnancy me kaise soye) क्या है, इस पर कई रिसर्च मौजूद हैं। इनके आधार पर ऐसा बताया गया है कि गर्भावस्था के दौरान बाईं करवट में सोना गर्भवती महिला व उसकी गर्भावस्था के लिए अच्छा हो सकता है।
बाईं करवट लेकर गर्भावस्था में सोने क्यों अच्छा माना गया है, इसकी कई वजहें हैं, जिनके बारे में नीचे विस्तार से बताया गया हैः
गर्भावस्था के दौरान बाईं ओर करवट लेकर सोना सबसे बेहतरीन अवस्था मानी जा सकती है, क्योंकिः
प्रेग्नेंसी में कैसे सोना चाहिए इमेज (Pregnancy me kaise sona chahiye image) के जरिए इसे आसानी से समझाया जा सकता है। इसे और भी बेहतर तरीके समझाने के लिए यहां पर हम प्रेग्नेंसी में कैसे सोना चाहिए इमेज (Pregnancy me kaise sona chahiye image) भी दे रहे हैं।
प्रेग्नेंसी के पहली तिमाही से लेकर तीसरी तिमाही तक नींद की समस्या देखी जा सकती है। हालांकि, गर्भवस्था की दूसरी तिमाही के दौरान नींद की समस्या सबसे अधिक देखी जा सकती है। वहीं, तीसरी तिमाही में भी प्रेग्नेंसी के दौरान नींद की समस्या देखी जा सकती है।
गर्भावस्था में सोने के तरीके (Pregnancy mai kaise sona chahiye) के साथ ही, इस दौरान कितना सोना चाहिए, इसका भी ध्यान रखना जरूरी है। गर्भवती महिलाओं के लिए भारत सरकार की तरफ से जारी एक गाइडलाइन में यह स्पष्ट किया गया है कि गर्भवती महिलाओं को रात में कम से कम 8 घंटे तक सोना चाहिए। इसके अलावा, उन्हें दिन में भी कम से कम 2 घंटे की नींद पूरी करनी चाहिए।
रिसर्च बताते हैं कि गर्भावस्था के शुरुआती चरणों से ही नींद की समस्या शुरू हो सकती है, जो पेट के बढ़ते आकार और उसकी वजह से होने वाले शारीरिक थकान की वजह से अधिक बढ़ भी सकती है। नीचे इसके कुछ अन्य कारण भी बताए गए हैंः
गर्भावस्था में सोने का सही तरीका (Pregnancy me kaise soye) अच्छी व आरामदायक नींद के लिए जरूरी है। वैसे तो लेख में यह बता चुके हैं कि प्रेग्नेंसी में कैसे सोना चाहिए (Pregnancy me kaise sona chahiye)। हालांकि, बाईं ओर करवट लेकर सोते समय गर्भवती महिला को कुछ अन्य टिप्स भी फॉलों कर सकती हैं, जो उनके सोने की गुणवत्ता को बढ़ा सकते हैं, जैसेः
गर्भावस्था में पेट के बल सोना (Pregnancy me sone ka tarika) अच्छा नहीं होता है। इसके निम्नलिखित कारण हैं, जिनमें शामिल हैंः
प्रेग्नेंसी में पीठ के बल यानी प्रेग्नेंसी में सीधा सोना चाहिए या नहीं (Pregnancy mein kaise sona chahiye), इसे भी लेकर कई लोगों के मन में सवाल हो सकते हैं। तो बता दें कि प्रेग्नेंसी के शुरुआती चरणों में पीठ के बल सोना सही माना जा सकता है।
हालांकि, प्रेग्नेंसी में पीठ के बल अधिक देर कर लेटे रहने (pregnancy me kis side sona chahiye) से बचना चाहिए। इस पर जारी रिसर्च में यह बताया गया है कि गर्भावस्था में पीठ के बल लेटकर सोने से पेट के भार गर्भाशय का दबाव बना सकता है। इससे पीठ की मांसपेशियों, रीढ़ की हड्डियों व रक्त की नलियों पर भी दबाव पड़ सकता है, जो भ्रूण में रक्त का संचार प्रभावित कर सकता है।
उम्मीद है कि प्रेग्नेंसी में कैसे सोना चाहिए (Pregnancy me kaise sona chahiye), इससे जुड़े सारे सवालों के जवाब आपको इस लेख में मिले होंगे। एक बात का ध्यान रखें कि गर्भावस्था में सोने का सही तरीका (pregnancy me kaise soye) न सिर्फ स्वस्थ गर्भावस्था के लिए जरूरी है, बल्कि माँ व बच्चे के लिए भी अच्छा होता है। आशा करते हैं कि गर्भावस्था में सोने के तरीके (pregnancy mai kaise sona chahiye) का आप ध्यान रखेंगे और जच्चे-बच्चे को सेहतमंद बनाए रखेंगे।
हां, प्रेग्नेंसी में गलत तरीके से सोने से माँ व शिशु में रक्त परिसंचरण में परेशानी के साथ ही अन्य समस्याएं भी हो सकती हैं। इसलिए गर्भावस्था में सोने का सही तरीका (Pregnancy me kaise soye) हर गर्भवती महिला को पता होना चाहिए।
अगर गर्भवती महिला को नींद आने में परेशानी होती है, तो वह स्लीप म्युजिक सुन सकती हैं। इसके अलावा, सिर, कमर व पैर की मालिश करवा सकती हैं। मालिश से भी अच्छी नींद आ सकती है।
प्रेग्नेंसी में पेट बढ़ने पर गलत तरीके से लोटने के कारण सोने व लेटने में परेशानी हो सकती है। जिसे कम करने के लिए गर्भवती महिलाएं बाईं ओर करवट लेकर सो सकती हैं। साथ ही, अच्छी क्वालिटी के प्रेग्नेंसी पिलो का इस्तेमाल भी कर सकती हैं।
प्रेग्नेंसी में ज्यादा लेटे रहने से पेट के बढ़े हुए आकार की वजह से ब्लैडर पर दबाव बढ़ सकता है। इससे गर्भवती महिला को बार-बार पेशाब की इच्छा हो सकती है और यह उसके नींद को प्रभावित कर सकती है।
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