14 Feb 2022 | 1 min Read
Mousumi Dutta
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पेट दर्द की समस्या ऐसी समस्या है जो वयस्क से लेकर बच्चे किसी को भी हो सकती है। यह समस्या बच्चों और शिशुओं के लिए तो और भी परेशानी का सबब बन जाता है, क्योंकि वह बोलकर या समझाकर अपनी कष्ट को बता नहीं पाते हैं। इस समस्या को लेकर माँ की नींद सबसे ज्यादा उड़ी हुई रहती है।
हम आपकी परेशानी को समझते हैं इसलिए इस आर्टिकल में हम जानकारी देने वाले हैं कि आखिर बच्चों में पेट दर्द के कारण क्या है और बच्चों में पेट दर्द के लिए घरेलू उपचार कौन से हो सकते हैं जिनसे बच्चों को जल्दी राहत मिल सकती है।
पेट दर्द की समस्या को समझने के लिए सबसे पहले बच्चों में पेट दर्द के कारण के बारे में जान लेते हैं। वैसे तो शिशु हो या बच्चे उनके पेट दर्द की समस्या के पीछे अनगिनत कारण होते हैं। यहाँ हम बच्चों में पेट दर्द के कुछ आम कारणों के बारे में बात करेंगे-
1. कब्ज (Constipation in Hindi)
छोटे बच्चों में कब्ज की समस्या आम होती है। नियमित खान-पान में बदलाव, डायट में फाइबर की कमी या दो-तीन दिन मल त्याग नहीं करने पर यह समस्या हो सकती है। पेट दर्द के कारण ऐंठन जैसा महसूस हो सकता है या पेट में सूजन के कारण भी दर्द का अनुभव होता है। इसके लिए शिशु की उम्र अगर 6 महीने से ज्यादा है तो साग-सब्जी, ओट्स, दाल एवं फाइबर युक्त चीजें ज्यादा दें और साथ ही पर्याप्त मात्रा में पानी जरूर पिलाएं।
2. गैस या एसिडिटी की समस्या (Acidity in Hindi)
इस समस्या से बच्चे या बड़े-बूढ़े भी परेशान रहते हैं। थोड़ा-सा खाने-पीने की चीजों में बदलाव हुआ हो या मल त्याग सही तरह से नहीं होने पर यह परेशानी हो सकती है। कभी-कभी बाहर का दूध पीने से भी बच्चों को एसिडिटी की समस्या होती है। चिंता न करें। माँ को हमेशा अपने बच्चे के खाने-पीने पर ध्यान देना चाहिए। साथ ही अगर बच्चा ब्रेस्टफीड करता है तो माँ को खुद के आहार पर भी ध्यान देना चाहिए।
3. गैस्ट्रोएसोफेगल रिफ्लक्स (GERD in Hindi)
गैस्ट्रोएसोफेगल रिफ्लक्स एक डाइजेस्टिव डिसऑर्डर है, जिसमें स्टॉमक एसिड या बाइल फूड पाइप में वापस आने लगता है। इससे कारण बच्चे के पेट में बेचैनी और दर्द से परेशानी महसूस होती है। इससे बचने के लिए बच्चे को खिलाने के बाद गोद में सीधा बैठाकर पीठ को सहलाना चाहिए। ऐसा करने से कुछ हद तक इस समस्या से राहत दिलाया जा सकता है।
4. एलर्जी (Allergy in Hindi)
कुछ-कुछ बच्चों को अंडा, मछली, बादाम, सोयाबीन, दूध, काजू आदि से एलर्जी हो सकता है। एलर्जी के कारण यह सीधे आपके शरीर पर असर करता है। जब शरीर का इम्यून सिस्टम इससे लड़ नहीं पाता है तब एलर्जी के कारण पेट में दर्द, दस्त जैसी समस्याएं होती हैं। जिस चीज से बच्चों को एलर्जी होती है, वह बच्चों को न दें तो इस समस्या से बचा जा सकता है।
5. एडिनोवायरस (Adenovirus in Hindi)
यह एक प्रकार का पेट का इंफेक्शन होता है। कभी-कभी बच्चे इंफेक्टेड चीजों को बार-बार मुँह में डालते हैं, इससे संक्रमण मुँह से पेट में चला जाता है। जिन बच्चों का इम्यून कमजोर होता है, उनको यह इंफेक्शन जल्दी हो जाता है। यह साधारणत: 10 साल तक के बच्चों में ज्यादा होता है। माता-पिता को चाहिए कि वह हमेशा बच्चों पर नजर रखें कि वह मुँह में दूषित चीजों को न जाने दें। इससे समस्या से कुछ हद तक राहत पाया जा सकता है।
