30 Oct 2021 | 1 min Read
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प्रदूषण का असर पयार्वरण पर सबसे ज्यादा पड़ता है। हवा में घुलता हुआ धुंआ, फैक्ट्री से निकलने वाली दूषित हवा हमारी सेहत के लिए बहुत ही खतरनाक होती है। खासतौर से दीवाली के बाद प्रदूषण सबसे ज्यादा बढ़ जाता है। इस प्रदूषण का जितना असर बड़ो पर पड़ताहै। उससे ज्यादा कहीं बुरा असर बच्चों पर भी होता है।
इसी प्रदूषण की वजह से बच्चों में एलर्जी भी हो सकती है। आइये जानते हैं इस एलर्जी से कैसे बचाव करे।
अगर बच्चों को पहले से ही सर्दी और खांसी जुकाम की समस्या है तो आपको और भी सतर्क रहने की आवश्यकता है। प्रदूषण की वजह से होने वाली एलर्जी में बच्चों को सांस संबंधी भी समस्या हो सकती है। जैसे कि खांसी आना, छींक आना जल्दी-जल्दी सर्दी जुकाम होना, सिर में दर्द। अगर बच्चों को यह समस्या लंबे समय तक बनी है तो डॉक्टर से सलाह लेने की आवश्यकता है। इस एलर्जी से बचाव के लिए बच्चों की रोग-प्रतिरोधक क्षमता मजबूत होनी चाहिए।
पटाखों का प्रदूषण बच्चों की सेहत के लिए बेहद खतरनाक होता है। इसलिए कोशिश करे कि स्वयं भी पटाखे नहीं जलाए और लोगों को भी जागरूक करे। बदलते मौसम और प्रदूषण में बच्चों को स्वास्थ्य संबंधी दिक्कत आ सकती है। इसलिए इस बारे में डॅाक्टर से सलाह ले, क्योंकि बहुत ज्यादा प्रदूषण बच्चों में दमा, अस्थमा जैसी बीमारियों का कारण बनता है। इसलिए इसके बारे में पहले से सचेत रहे।
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