13 Oct 2021 | 1 min Read
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हम सभी चाहते हैं कि अपने बच्चों को अच्छे संस्कार दें और उन्हें गलत आदतों से बचाएं। हमारे माता-पिता ने भी बचपन से हमें यही सिखाया गया है कि झूठ नहीं बोलना चाहिए। यही बात हम अपने बच्चों को भी सिखाते हैं। लेकिन बच्चों को कितना भी सिखाया जाए कि झूठ मत बोलो उसके बाद भी बच्चे झूठ बोलना नहीं छोडते है। बच्चों में झूठ बोलने की आदत उसके आगामी जीवन पर बुरा असर डालती है और आपकी परवरिश पर भी सवाल खड़े करती है। यह एक चिंता का विषय तो है इसलिए बेबीचक्रा के इस आर्टिकल में हम जानेंगें कि आखिर बच्चों के झूठ बोलने की वजह क्या है? बच्चों में झूठ बोलने की आदत से छुटकारा कैसे पाया जा सकता है यह भी आप यहाँ पढ़ सकते हैं।
सबसे पहले जानते हैं कि कैसे पता लगाया जाए कि बच्चा झूठ बोल रहा है –
बच्चों में झूठ बोलने की आदत को पहचानना बहुत आसान है, बात करते समय अगर उनके हाव-भाव और लहजे पर ध्यान दिया जाए तो आपको पता लग जाएगा कि बच्चा झूठ बोल रहा है अक्सर बच्चे झूठ बोलते समय असहज हो जाते हैं और उनके व्यवहार में बदलाव सीधे तौर पर महसूस किया जा सकता है जैसे –
आइए, अब जानते हैं कि बच्चों में झूठ बोलने की आदत के प्रमुख कारण क्या हो सकते हैं?
बच्चों में झूठ बोलने की आदत अक्सर गलत माहौल के कारण पैदा होती है। बच्चे अपने आस-पास जैसा देखते हैं वैसा ही सीखते हैं। कुछ बातें उन्हें झूठ बोलने पर मजबूर कर सकती हैं –
हम पेरेंट्स अपने बच्चों से जरूरत से ज्यादा उम्मीदें लगा कर रखते हैं। कि तुम्हें यह सीखना है, तुम्हारे इतने नंबर आने चाहिए देखो तुम्हारा दोस्त कितने अच्छे से यह काम करता है। बच्चे अपने आप को साबित करने के लिए झूठ बोलना शुरू करते है।
पैरेंट्स का रवैया अगर बच्चों के प्रति सख्त है तो भी बच्चे अपनी बात को सही बताने के लिए झूठ बोलते हैं। क्योंकि बच्चों को यही लगता है कि अगर उन्होंने सच बोल दिया तो कही इस बात पर उनकी डॅाट ना पड़ जाए।
जब बच्चों की तुलना किसी दूसरे बच्चे की जाती है तो बच्चों में कही ना कही हीन भावना भी आती है। इस कारण से बच्चे झूठ बोलकर यही बताते हैं कि मैं तो इससे अच्छा हूं।
कई बार ऐसा होता है कि पेरेंट्स अगर किसी बात को लेकर बच्चों से झूठ बोलते है तो बच्चे भी इस बात को सीखते है। जैसे कि अगर घर कि कोई बात आप बच्चों से छुपा रहे है। उस बात को बच्चा पूछे और आप नहीं बताना चाह रहे है। तो जरूरी नहीं कि इस बात पर आप झूठ बोले उस बात को आप घुमा फिरा कर भी बोल सकते है। क्योंकि 2 साल की उम्र से बच्चे बहुत ही जिज्ञासु प्रवृति के हो जाते है।
बच्चों में झूठ बोलने की आदत मानसिक समस्या भी बन सकती है। इसलिए इस आदत को छोड़ना बहुत ही जरूरी है। आपका बच्चों के प्रति सख्त रवैया नहीं होना चाहिए। बल्कि आप बच्चे को समझे, आप जितनी सख्ती दिखाएंगे बच्चे उतना ही आपसे झूठ बोलने की कोशिश करेगे। कुछ टिप्स हम आपके साथ साझा कर रहें हैं –
इस तरह आप बच्चों में झूठ बोलने की आदत से छुटकारा पा सकते हैं। बच्चों को यह एहसास दिलाएं कि आप उन पर सबसे ज्यादा भरोसा करते है। बच्चे सबसे ज्यादा मानसिक तौर से तब खुश रहते हैं जब उनको यह लगता है कि उनके माता-पिता उन पर बहुत विश्वास करते है। झूठ बोलने की आदत छोड़ना इतना आसान नहीं है लेकिन आप धीरे-धीरे इस आदत में बदलाव कर सकते है। इसके लिए आपको स्वयं भी इस आदत से बचना होगा। बच्चों के लिए माता-पिता की सीख बहुत मायने रखती है लेकिन आपका सिखाने का तरीका कैसा है इस पर भी निर्भर करता है। इसलिए बच्चों के दोस्त बनकर देखिये आप अपने बच्चे में बहुत कुछ बदलाव देखेंगे।
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