8 Nov 2019 | 1 min Read
सुमन सारस्वत
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हर मां को चिंता रहती है कि उसके बच्चे का वजन नहीं बढ़ रहा है। उसका बच्चा दूसरे बच्चों के मुकाबले कुछ कमजोर है। अगर आपको भी ऐसा लगता है तो सहां देखिए कुछ सुपर फूड जो बच्चों का वजन बढ़ाने में कारगर होते हैं।
जब बच्चा 6 महीने का हो जाता है तो उसे पूरक आहार देना शुरू कर दिया जाता है। पूरक आहार के साथ-साथ बच्चे को कम-से-कम एक साल तक स्तनपान जरूर कराना चाहिए। पैदा होने के बाद 5 महीने तक शिशु का वजन उसके जन्म के समय के वजन का दुगुना हो जाता है। आगे एक साल तक हर महीने बच्चे का 400 ग्राम वजन बढ़ता है।
6 महीने से साल भर तक के बच्चे के लिए वजन बढ़ाने वाले आहार
घर में बना सेरेलेक: घर में बनाया हुआ सेरेलेक भी बच्चों में पोषण और वजन बढ़ाने वाला भोजन माना जाता है। इसमें अनाज, मेवा, दालें आदि मिलाकर एक सम्पूर्ण आहार का रूप दिया जा सकता है।
दाल: दाल में पर्याप्त मात्रा में प्रोटीन होता है। बच्चे को नियमित रूप से दाल का पानी दिया जा सकता है।
खिचड़ी: शिशुओं के मूंग दाल और चावल की खिचड़ी देनी चाहिए। इसमें प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट्स और स्टार्च होता है।
केला: 6-7 महीने के बच्चे को केले की प्यूरी बनाकर खिलानी चाहिए। इससे बड़े बच्चों को दूध के साथ भी दिया जा सकता है। केले में फाइबर, पोटेशियम, विटामिन-बी6, सी प्रचुर मात्रा में पाया जाता है जो बच्चों का वजन बढ़ाने में फायदेमंद होता है।
आलू: आलू में कार्बोहायड्रेट और उर्जा की अच्छी मात्रा पाई जाती है, जो वजन बढाने में बहुत लाभकारी होती है।
शकरकंद: बच्चों को दूध में शकरकंद खिला सकते हैं। इसमें मौजूद मिनरल्स, फाइबर, पोटैशियम, विटामिन ए, बी और सी वजह बढाने में लाभकारी होते हैं।
रागी का दलिया: रागी का सेवन शिशुओं की बेहतर पाचन शक्ति को बढ़ावा देता है। इसमें मौजूद उच्च कैल्शियम और आयरन शिशु के शारीरिक विकास के लिए उपयोगी हैं।
फलों का जूस और प्यूरी: सेब, नाशपाती, चीकू, पपीता, आड़ू, अंगूर आदि फलों का जूस और प्यूरी बच्चों को नियमित खिलाना चाहिए। फलों में फाइबर, विटामिन्स और मिनरल होते हैं जो वजन बढ़ाते हैं।
सब्जियों की प्यूरी और सूप: बच्चों को हरी सब्जियों के सूप और प्यूरी बनाकर खिलाने की आदत डालें। हरी सब्जियों में वजन बढ़ाने वाले भरपूर विटामिन्स और मिनरल होते हैं।
12 महीने से 18 महीने तक के बच्चे के लिए वजन बढ़ाने वाले आहार
एक वर्ष का होने तक बच्चे का वजन जन्म के समय का तिगुना हो जाता है दो वर्ष का होने पर 4 गुना बढ़ जाता है। अगर इस अनुपात में आपके बच्चे का वजन नहीं है तो आप उसे वजन बढ़ाने वाले फूड खिलाएं। बच्चों के लिए हर उम्र में केला, आलू, रागी-गेहूं का दलिया वजन बढ़ाने में कारगर रहते हैं। आइए देखते हैं इसके अलावा और कौन-सी चीजें हैं जो बच्चे के वजन को बढ़ाती हैं।
मलाई वाला दूध: इसमें प्रोटीन और अन्य पोषक तत्व भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं जो वजन बढ़ाते हैं। अगर बच्चे का वजन कम है उसे मलाई वाला दूध, स्मूदी, फ्रूट शेक और चॉकलेट शेक आदि बनाकर पिला सकती हैं।
अंडे: अंडो में प्रोटीन की अच्छी मात्रा पाई जाती है। यह केवल बच्चे का वजन बढ़ाने में मदद करेगा बल्कि शारीरिक रूप से भी स्वस्थ रखेगा।
ब्रोकली: ब्रोकली विटामिन से भरपूर होती है और बच्चों के लिए बहुत फायदेमंद भी होती है। आप बच्चे को ब्रोकली की सब्ज़ी बनाकर खिला सकती हैं, या फिर इसे पास्ता आदि, में मिलाकर दे सकती हैं। यह बच्चों को बहुत पसंद आता है।
ओट्स: ओट्स में चिकनाई कम मात्रा में होती है और कोलेस्ट्रॉल, मैगनिशीयम, मैंगनीज, थियमीन और फास्फोरस बहुत अधिक मात्रा में होते हैं।
