बच्चों के पेट में कीड़े होना बहुत ही आम बात है। बच्चों के पेट में कीड़े या कृमि संक्रमण के कारण पहुंच जाते हैं। पेट में इन अंडों से कीड़े निकलते हैं तो ये बहुत तेज़ी से अपनी संख्या बढ़ाने लगते हैं। इस कारण बच्चे बीमार पड़ जाते हैं। बच्चों के पेट के कीड़ों को मारने के लिए कई तरह के घरेलू उपचार मौजूद हैं।
पेट में कीड़े होने के कारण-
- दूषित भोजन और पानी के कारण- जैसे मैदे से बनी चीजें खाने से, अधपका खाना, कच्चा खाना, गोश्त (मांस) खाने से, बिना धुली सब्जियां-फल खाने से। बासी खाना, मक्खियों या कीड़े-मकोड़ों से दूषित भोजन करने से, गंदा, खुला हुआ या जूठा पानी या दूध आदि पीने से पेट में कीड़े पड़ जाते हैं।
- साफ़-सफाई न रखने से- खाना बनाते और खाते समय साफ-सफाई न रखना, घर में गंदगी रहना, गंदे बर्तनों में खाना, बाहर गंदी जगहों पर खाने-पीने से, बिस्तर साफ न रहना। खिलौनों की सफाई न रखने से भी पेट में कीड़े पड़ जाते हैं।
- गंदगी के कारण- घर में या आस-पास जानवर या बच्चे की पॉटी पड़ी हो। आसपास कचरा हो, खुले गटर के पास रहने से, मिट्टी-कीचड़ में खेलने से, संक्रमित पालतू जानवरों को छूने से, घर में टॉयलेट गंदा रहने से भी पेट में कीड़े पड़ जाते हैं।
- स्वच्छ न रहने से- बच्चों के ठीक से न नहाने के कारण, खाते समय या बाहर से खेलकर आने के बाद और सोते समय अच्छी तरह से हाथ-पैर न धोने के कारण भी पेट में कीड़े पड़ जाते हैं।
- कमजोर रोग प्रतिरोधक क्षमता के कारण- कई बार बच्चे बीमार हो जाते हैं इस कारण उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर हो जाती है। इस कारण भी पेट में कीड़े पड़ जाते हैं।
पेट में कीड़े होने के लक्षण-
- सोते हुए दांत पीसना, मुंह से बदबूदार लार निकलना, जी मिचलाना।
- पॉटी में कीड़े होना, पॉटी से खून निकलना, पॉटी का रंग बदलना, गुदा में खुजली होना।
- पेट में दर्द, दस्त होना, हल्का-सा बुखार, शरीर का रंग पीला या काला होना।
- बच्चे का वजन न बढ़ना, कमजोरी के कारण चिड़चिड़ापन होना
ये चीजें नहीं खिलानी चाहिए-
शक्कर और मीठी चीजें, मैदा और बेसन की बनी खाने की वस्तुएं, तिल, उड़द, जौ, मोठ, पत्तेवाली सब्जी, आलू, मूली, अरबी, ककड़ी, खीरा, खटाई, मांस, मछली, अंडा, सड़ी और बासी वस्तु, नमकीन, आदि चीजें बच्चे को नहीं खिलाएं।
ये चीजें खिलाएं-
केला, सरसों का साग, कांजी, मट्ठा (छाछ), शहद, हींग, नींबू का रस, पुराने चावल, मूंग, अरहर और मलका की दाल, साबूदाना, बथुआ, करेला, परवल, तोरई, लौकी, अनार, कच्चा आंवला, संतरा, अनन्नास का रस, अदरक की चटनी, सेब, राई, मुनक्का, अजवाइन का रस, हींग, जीरा, धनिया, कड़वे चटपटे और कफनाशक पदार्थ का प्रयोग रोगी को खाने में देना चाहिए।
पेट के कीड़े मारने के घरेलू इलाज-
- प्याज के आधा चम्मच रस में थोड़ी-सी मात्रा में सेंधानमक या शहद मिलाकर 2 से 3 दिन तक बच्चों को देने से पेट के कीड़े और दर्द नष्ट होते हैं।
- अजवायन का चूर्ण आधा ग्राम और उतना ही गुड़ में गोली बनाकर दिन में तीन बार इसका सेवन मरीज को करवाएं।
- एक चुटकी अजवायन का पावडर को एक चम्मच शहद के साथ दिन में 3 बार देना चाहिए।
- 1 ग्राम कालीमिर्च पावडर को छाछ के साथ पीने से कीड़े समाप्त हो जाते हैं।
- कच्चे आम की गुठली के बीज को पीसकर बारीक चूर्ण बनाकर आधा ग्राम को खुराक के रूप में पानी या दही के साथ प्रयोग करने से पेट के कीड़े मिट जाते हैं।
- कद्दू के रस को पीने से पेट के कीड़े खत्म होते हैं।
- आधा चम्मच नारियल के तेल का 2-3 बार सेवन करने से पेट के कीड़े मर जाते हैं।
- रोजाना पके हुए नारियल का पानी पीने से लाभ होता है।
- काले जीरे के पावडर में शहद मिलाकर पीने से पेट के कीड़े समाप्त हो जाते हैं।
- जैतून का तेल पीने और गुदा में लगाने से बच्चों के मूत्राशय (वह स्थान जहां पेशाब एकत्रित होता है) में मौजूद कीड़े मरकर मल के द्वारा आसानी से बाहर निकल जाते हैं।
- तेजपत्ता और जैतून के तेल को मिलाकर गुदा पर लगाने से कीड़े समाप्त हो जाते हैं।
- हींग को पानी में मिलाकर रूई का फोया भिगोकर बच्चों की गुदा पर लगाने से बच्चों के पेट के कीड़े मर जाते हैं।
- पेट में कीड़े होने पर थोड़ी-सी मात्रा में बच्चों हींग खिलाने से भी लाभ होता है।
- एरंडी के पत्तों का रस रोजाना 2-3 बार बच्चे की गुदा में लगाने से बच्चों के चुनने (पेट के कीड़े) मर जाते हैं।
सूचना: लेख में दी गई जानकारी का उद्देश्य व्यावसायिक चिकित्सा सलाह, निदान या उपचार का विकल्प नहीं है। हमेशा अपने डॉक्टर की सलाह लें।
सूचना: बेबीचक्रा अपने वेब साइट और ऐप पर कोई भी लेख सामग्री को पोस्ट करते समय उसकी सटीकता, पूर्णता और सामयिकता का ध्यान रखता है। फिर भी बेबीचक्रा अपने द्वारा या वेब साइट या ऐप पर दी गई किसी भी लेख सामग्री की सटीकता, पूर्णता और सामयिकता की पुष्टि नहीं करता है चाहे वह स्वयं बेबीचक्रा, इसके प्रदाता या वेब साइट या ऐप के उपयोगकर्ता द्वारा ही क्यों न प्रदान की गई हो। किसी भी लेख सामग्री का उपयोग करने पर बेबीचक्रा और उसके लेखक/रचनाकार को उचित श्रेय दिया जाना चाहिए
#babychakrahindi