6. साल्मोनेला (Salmonella in Hindi)
यह भी एक प्रकार स्टॉमेक इंफेक्शन है। यह संक्रमण विशेष रूप से चार साल तक के बच्चों में ज्यादा होता है। जब बच्चे संक्रमित भोजन (अंडा, मछली, डेयरी प्रोडक्ट आदि) या पानी के संपर्क में आते हैं तब बैक्टीरिया के पनपने के कारण यह समस्या होती है। पेट में दर्द, दस्त और बुखार इस संक्रमण के कारण होता है। इससे बच्चों को बचाने के लिए माँ के लिए हमेशा खाना खिलाने के पहले साफ-सफाई का ध्यान रखना जरूरी होता है।
7. रोटावायरस (Rotavirus in Hindi)
रोटावायरस , गैस्ट्रोएन्टेराइटिस के कारण होता है। असल में यह एक प्रकार का स्टॉमेक फ्लू होता है। यह वायरस पेट और इंटेस्टाइन को संक्रमित करता है। इसके कारण बच्चों को दस्त और उल्टी के साथ पेट में दर्द की समस्या होती है।
रोटावायरस के कारण पेट में दर्द के साथ दस्त होता है। ऐसी स्थिति में अवस्था को संभालने के लिए ओआरएस का घोल देने की सलाह दी जाती है।
अभी आपने बच्चों के पेट में दर्द होने के कारणों के बारे में जाना, लेकिन सवाल अब आता है कि बच्चे के पेट में दर्द है ऐसा कैसे समझे। शिशु किन संकेतों के माध्यम से अपनी समस्या को समझाएंगे, चलिए इस बारे में जानते हैं-
न्यू मॉम के लिए यह समझना मुश्किल हो जाता है कि उनका बच्चा किस कारण से चिल्लाकर रो रहा है। पर शिशु अपनी बात संकेतों के द्वारा समझा देता है, बस उनके संकेतों को समझने की जरूरत है-
बच्चे के पेट में बार-बार दर्द होना, यह आमतौर पर किसी गंभीर समस्या के कारण नहीं होता है। लेकिन इस बात से भी इनकार नहीं किया जा सकता कि कई बार पेट दर्द किसी गंभीर बात का संकेत भी हो सकता है। अगर बच्चा बार-बार पेट दर्द की शिकायत करता है तो आपको उसे डॉक्टर को दिखाना चाहिए। ख़ासतौर पर अगर बच्चे को दर्द के साथ उल्टी और दस्त की शिकायत हो तो बच्चो के पेट दर्द का इलाज कराया जाना चाहिए।
जैसा कि हमने बताया कि चाइल्ड एक्सपर्ट डॉक्टर पेट को छूकर परेशानी का अनुमान लगा सकते हैं और लक्षणों से भी बच्चे के पेट दर्द के कारण का पता चलता है। कई मामलों में यह तकनीक सहायक नहीं होती, ऐसे में पेट दर्द का सही कारण जानने के लिए कुछ टेस्ट करने की सलाह भी डॉक्टर दे सकते हैं जैसे –
चलिए अब तक हमने शिशु में पेट दर्द की समस्या होने के कारण और संकेतों के बारे में जान लिया है, तो आगे हम कुछ ऐसे सिंपल बच्चों में पेट दर्द के लिए घरेलू उपचार के बारे में जानेंगे, जिनको आप आसानी से घर पर कर सकते हैं।
1. गुनगुना गर्म पानी
अगर आपका बच्चा छह महीना से बड़ा है तो आप गुनगुना गर्म पानी थोड़ा-थोड़ा करके दे सकते हैं। इससे पेट की मांसपेशियों की सेंकाई होती है और आराम मिलता है। आप पानी के साथ-साथ ग्राइप वाटर भी दे सकती हैं, जानिए Woodwards Gripe Water Uses in Hindi
2. गुनगुने गर्म पानी से नहलाएं-
बच्चों में पेट दर्द के लिए घरेलू उपचार के रूप में गुनगुने पानी से नहलाने की तरकीब भी अपनाई जा सकती है। अक्सर बच्चे को गुनगुने गर्म पानी से पेट पर सेंक देने या नहलाने से शिशु को जल्दी आराम मिलता है। टब में हल्का गर्म पानी डालकर शिशु को बैठाएं और देखें कि सिर्फ पेट तक ही पानी हो। इससे शिशु को आराम मिलता है।
