10 Oct 2021 | 1 min Read
Medically reviewed by
Author | Articles
बच्चों की परवरिश में एक माता-पिता की जितनी भूमिका होती है। उतनी ही ग्रैंड पेरेंट्स का सहयोग होना जरूरी है। ग्रैंड पैरेंट को अपने नाती पोतों से विशेष लगाव होता है। बच्चे अपने पेरेंट्स से ज्यादा दादी बाबा नानी नाना से भावनात्मक तौर से जुड़ाव महसूस करते है।
आज के समय में ज्यादातर पेरेंट्स वर्किंग है, ऐसे में बच्चों को जितने अच्छे से उनके ग्रैंड पेरेंट्स देख सकते है। दूसरा कोई और नहीं, डिजिटल समय में आजकल लोगों के पास टाइम नहीं है। बच्चे अपनी ऑनलाइन क्लास, पैरेंट अपने कामों में लगे रहते है। ऐसे में बच्चे स्वयं को अकेला महसूस करने लगते है। लेकिन अगर घर पर ग्रैंड पैरेंट साथ रहते हैं तो बच्चों का ध्यान टीवी फोन में कम रहता है।
कभी बच्चों को सर्दी जुकाम यह पेट दर्द की परेशानी है तो हमेशा दादी नानी के नुस्खे ही काम आते है। बच्चों को अगर उनके पैरेंट डांटे तो उन्हें बहुत ज्यादा बुरा लगता है। लेकिन अगर उनके ग्रैंड पैरेंट डांटे तो बच्चे बुरा नहीं मानते। इसलिए बच्चों को अच्छी परवरिश के लिए ग्रैंड पैरेंट का साथ जरूरी है।
A
Suggestions offered by doctors on BabyChakra are of advisory nature i.e., for educational and informational purposes only. Content posted on, created for, or compiled by BabyChakra is not intended or designed to replace your doctor's independent judgment about any symptom, condition, or the appropriateness or risks of a procedure or treatment for a given person.