22 Nov 2021 | 1 min Read
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कान में दर्द का होना जितनी छोटी परेशानी लगती है, उतनी ये होती नहीं है। कान में दर्द बच्चों के लिए बहुत असहनीय होता है, माता-पिता के लिए यह चिंता का कारण बन जाता है। अगर आपका बच्चा अक्सर कान में दर्द की शिकायत करता है तो आपको कभी इस बात को हल्के में नहीं लेना चाहिए, इसके पीछे सामान्य से लेकर गंभीर कारण भी हो सकते हैं। बेबीचक्रा के इस ब्लॉग में हम यही बताने वाले हैं कि बच्चों के कान में दर्द क्यों होता है और बच्चों के कान में दर्द का घरेलू उपचार क्या किया जा सकता है।
कान के दर्द का तुरंत इलाज कैसे करें, ये जानने से पहले समझते हैं कि बच्चों में कान दर्द का कारण क्या हो सकता है?
कान शरीर का ऐसा भाग है जिसकी अंदरूनी संरचना बहुत जटिल होती है और यह नाक और मुहं में पाई जाने वाली श्वसन वाहिकाओं से भी जुड़ा होता है। इसलिए नाक और मुंह से जुड़ी समस्याएं भी कभी-कभी कान में दर्द का कारण बन सकती हैं। आइए, कुछ बिदुओं के द्वारा बच्चों में कान दर्द का कारण जानते हैं –
जानते हैं बच्चों के कान में दर्द का घरेलू उपचार कैसे करें जिससे कान के दर्द का तुरंत इलाज हो जाए और बच्चे को आराम मिले।
कान में दर्द की स्थिति में आपको डॉक्टर से मिलना बेहद जरूरी है ताकि कान दर्द का सही कारण पता किया जा सके लेकिन उससे पहले आप बच्चे को कुछ घरेलू उपायों द्वारा राहत दे सकते हैं जैसे –
दर्द से राहत के लिए हमारे यहाँ दादी-नानी अक्सर आइस पैक या वार्म कंप्रेस जैसे हीटिंग पैड या गीले कपड़े का इस्तेमाल करती आई हैं। कान दर्द के लिए भी ऐसा ही किया जा सकता है। यह विधि बच्चों और वयस्कों दोनों के लिए सुरक्षित है। कान के दर्द का तुरंत इलाज करने के लिए आइस पैक या वार्म कंप्रेस को कान के ऊपर रखें और 10 मिनट तक सेंकाई करें।
बच्चों के कान में दर्द का घरेलू उपचार करने के लिए जैतून के तेल का उपयोग बरसों से किया जा रहा है। हालांकि यह साबित करने के लिए कोई ठोस वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है कि जैतून के तेल की बूंदें कान के दर्द को पूरी तरह ठीक कर सकती हैं। लेकिन जैतून के तेल की कुछ गर्म बूंदों को कान में डालना सुरक्षित है और इससे थोड़ी बहुत राहत जरूरी मिलती है।
अदरक में प्राकृतिक एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं जो कान के दर्द से राहत दिलाने में मदद कर सकते हैं। अदरक का रस, रुई की मदद से कान के आसपास, इयर कैनाल में लगाएं। इसे सीधे कान में न डालें।
लहसुन में एंटीबायोटिक और दर्द निवारक दोनों गुण होते हैं। गर्म जैतून या तिल के तेल में लहसुन की कलियाँ मसलकर डाल लें। अब इस तेल को छान लें, तेल की एक-दो बूँद कान में डालें।
अपने बच्चे को अक्सर गर्म तरल पदार्थ पीने को दें। कुछ तरल और गर्म निगलने से यूस्टेशियन ट्यूब की बाधा दूर हो जाती है, कुछ फंसने की वजह से अगर दर्द होता है तो वो ठीक हो सकता है।
लहसुन की तरह प्याज भी संक्रमण से लड़ने और दर्द को कम करने में मदद करती है। प्याज को माइक्रोवेव में एक या दो मिनट के लिए गर्म करें। अब प्याज का रस निकालकर एक-दो बूंद कान में डालें। बच्चे को आराम करने लिए कहें।
मां के दूध में रोगाणुरोधी गुण होते हैं। कान में दर्द होने पर बच्चे और बड़े दोनों स्तन के दूध की कुछ बूंदों को कान में डाल सकते हैं।
कान के संक्रमण वाले बच्चों के लिए हर्बल ड्रॉप्स कुछ दर्द से राहत दे सकती हैं। हर्बल ईयर ड्रॉप्स (एलियम सैटिवम, वर्बस्कम थाप्सस, कैलेंडुला फ्लोर्स, हाइपरिकम परफोलिएटम, लैवेंडर और जैतून के तेल में विटामिन ई) ये सभी कान के दर्द से राहत देने में मददगार होती हैं। किसी भी हर्बल ड्राप के इस्तेमाल से पहले आपको डॉक्टर से जरूर सलाह लेनी चाहिए।
बच्चे के कान में दर्द होने पर आप उनके सोने की पोजीशन चेंज करवा कर देखें। कई बार जिस कान में दर्द हो, उस करवट सोने से राहत मिलती है तो कभी-कभी दर्द वाले कान के अपोजिट साइड करवट लेकर सोने से राहत मिल सकती है। बच्चे को जैसे सुविधा और आराम मिले, उसे वैसे सोने के लिए कहें।
बच्चे के कान में दर्द होने पर उसके कान के आस-पास मसाज करने से भी राहत मिल सकती है। हल्के हाथ से और गुनगुने तेल से मालिश करने से कान के आस-पास की मांसपेशियों में रक्तप्रवाह बढ़ता है। इससे कान के दर्द में तुरंत राहत मिल सकती है।
तो आपने जाना कि बच्चे के कान में दर्द के घरेलू उपाय क्या हो सकते हैं। बच्चों के लिए किसी भी तरह के घरेलू नुस्खों का प्रयोग करना डॉक्टरी इलाज का विकल्प नहीं है। अगर घरेलू नुस्खों से आराम नहीं पहुँचता तो आपको बच्चे को ENT स्पेशलिस्ट को दिखाना चाहिए। अगर किसी भी सामग्री के कुछ साइड इफेक्ट नजर आएं तो उसका प्रयोग तुरंत बंद कर दें।
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