11 Oct 2021 | 1 min Read
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प्रत्येक वर्ष 11 अक्टूबर को अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस मनाया जाता है। जिसका उद्देश्य हमारे देश में चली आ रही ऐसी रूढ़िवादी प्रथाएं जो सिर्फ महिलाओं के लिए बनाई गई उनको खत्म करना है। जैसे कि दहेज हत्या, भ्रूण हत्या, कम उम्र में लड़कियों की शादी इस तरह की प्रथाएं आज भी हमारे समाज में है।
इंटरनेशनल गर्ल चाइल्ड डे की शुरुआत कब हुई
लड़कियों को उनके अधिकार देने और जागरूकता फैलाने के लिए 11 अक्टूबर 2012 को इंटरनेशनल गर्ल चाइल्ड डे की शुरुआत की गई। अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस मनाने की शुरुआत एक गैर सरकारी संगठन ने की। कनाडा सरकार ने इस प्रस्ताव को आगे बढ़ाया और संयुक्त राष्ट्र संघ ने 19 दिसंबर को इस प्रस्ताव को पारित करके 11 अक्टूबर का दिन इंटरनेशनल गर्ल चाइल्ड डे के रूप में मनाने के लिए घोषित किया गया।
असल मायने में इंटरनेशनल गर्ल चाइल्ड डे मानने का मतलब है अपनी बेटियों को उनके हक के लिए लडना और बोलना सिखाना।
घर के काम सीखना जरूरी नहीं- जी हां लड़कियों को बचपन से यही सिखाया जाता है कि घर के काम सीख लो। खाना बनाना सीखो, सिलाई सीखो अरे तुम्हारी बेटी को चाय बनाना नहीं आता। अरे कितना बुरा खाना बनाती है, क्या लड़कियों को सही मायने में यह परिभाषित किया जाता है कि बस घर के काम आने चाहिए। एक पैरेंट्स होने के नाते अपनी बेटी से कभी भी ऐसी बातें नहीं करे।
उच्च शिक्षा- लड़कियों को भी उच्च शिक्षा लेने का अधिकार है। आज हमारे देश में बहुत सी लडकियां कई क्षेत्रों में आगे बढ रही है। लेकिन फिर भी आज भी लोगों की सोच लड़कियों की पढ़ाई को लेकर पिछड़ी ही है। इसलिए अपने बेटियों के मन में बचपन से यही बात सिखाये कि उनकी लाइफ का मकसद पढ़ाई करना। अपनी मर्जी के करियर का ही चुनाव करे।
जिंदगी का मकसद सिर्फ शादी नहीं है- लड़कियों को यह सिखाया जाता है कि अरे तुम्हारी तो इतनी उम्र हो गई है शादी कर लेनी चाहिए तुम्हे। शादी करना किसी लडकी का मकसद नहीं बल्कि उसकी मर्जी हो। आपकी बेटी शादी करना चाहती या नहीं उसकी मर्जी हो।
अपने लिए कानूनी हक जानना- हर लड़की को यह पता होना चाहिए कि उसके कानूनी हक क्या है। लड़कियों को इसकी जानकारी बचपन से ही देना शुरू करे। साथ ही यह दिखाएं कि किसी बात से डरना नहीं है बल्कि अपनी बात खुल कर बोलें। यह बिल्कुल ध्यान नहीं दे कि रिश्तेदार और आस-पड़ोस वाले क्या कहेंगे।
अपनी प्रॉपर्टी और बैंक बैलेंस- अपनी खुद की प्रॉपर्टी और बैंक बैलेंस को मेंटेन करना हर लडकी को आना चाहिए। वह इसलिए कि लड़कियां किसी और के ऊपर डिपेंड नहीं रहे।
आज लड़कियों के हक के लिए बहुत सारे कानून है। सही मायने में लड़कियों को उनके हक के बारे में माता-पिता ही समझा सकते है। इसलिए अपनी बेटियों को ये 5 बातें अवश्य सिखायें।
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