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नवजात शिशुओं को भी हो सकती है प्रदूषण से एलर्जी

नवजात शिशुओं को भी हो सकती है प्रदूषण से एलर्जी

3 Nov 2021 | 1 min Read

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आजकल शहरों की बिगड़ती एयर क्वालिटी के बारे में हम सब जानते हैं जिसकी हालत लगातार खराब होती जा रही है। ऐसे में ज्यादातर लोग आंखों में जलन से लेकर सांस लेने में परेशानी जैसी स्वास्थ्य समस्याओं से जूझ रहे हैं। बड़ों से ज्यादा बच्चे, खासकर नवजात शिशु, प्रदूषण के कारण ज्यादा स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का शिकार हो सकते हैं। क्योंकि प्रदूषण के असर की वजह से नवजात शिशु को सर्दी खांसी और कई बार अस्थमा जैसी एलर्जिक स्थिति भी पैदा हो सकती है। दीवाली में पटाखों से निकलने वाला धुआं भी बहुत ही हानिकारक होता है। इस प्रदूषण से एलर्जी और शिशु को त्वचा संबंधी समस्याएं भी हो सकती है। आइए, इस विषय में विस्तार से जानते हैं, सबसे पहले देखते है कि शिशु में एलर्जी के लक्षण क्या हो सकते हैं? 

शिशु में एलर्जी के लक्षण – Symptoms of Allergy in Babies

प्रदुषण से होने वाली एलर्जी के लक्षण भी आम एलर्जी की तरह नजर आ सकते हैं। माता-पिता को अगर शिशु में नीचे लिखी समस्याएं (Problems due to pollution in Infants) दिखाई दें तो उन्हें शिशु को डॉक्टर को जरूर दिखाना चाहिए – 

  • अगर शिशु को प्रदूषण से एलर्जी होती है तो उसकी नाक भरी हो सकती है।
  • नाक से पानी आना और नाक या कान और मुंह की छत में खुजली भी एलर्जी के लक्षण हैं, शिशु इसकी वजह से रो सकता है, क्योंकि वो बता नहीं पाता है।
  • शिशु को प्रदूषण से एलर्जी होने पर आँखें लाल, खुजलीदार और पानी भरी हो सकती है।
  • शिशु की त्वचा पर लाल, खुजलीदार, शुष्क स्किन पैच नजर आ सकते हैं।
  • शरीर पर पित्ती उछलना भी प्रदुषण से एलर्जी होने का एक लक्षण है।
  • अस्थमा के लक्षण, जैसे सांस लेने में तकलीफ, खांसी और गले से सांस लेने पर आवाज़ आना।

प्रदूषण से होने वाली एलर्जी से बचाव कैसे करें – How to prevent pollution caused allergies

प्रदूषण के धुएं का असर शिशु की इम्युनिटी पर भी पड़ता है। जिसकी वजह से शिशुओं को जल्दी-जल्दी सर्दी जुकाम हो सकता है। आइए, जानते हैं कि प्रदूषण से बचाव के उपाय क्या हो सकते हैं? 

  • पटाखों के शोर का असर शिशु के कानों पर भी पड़ता है इससे शिशु बहुत ज्यादा रोते हैं। इसलिए शिशु के कानों में रुई लगाएं, इससे शिशु को कम शोर सुनाई देगा।
  •  प्रदूषण की वजह से शिशु को खांसी जुकाम हो जाता है। इसलिए शिशु को सरसों और अजवाइन के तेल से मालिश करे। 
  • शिशु के दूध में हल्दी मिलाएं लेकिन बहुत कम मात्रा में, इससे प्रतिरक्षा प्रणाली मजबूत होती है।
  • नहलाते समय शिशु की नाक जरूर साफ़ करें।
  • अधिक प्रदूषण की स्थति में एयर प्यूरीफायर का प्रयोग किया जा सकता है। 
  • शिशु के कमरे को साफ रखें, घर के खिड़की दरवाजे बंद ही रखे जब ज्यादा प्रदूषण हो एयर प्यूरीफायर का इस्तेमाल करें।  
  • कोशिश करें कि आप अपने आस-पास ज्यादा से ज्यादा पेड़ पौधे लगाएं। क्योंकि पेड़ पौधे प्रदूषण को काफी हद तक कम करते है।

प्रदूषण से होने वाली एलर्जी से बचाव कैसे करे प्रदूषण का असर हमारी पूरी सेहत पर पड़ता है। नवजात के लिए तो प्रदूषण और भी खतरनाक है और अगर इसे बचपन के दौरान रोकना चाहते है तो बच्चों का ख़ास ख्याल रखें। अगर आपके शिशु को बहुत ज्यादा एलर्जी है तो डॉक्टर से अवश्य संपर्क करें। 

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