20 Jan 2022 | 1 min Read
Mousumi Dutta
Author | 387 Articles
आज के जमाने में डिप्रेशन या अवसाद एक ऐसी बीमारी बन गई है जिसने उम्र के बंधन को तोड़ दिया है। किसी भी उम्र में कोई भी डिप्रेशन का शिकार बन सकता है। लेकिन गर्भावस्था में डिप्रेशन वह अवस्था है जो माँ के साथ शिशु के लिए भी नुकसानदेह साबित हो सकता है। आज हम प्रेग्नेंसी में डिप्रेशन क्यों होता है, अवसाद या तनाव कैसे गर्भावस्था में शिशु को प्रभावित करता है, कैसे प्रेग्नेंसी के दौरान डिप्रेशन को कंट्रोल किया जा सकता है- ऐसे सवालों के बारे में खुलकर बातें करेंगे।
गर्भावस्था में डिप्रेशन के बारे में बात करने के पहले डिप्रेशन क्या होता है, इसके बारे में थोड़ा जान लेते हैं।
डिप्रेशन (Depression) है क्या?
असल में डिप्रेशन मन की भावनात्मक स्थिति होती है। इस अवस्था में मन तो उदास रहता ही है, साथ में मरीज को ऐसा लगता है कि वह सबसे दूर होता जा रहा है, कोई उससे प्यार नहीं करता है या वह सबके लिए बेकार हो गया है। डिप्रेशन के मूड में छोटी-छोटी असफलता भी बड़ी लगने लगती है, जीवन से लड़ने की क्षमता या खुद पर आत्मविश्वास खोने लगता है। अगर समय रहते डिप्रेशन से मरीज को बाहर नहीं निकाला गया तो मानसिक स्थिति इतनी गंभीर हो सकती है कि सामान्य जीवन से वह विरक्त होकर आत्महत्या करने के बारे में भी सोच सकता है या करने की कोशिश कर सकता है।
इसलिए समय रहते मरीज को डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए या किसी अपने से इस बारे में बात करनी चाहिए। अगर किसी को डिप्रेशन के मरीज के बारे में पता चले तो बिना समय नष्ट किए उसका साथ देना चाहिए। आपका पल भर साथ या आश्वासन उसको जिंदगी दे सकता है।
प्रेग्नेंसी में डिप्रेशन
आजकल की संघर्ष भरी जिंदगी के कारण डिप्रेशन का शिकार जिस तरह आम लोग अनायास ही होते जा रहे हैं, वैसे ही गर्भवती महिलाएं भी अवसाद से ग्रस्त हो सकती हैं। असल में प्रेग्नेंसी के दौरान शरीर में तरह-तरह के बदलाव होते हैं, इन बदलावों के कारण प्रेग्नेंसी में डिप्रेशन की समस्या हो जाती है। यहाँ तक कि आस-पास के सभी लोग दुश्मन और उसकी खुद की दुनिया बेरंग और बेकार लगने लगती है। मूड स्विंग ज्यादा होने के कारण उदास, निराश, चिंतित और खुद को दोषी महसूस करने लगती है। अगर गर्भावस्था में डिप्रेशन को नजरअंदाज किया गया तो हो सकता है डिलीवरी के बाद पोस्टपार्टम डिप्रेशन से भी जुझना पड़ सकता है।
प्रेग्नेंसी में डिप्रेशन होने के कारण
प्रेग्नेंसी में डिप्रेशन क्या होता है, यह तो आपने समझ लिया लेकिन आखिर किन कारणों से डिप्रेशन की अवस्था आती है, इस बात को समझने की भी जरूरत है। ऐसे बहुत सारे कारक हैं जिनके कारण मन की यह भावनात्मक स्थिति हो सकती है-
प्रेग्नेंसी में डिप्रेशन के लक्षण
डिप्रेशन होने के क्या संभावित कारण हो सकते हैं, इस बारे में हमने बात की। लेकिन डिप्रेशन हुआ है, इस बारे में कैसे समझेंगे। इसको पहचानने के लिएप्रेग्नेंसी में डिप्रेशन के लक्षणों पर ध्यान देना होगा। प्रेग्नेंसी के दौरान शरीर में बहुत सारे बदलाव होते रहते हैं, जिसका प्रभाव मन पर पड़ता है। कभी आपका मन खुशी से झुमने लग सकता है तो कभी डर से दिल बैठ जाता है। कभी लगता है कि आप माँ बनने के काबिल ही नहीं हैं या कभी लगेगा कि बच्चे को जन्म नहीं दे पाएंगी। ऐसे नकारात्मक भाव जब दिल में ज्यादा आने लगते हैं या बहुत दिनों तक रह जाते हैं तो यह प्रेग्नेंसी में डिप्रेशन के लक्षणों में शुमार हो सकते हैं।
अगर दो हफ्ते से ज्यादा दिनों तक आप इन सब लक्षणों को महसूस कर रहे हैं तो आप बिना देर किए डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।
प्रेग्नेंसी में डिप्रेशन का प्रभाव माँ और शिशु पर कैसा पड़ेगा?
अब तक के चर्चा से आप समझ ही चुके होंगे कि प्रेग्नेंसी के दौरान डिप्रेशन होने पर माँ और शिशु दोनों पर प्रभाव पड़ सकता है। शोधों से यह पता चलता है कि अगर होने वाली माँ लंबे समय से डिप्रेशन में रही तो वह कम खाने, कम सोने और कम आराम करने के कारण बीमार पड़ सकती है और इसका प्रभाव गर्भस्थ शिशु पर भी पड़ सकता है।
माँ मानसिक और शारीरिक रूप से अस्वस्थ रहने के कारण अपने शिशु का ध्यान नहीं रख पाती है। माँ इस मानसिक स्थिति के कारण प्रीटर्म बर्थ यानि समय से पहले शिशु का जन्म (40 हफ्ता क्या 37 हफ्ता पहले ही शिशु का जन्म हो जाना) होना या लो बर्थ वेट (जन्म के समय शिशु का वजन कम होना) की समस्या हो सकती है। माँ की मानसिक अवस्था का असर बच्चे के मानसिक स्तर पर भी पड़ सकता है। इसके कारण शिशु की भविष्य में सोचने-समझने की क्षमता पर बुरा असर पड़ सकता है।
यहाँ तक माँ की इस भावनात्मक जटिलता का असर शिशु के भविष्य पर पड़ता है-
प्रेग्नेंसी में डिप्रेशन को कम करने के 5 आसान टिप्स
गर्भावस्था में डिप्रेशन को कम करने के लिए जिस तरह से सबसे पहले किसी अपने से दिल की बात शेयर करने की जरूरत होती है, ठीक उसी तरह से और भी कुछ बातों पर भी ध्यान देने की जरूरत होती है-
सच तो यह है कि आपकी जिंदगी की खुद की परेशानी ही प्रेग्नेंसी में डिप्रेशन का कारण बन जाता है। इसलिए प्रेग्नेंसी में डिप्रेशन ने अगर दस्तक दे भी दिया तो क्या, आप खुद को खुश रखने के सारे टिप्स ट्राई कीजिए। फिर देखिए खुशी कैसे आपकी जिंदगी में अपना घर बना लेगी।
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