11 Nov 2021 | 1 min Read
Medically reviewed by
Author | Articles
गर्भपात एक मां के लिए सबसे गंभीर स्थिति होती है। यह वह समय होता है जब शारीरिक और मानसिक तौर से एक औरत अंदर से टूट जाती है। गर्भपात किसी भी परिस्थिति में हो सकता है। एक औरत का शरीर अगर मां बनने के लिए तैयार नहीं है तो भी यह स्थिति हो सकती है। इसके अलावा चिंता, तनाव, गलत दवाइयों का सेवन, गर्भस्थ शिशु को कोई परेशानी, ब्लीडिंग होना, भारी सामान उठा लेना। यह सब कारण हो सकते हैं, इसका सीधा असर गर्भस्थ शिशु पर पडता है। लेकिन इसके लिए कुछ किया नहीं जा सकता है। लेकि गर्भपात से मानसिक तौर से उबरना बहुत जरूरी है।
इसमें सबसे ज्यादा सहयोग आपके पति का होना चाहिए। गर्भपात के दौरान असहनीय दर्द भी सहना पड़ता है। यह दर्द शारीरिक तो होती है साथ ही मानसिक भी। इसलिए इससे उबरना बहुत ही जरूरी है, गर्भपात के बाद एक औरत का शरीर अंदर से टूट जाता है। शरीर में कई कमियां आती है जिसका नतीजा सीधे सेहत पर पड़ता है।
इसी वजह से मानसिक तनाव, घबराहट जैसी समस्या होती है। सबसे ज्यादा मानसिक आघात उस अजन्मे शिशु के लिए होता है। लेकिन इसमें कोई कुछ नहीं कर सकता है। बल्कि स्वयं को मानसिक तौर से तैयार करे, हालिकी यह बहुत मुश्किल होता है। सबसे पहले आप अकेले में एकदम नहीं रहे, आप उन कारणों को जानने की कोशिश करें जिसकी वजह से ये हुआ है।
क्योंकि अगर एक बार गर्भपात के कारणों का पता लगाए जाए तो बहुत हद तक आगे इस समस्या से बचा जा सकेगा। ऐसा नहीं कि आप 1 महीने में इस से उबर जायेगी। इसके लिए आपको समय लगेगा, आपको बहुत रोना आयेगा। तो रोना, पर अपने आँसुओं को मत रोके। आपके मन में जो बात है बोल दे, अपनी सारी बातें बाहर निकाले कि ऐसा क्यों हुआ। मन में कुछ नहीं रखे, कुछ समय अपने लिए निकाले, यह सोचे कि इस बार जिस वजह से यह हुआ है। वह आगे नहीं हो इसमें आपके पति और परिवार को पूरा सहयोग करना चाहिए। आप योगा, मेडिटेशन का सहारा ले, अगर आप मानसिक तौर से बहुत परेशान है तो काउंसलर की सलाह अवश्य ले।
A
Suggestions offered by doctors on BabyChakra are of advisory nature i.e., for educational and informational purposes only. Content posted on, created for, or compiled by BabyChakra is not intended or designed to replace your doctor's independent judgment about any symptom, condition, or the appropriateness or risks of a procedure or treatment for a given person.