20 May 2019 | 1 min Read
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गर्भावस्था के 40वें सप्ताह से पहले बच्चे का जन्म होना अच्छा माना जाता है। मगर 37 सप्ताह पूरा करने से पहले पैदा होने वाले बच्चे को समयपूर्व यानी कि प्रीमेच्योर या प्रीटर्म बेबी कहा जाता है।
समय से पूर्व जन्म लेने वाले बच्चों का वजन आमतौर पर 2 किलोग्राम से कम होता है। कम वजन का होना ही सबसे बड़ी समस्या होती है। इन शिशुओं का विकास सामान्य बच्चों की अपेक्षा देरी से होता है। इसलिए परिवारवालों का चिंता करना स्वाभाविक है। वे अक्सर दूसरों के बच्चों से अपने बच्चे की तुलना करते रहते हैं और अपने कमजोर बच्चे को देखकर दुखी होते हैं। किसी भी शिशु की बढ़त को मापने का अहम पहलू उसका वजन होता है। यदि आपका बच्चा प्रीमेच्योर बेबी है तो आपको उसके वजन को बढ़ाने पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है।
शिशु का वजन:
अस्पताल से छुट्टी होने के बाद के 24-48 घंटों में बच्चे को 1-2 घंटे के अंतर पर दूध पिलाने की जरूरत होती है। उसके बाद, हर 2-3 घंटे पर स्तनपान कराएं यानी हर दिन 8-10 बार स्तनपान कराना पर्याप्त होगा। समयपूर्व जन्मे बच्चे का वजन बढ़ने में कुछ समय लग सकता है। नीचे दिए गए उपायों से आप हर रोज़ अपने बच्चे का वजन लगभग 5 से 30 ग्राम तक बढ़ाने में कामयाब हो सकती हैं।
आपके बच्चे को उसके मौजूदा वजन के हिसाब से हर दिन एक किलोग्राम के लिए औसतन 100 कैलोरी दी जानी चाहिए। अगर आपके बच्चे को कोई स्वास्थ्य समस्या है तो उसका वजन बढ़ने में और भी देरी हो सकती है।
जब आपका बच्चा 2 किलो का हो जाएगा तो उसे एनआईसीयू से छुट्टी दे दी जाएगी अगर उसे कोई दूसरी स्वास्थ्य समस्या न हो।
शिशु का विकास:
सामान्य पूर्ण अवधि के बच्चे की तुलना में समयपूर्व जन्मे बच्चे का विकास धीमा होता है। इसलिए यह महत्वपूर्ण है कि आप शिशु के विकास चार्ट का अध्ययन करते हुए अपने बच्चे की समायोजित उम्र का विचार करें।
यदि आपका शिशु 16 सप्ताह का है और उसका जन्म 34 वें सप्ताह में हुआ है, जोकि गर्भावस्था की पूर्ण अवधि से 6 सप्ताह पहले हुआ है। बच्चे की वर्तमान आयु में से 6 सप्ताह को घटा देना चाहिए। इस तरह आपके बच्चे की सही उम्र 10 सप्ताह (2.5 महीने) है।
जब तक आपका बच्चा 2 वर्ष का नहीं हो जाता, तब तक आपको विकास चार्ट का पालन करने के लिए सही उम्र का पता लगाना चाहिए। बच्चे के 2 साल को होने के बाद आप मानक विकास चार्ट का उपयोग करना शुरू कर सकते हैं।
यदि आपका पीडिट्रीशियन (बाल रोग विशेषज्ञ) सलाह देता है तो पंप किए गए स्तन दूध में अतिरिक्त पोषक खुराक (न्यूट्रीशन सप्लीमेंट्स) मिलाकर पौष्टिक बनाया जा सकता है। इसे पौष्टिक मानव दूध कहा जाता है।
पौष्टिक दूध फार्मूले में पानी की मात्रा कम करके इसकी पौष्टिकता बढ़ाई जा सकती है
सबसे बड़ी बात, चिंता बिल्कुल न करें। शांत रहने की कोशिश करें। यह समय बच्चे पर अपना प्यार लुटाने और देखभाल करने का है। यही बच्चे के विकास में सहायक होगा।
References:
http://www.aafp.org/afp/1998/0501/p2123.html#sec-5
https://medlineplus.gov/ency/article/007302.htm
https://www.healthychildren.org/English/ages-stages/baby/preemie/Pages/Preemie-Milestones.aspx
http://www.mayoclinic.org/diseases-conditions/premature-birth/basics/coping-support/con-20020050
http://raisingchildren.net.au/articles/premature_baby_development_concerns.html
https://www.babycenter.com/0_whats-normal-development-for-your-premature-baby_10300025.bc
https://www.uptodate.com/contents/poor-weight-gain-in-infants-and-children-beyond-the-basics
सूचना: यह लेख विशेषज्ञों द्वारा बेबीचक्रा के उपयोगकर्ताओं के लिए लिखा गया है।
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