16 Feb 2022 | 1 min Read
Mousumi Dutta
Author | 387 Articles
हर लड़की की जिंदगी में मेंस्ट्रूअशन या मासिक धर्मचक्र का शुरू होना बहुत बड़ा चरण होता है। प्यूबर्टी के समय पीरियड्स का एक रक्त का बूंद कुछ लड़कियों को राहत या खुशी का एहसास कराता है तो कुछ डर जाती है। पीरियड्स शुरू होने का मतलब है वह लड़की से महिला बन गई है। लेकिन यह बात लेकर वह डर महसूस करें या खुद असहाय या शर्मिंदगी महसूस करें इसके लिए माँ को चाहिए कि बेटी को समय रहते मासिक धर्मचक्र या पीरियड्स के बारें में अच्छी तरह से समझा दें।
इस बारे में बेटी के साथ जितनी जल्दी हो, बात कर लेना चाहिए। उसको एक बार में नहीं, काम के बीच में या खेल-खेल में शरीर में हो रहे बदलावों के बारे में बताना शुरू करें। क्योंकि बाहर से कोई गलत जानकारी उसके मन को स्ट्रेस में डालने से पहले माँ को स्पष्ट रूप में मासिक धर्मचक्र के बारे में समझानी चाहिए।
माँ अपने अनुभव की बात शेयर करते हुए इस बात की शुरूआत कर सकती हैं ताकि बेटी को ऐसा महसूस न हो कि उसके जिंदगी में नया और अनोखा कुछ हुआ है। सबसे पहले उसको यह बताएं कि आखिर पीरियड्स क्या होता है, यह क्यों शुरू होता है, या कब से होना शुरू होता है आदि। सवालों के जरिए आप बात को समझा सकती हैं-
पीरियड्स क्या होता है?
मासिक धर्म चक्र के दौरान, शरीर के विभिन्न हिस्सों से जो हार्मोन निकलता हैं वह गर्भावस्था के लिए शरीर को तैयार करने में मदद करता हैं। गर्भधारण की तैयारी तब से शुरू हो जाती है जब अंडाशय हार्मोन एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन का उत्पादन करते हैं। फिर, पिट्यूटरी ग्रंथि के अन्य हार्मोन अंडाशय से अंडे, या डिंब के मैच्यूर होने और निकलने को प्रोत्साहित करते हैं।
अंडे के निकलने की प्रक्रिया को ओव्यूलेशन कहा जाता है। आमतौर पर 28-दिवसीय चक्र के दिन 14, ओव्यूलेशन का दिन माना जाता है। अंडाशय से, अंडा फैलोपियन ट्यूबों में से एक में चला जाता है। अगर अंडा और शुक्राणु का मिलन हो जाता है गर्भधारण की प्रक्रिया शुरू हो जाती हैं, यह तब गर्भाशय की मोटी, रक्त युक्त परत से जुड़ जाता है। यदि निषेचन नहीं होता है, तो अंडे का अलग होना शुरू हो जाता है, एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन का स्तर गिर जाता है, और गर्भाशय की परत टूट जाती है और बह जाती है – इसी को मासिक धर्मचक्र या पीरियड्स कहते हैं।
पीरियड्स किस उम्र से होता है?
लड़कियाँ आम तौर पर मेनार्च (menarche) तक 10-16 साल के बीच पहुँच जाती हैं। मेनार्च मासिक धर्म की शुरुआत होने का मेडिकल टर्म है।
वैसे औसतन उम्र 12 साल है, लेकिन हर लड़की के शरीर का अपना शेड्यूल होता है। हर लड़की के लिए पीरियड्स शुरू होने का समय एक नहीं होता है। आम तौर पर लड़की का स्तन जब विकसित होता है, उसके दो साल के बाद पीरियड्स होना शुरू होता है। पीरियड्स शुरू होने के एक साल या छह महीने पहले योनि स्राव म्यूकस की तरह डिस्चार्ज होता है। यह मासिक धर्म चक्र शुरू होने का संकेत होता है।
पीरियड्स कितने दिनों तक होता है और होने पर कितना खून निकलता है?
पीरियड्स आम तौर पर 3 दिन से 7 दिनों तक रहता है और यह हर लड़की के लिए अलग-अलग होता है। कुल 2-4 बड़े चम्मच (30-59 मिलीलीटर) रक्त हो सकता है।
पीरियड्स होने पर लक्षण क्या होता है?
आम तौर पर नॉर्मल मेंस्ट्रुएशन के लक्षण इस प्रकार के होते हैं-
पीरियड्स होने पर क्रैम्प होने पर क्या करेंगे?
मासिक धर्मचक्र के दौरान पेट में ऐंठन या क्रैम्प होना आम बात है। कभी-कभी गर्म पानी की बोतल से पेट में सेंक देने या गुनगुने गर्म पानी से नहाने पर थोड़ी राहत मिल सकती है। कुछ लोगों को डीप ब्रीदिंग एक्सरसाइज और एक्सरसाइज करने पर आराम मिलता है। अगर असहनीय दर्द होता है तो इबुप्रोफेन जैसी ओवर-द-काउंटर दवा ले सकते हैं।
पीएमएस क्या होता है?
मासिक धर्म के दौरान या पहले लड़की जो भावनात्मक और शारीरिक लक्षण महसूस करती है, जैसे- मूड स्वींग, उदासी, चिंता, एक्ने आदि, इसको पीएमएस (प्रीमेंस्ट्रुअल सिंड्रोम) कहते हैं। मासिक धर्म शुरू हो जाने के बाद धीरे-धीरे चले जाते हैं।
टीएसएस क्या होता है?
टैम्पून के इस्तेमाल करने से जो बैक्टीरियल इंफेक्शन होता है उसको टॉक्सिक शॉक सिंड्रोम (TSS) कहते हैं। सावधानी के लिए हेवी फ्लो के दिनों में 4 घंटे में टैम्पून बदलना चाहिए।
पीरियड को कैसे ट्रैक करेंगे?
आप कैलेंडर पर पीरियड के दिन को मार्क करके ट्रैक कर सकती हैं। आप अपने पीरियड्स को ट्रैक करने के लिए अपने फोन पर ऐप्स भी डाउनलोड करके कर सकती हैं।
वैसे तो इस तरह के अनगिनत सवाल है और जिज्ञासाएं हैं जो आपको अपने बेटी को समझाना पड़ेगा। लेकिन यह कुछ बेसिक बातें हैं जिनके बारे में आपको अपनी बेटी को पीरियड शुरू होने के पहले बतानी चाहिए।
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