3. पेट पर मसाज
क्या आपको पता है कि थोड़ी-सी हींग पेट पर मलने से शिशु को जल्द आराम मिलता है। बच्चों में पेट दर्द के लिए घरेलू उपचार करने के लिए दादी-नानी इसका इस्तेमाल करती आई हैं। हींग पेट की लाइनिंग को आराम देता है और इसकी एंटी-बैक्टीरियल गुण भी संक्रमण से लड़ने में मदद करते हैं।
4. नारियल तेल
अगर शिशु के पेट में गैस है तो हाथ में थोड़ा पानी और नारियल तेल लेकर शिशु के पेट को मसाज करें। इससे पेट दर्द से जल्दी आराम मिल सकता है।
5. दही
यह तो पता ही है कि दही में गुड बैक्टीरिया होता है, जो पेट में मची हलचल को शांत करने में अहम भूमिका निभाता है। इसलिए बच्चों के भोजन में दही को शामिल करना चाहिए, इससे प्रोटीन भी मिलता है।
6. बच्चे को दें आराम
पेट दर्द दूर होता है या नहीं यह देखने के लिए अपने बच्चे को चुपचाप लेटने दें। बच्चों में पेट दर्द के लिए घरेलू उपचार अपनाने के साथ-साथ आपको उन्हें सुलाने की कोशिश भी करके देखनी चाहिए उन्हें पानी या अन्य स्पष्ट तरल पदार्थ के घूंट दें और सुझाव दें कि आपका बच्चा मल त्याग करने का प्रयास करे।
7. ना दें गरिष्ठ भोजन
कुछ घंटों के लिए ठोस भोजन से बचें। फिर चावल, दूध ब्रेड या दही केला जैसे हल्के आहार खाने को दें।
अपने बच्चे को पेट में जलन पैदा करने वाले खाद्य पदार्थ या पेय न दें। कैफीन, कार्बोनेटेड सोडा, दुग्ध उत्पाद, तला हुआ या चिकना खाना, उच्च वसा वाले खाद्य पदार्थ, टमाटर आदि का सेवन करने से बचें।
अब तो आप समझ ही गए हैं कि बच्चे में पेट दर्द आम बीमारी है, ठीक उसी तरह सही समय पर बच्चों में पेट दर्द के लिए घरेलू उपचार देना दर्द से राहत दिलाने का सही रास्ता होता है। आइए, आगे जानते हैं कि बच्चों में पेट दर्द की कौन से लक्षण गंभीर माने जाते हैं –
कई बार बच्चों में पेट दर्द के लिए घरेलू उपचार कारगर नहीं होते है, दर्द उनके लिए असहनीय भी हो सकता है इसलिए अगर पेट दर्द के साथ नीचे लिखे लक्षण नजर आएं तो बच्चे को तुरंत डॉक्टर के पास ले जाना चाहिए –
1. बच्चों के पेट में कीड़े होने के क्या लक्षण है?
बच्चे के पेट में कीड़े होने के लक्षण (Pet Me Kide Hone Ke Lakshan) होने पर उसके पेट में दर्द रहता है और उसका वजन कम होता चला जाता है, जबकि बच्चे को भूख भी बहुत लगती है। कई बार पेट में कीड़े होने के कोई लक्षण नहीं दिखाई देते हैं। यहाँ पढ़ें – बच्चों के पेट के कीड़े मारने के घरेलू उपाय
2. पॉटी नहीं आ रही तो क्या करे?
डॉक्टर से पूछकर बच्चे को कोई स्टूल सॉफ्टनर दिया जा सकता है, इसके अलावा गुनगुने पानी का सेवन या गुड़ घुला दूध बच्चे को देने से पेट साफ रहता है।
3. कौन सा फल खाने से पेट साफ होता है?
ऐसे फल जिनमें प्रचुर मात्रा में फाइबर होता है, पेट के लिए बहुत अच्छे होते हैं। पपीता, कीवी और अमरुद का सेवन करने से पेट साफ़ रखने में मदद मिलती है।
तो बेबीचक्रा के इस लेख में आपने जाना कि बच्चों के पेट में दर्द के कारण क्या हैं और बच्चों में पेट दर्द के घरेलू उपचार क्या हो सकते हैं। उम्मीद करते हैं कि आपके लिए यह जानकरी उपयोगी साबित होगी और आप अपने बच्चे के लिए सही निर्णय लेने में कामयाब रहेंगें। इस ब्लॉग को अधिक से अधिक शेयर करने में हमारी मदद करें।
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