1 Feb 2022 | 1 min Read
Mousumi Dutta
Author | 387 Articles
शिशु के आहार की जब बात आती है तब न्यू मॉम क्या, दो बच्चों की माँ भी असंमजस में पड़ जाती है। नवजात शिशु को कितना दूध यानि फॉर्मूला दूध दिया जाय या दिन में कितनी बार, कितनी मात्रा में दूध देना चाहिए, इस बात को समझ पाना हर माँ के लिए मुश्किल का काम होता है।
वैसे तो इस सवाल का जवाब एक वाक्य में देना बहुत मुश्किल है। सच तो यह है कि माँ के दूध का कोई विकल्प नहीं होता है लेकिन यदि माँ का दूध शिशु के लिए पर्याप्त नहीं हो रहा है या शिशु स्तनपान नहीं कर पा रहा है या माँ का दूध ही नहीं निकल रहा है तो इन अवस्थाओं में फॉर्मूला दूध देने की अनिवार्यता बन जाती है। तो फिर चलिए आपके सवालों का जवाब एक-एक करके देने की कोशिश करते हैं ताकि आपकी चिंता का शमन हो।
फॉर्मूला दूध क्या होता है?
फॉर्मूला दूध में विटामिन, मिनरल, फैट, शुगर और दूसरे न्यूट्रिशियस चीजें संतुलित मात्रा में होती है। जब माँ दूध पिलाने में असक्षम होती है या माँ का दूध शिशु की भूख मिटा नहीं पा रहा है तब फॉर्मूला मिल्क पावडर देने की जरूरत पड़ती है। बहुत लोगों के मन में यह संशय रहता है कि फॉर्मूला मिल्क पावडर शिशु के लिए सेफ होता है कि नहीं। जब शिशु स्तनपान नहीं कर पा रहा है या माँ का दूध किसी कारणवश नहीं मिल पा रहा है तब इससे ज्यादा सुरक्षित विकल्प दूसरा नहीं होता है। इसको देने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर ले लें, क्योंकि वह शिशु की आयु और स्वास्थ्य को नजर में रखकर सही फॉर्मूला दूध के बारे में बताएंगे।
फॉर्मूला दूध बनाने के लिए किन बातों का ध्यान रखना चाहिए?
फॉर्मूला दूध बनाने का तरीका अगर सही नहीं हुआ तो शिशु की सेहत को नुकसान पहुँच सकता है। इसलिए फॉर्मूला मिल्क पावडर बनाने के लिए इन बातों का रखें ध्यान-
शिशु भूखा है, इस बात का कैसे पता चलेगा?
यह सच है कि शिशु को बोलना नहीं आता है, वह अपनी भूख लगने की अनुभूति को खुद ही संकेत से समझा देता है। बस माँ को इस संकेत को समझने की जरूरत होती है। शिशु को कितनी बार दूध देनी है, वह शिशु की माँग पर निर्भर करता है। वह अपनी जरूरत के आधार पर खुद ही संकेत दे देगा।
भूख लगने के संकेत:
शिशु जैसे ही दूध पीने का संकेत देना शुरू करें उसे दूध पिला दें, इससे वह शांती से दूध पी लेगा। अगर आपने रोने तक का इंतजार किया तो शिशु दूध पीने में परेशान भी कर सकता है। इसलिए संकेतों को समझें-
शिशु को फॉर्मूला दूध कितनी पिलानी चाहिए?
जन्म के कुछ हफ्तों के बाद तक 2 से 3 औंस (60 से 90 मिलीलीटर) बोतल से दूध पिलानी चाहिए। वैसे अपने बच्चे की भूख के संकेतों के आधार पर मात्रा कम या ज्यादा हो सकती है। अलग-अलग उम्र में बच्चे को कितना दूध पिलाना चाहिए, चलिए इस बारे में जानते हैं-
संकेतों के लिए देखें कि आपका बच्चा भूखा है या भरा हुआ है। इन संकेतों का जवाब दें और पेट भर जाने पर अपने बच्चे को रुकने दें। बच्चे का पेट जब भर जाता है, वह कम उत्साह के साथ चूस सकता है, रुक सकता है या बोतल से दूर हो सकता है।
जब आपका बच्चा विकास के मार्ग में बढ़ने लगता है तब उसकी भूख समय के मुताबिक बढ़ने लगती है।
शिशु को फॉर्मूला मिल्क सही तरह से मिल रहा है कि नहीं, कैसे पता लगाएंगे?
आप बच्चे को फॉर्मूला दूध सही मात्रा में पिला रहे हैं कि यह जानने के लिए इन संकेतों पर ध्यान दें-
डायपर गीला करना- दिन में कितनी बार बच्चा डायपर गीला कर रहा है, इस बात पर ध्यान दें। कम से कम छह बार डायपर गीला होना चाहिए। अगर ऐसा होता है कि फॉर्मूला दूध की मात्रा सही है।
वजन का सही विकास- महीने-दर-महीने बच्चे का वजन जितना बढ़ना चाहिए, वह अगर बढ़ रहा है तो फॉर्मूला दूध की मात्रा सही है।
बच्चा हमेशा खुश रहता है- अगर आपका बच्चा हमेशा मुस्कुरता है और अच्छे मूड में रहता है तो फिर समझ लें उसका पेट सही मात्रा में भर रहा है।
शिशु को अगर ज्यादा फॉर्मूला दूध पिला दिया तो क्या होगा?
शायद आप सोच रहे होंगे कि अगर गलती से ज्यादा मात्रा में दूध पीला देंगे कि तो एसिडिटी, दस्त या पेशाब बार-बार हो सकती है। इसलिए शिशु को ज्यादा दूध देने के पहले संभल जाएं।
अब तक के चर्चा से आप समझ ही चुके होंगे कि शिशु को कितनी मात्रा में फॉर्मूला दूध पिलानी चाहिए और कैसे पिलानी चाहिए। इसलिए चिंता छोड़िए और बच्चे की पेट को भरे और उन्हें खुश रखें।
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