जिंक युक्त भोजन: बच्चों के शारीरिक विकास के साथ-साथ मानसिक विकास के लिए जिंक बहुत आवश्यक तत्व होता है। शरीर में जिंक की कमी होने के कारण भी बच्चों को भूख कम लगती है जिसकी वजह से उनका वजन नहीं बढ़ता। इसके लिए तरबूज के बीज, मूंगफली, बीन्स, पालक, मशरूम और दूध आदि बेहतर रहेंगे।
प्रोटीन और कार्बोहायड्रेट: बच्चे को नियमित रूप से प्रोटीन और कार्बोहायड्रेट युक्त भोजन का सेवन कराना चाहिए। इसके लिए चिकन, मछली, अंडा, दूध, बादाम, मूंगफली, पास्ता, ब्राउन राइस, ओटमील और हरी सब्जियां लाभकारी रहेंगी।
मूंगफली का मक्खन (पीनट बटर): प्रोटीन और फाइबर का यह एक बेहतर स्त्रोत्र माना जाता है। एक साल से बड़े बच्चे को आप रोटी या टोस्ट पर एक चम्मच मूंगफली का मक्खन लगाकर खाने के लिए दे सकती हैं।
हरी सब्जियां, फल और ड्राई फ्रूट्स: हरी सब्जियों में आयरन पोषक तत्व भरपूर मात्रा में होता है। बच्चों को रोजाना कोई फल या ड्राई फूट्स खिलाएं। इससे कोलेस्ट्रॉल और कैलोरी भरपूर मात्रा में मिलने से बच्चे जल्द ही मोटे होने लगते है।
19 महीने से 5 साल तक के बच्चे के लिए वजन बढ़ाने वाले आहार
बच्चे का वजन दो साल का होने तक उसके जन्म का 4 गुना, 3 साल का होने तक 5 गुना, 5 साल का होने तक 6 गुना बढ़ता है। देखा जाए तो 3 साल से 7 साल होने तक हर बच्चा हर साल औसत रूप से 2 किलो तक वजन बढ़ता है।
बच्चे का आहार ऐसा होना चाहिए जिसमे सभी मिनरल्स भरपूर मात्रा में हो, जिससे बच्चे के शारीरिक के साथ मानसिक विकास को भी बेहतर होने में मदद मिल सकें। इसीलिए बच्चे को कैल्शियम, विटामिन, प्रोटीन व् अन्य मिनरल्स सभी भरपूर मात्रा में खिलाना चाहिए। लेकिन बच्चे को खाना खिलाना भी किसी चुनौती से कम नहीं होता है। ऐसे में बच्चों को ऐसा आहार दें जो उन्हें पसंद हो, उसमें मिनरल्स भी भरपूर हो। बच्चे को जबरदस्ती न खिलाएं, बच्चे को जितनी भूख हो उतना खिलाएं, हर दो घंटे में बच्चे को कुछ न कुछ खाने के लिए जरूर दें, जैसे कि स्नैक्स, फल आदि। आप बच्चे को ऊपर बताए गए पौष्टिक आहारों के साथ नीचे दिए गए आहार दे सकती हैं।
दूध व दूध से बने प्रोडक्ट: बच्चे की हड्डियों व दांतों की मजबूती और शरीर के सही विकास के लिए बहुत जरुरी होता है कि आप उसे कैल्शियम भरपूर मात्रा में दें। दूध व दूध से बने प्रोडक्ट्स में कैल्शियम भरपूर होता है। बढ़ते बच्चे को दिन में दो से तीन बार दूध, एक कटोरी दही व दूध से बने अन्य प्रोडक्ट्स का जरूर देने चाहिए।
घी या मक्खन: घी या मक्खन का सेवन बच्चों का वजन बढ़ाने में मदद करता है। इसलिए बच्चों के खाने में इसका उपयोग ज्यादा ये ज्यादा करें।
मलाई वाला दही: मलाई वाला दही भी एक उपयुक्त विकल्प है। दही में कुछ फलों का मिश्रण बना कर अपने बच्चो को दीजिए। श्रीखंड, दही की एक बढ़िया रेसिपी है जो शिशुओं और बच्चों को दी जा सकती है।
अंकुरित चीजे: अंकुरित दाल, सोयाबीन, चना आदि का सेवन करने से बच्चे को भरपूर मात्रा में पोषक तत्व मिलते हैं। इसमें प्रोटीन, विटामिन, फाइबर, व् अन्य पोषक तत्व होते है जो बच्चे के विकास के लिए बहुत जरुरी होते हैं। यदि आप अपने बच्चे को भी अंकुरित चीजों का सेवन करवाते हैं तो इससे बच्चों को सेहतमंद बनने में मदद मिलती है।
ड्राई फ्रूट्स और नट्स: सभी प्रकार के ड्राई फ्रूट्स और विशेषकर नट्स विटामिन से भरपूर होते हैं। इनका पाउडर बनाकर बच्चों को दूध में मिलाकर पिलाया जा सकता है। काजू, बादाम, मखाने, अखरोट पिस्ता, मूंगफली, तिल आदि।
चीज़/पनीर: शाम नाश्ते के रूप में घर का बना पनीर-चीज़ दी जा सकती है। ब्रोकोली, आलू, अंडे, रोटी आदि के साथ पनीर और चीज़ दिया जा सकता है।
ऐवकाडो: यह फल भी वसा/फैट में समृद्ध और वजन बढ़ाने के लिए एक अच्छा फल है। दूध के साथ या मैश करके इसे बच्चे को खिलाया जा सकता है।
इन सबके अलावा आप अपने क्षेत्रों में खिलाए जाने वाले पारंपरिक भोजन भी नियमित रूप से खिला सकती हैं। मैसमी फल-सब्जियां और अनाज भी खिलाने चाहिए।
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