17 May 2019 | 1 min Read
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अपने बच्चे को रोते हुए देखना बुरा अनुभव होता है और हम अक्सर ये सोचते हैं कि बच्चे को कैसे चुप कराएं (Bacche ko Chup Kaise Karein)? नवजात शिशु अपनी बात और परेशानी को कहने और समझाने के लिये रोकर खुद को व्यक्त करते है। उनके पास इसके अलावा कोई रास्ता नहीं होता है। उनके रोने के पीछे कई कारण छुपे हो सकते हैं और आपको यह समझने की कोशिश करनी होगी कि आपका बच्चा आपको क्या कहना चाहता है। यह पहली बार में आपके थोड़ा मुश्किल हो सकता है लेकिन यदि आप इसे समझ जाये तो आप अपने बच्चे को हमेशा चुप कराने में कामयाब हो सकते हैं। बेबी चक्रा के इस लेख में आइए जानते हैं कि बच्चों को चुप कैसे कराएं?
जानकारी को शुरू करने से पहले जानते हैं कि बच्चों के रोने के पीछे कौन से कारण हो सकते हैं?
अगर आपका बच्चा रोना शुरू करता है तो इसका मतलब है कि उसे आराम और देखभाल की जरूरत है। कभी-कभी वे जो चाहते हैं उसे पूरा करना आसान होता है, और कभी-कभी ऐसा नहीं होता है। बच्चे के रोने के सबसे आम कारण हैं –
बच्चे अक्सर शाम के समय में सबसे ज्यादा रोते हैं और यह आपको सबसे ज्यादा परेशान कर सकता है, क्योंकि शाम को आप सबसे अधिक थके हुए होते हैं और कम से कम कार्य करने में सक्षम होते हैं। इसलिए लेख में आगे हम बताने वाले हैं कि बच्चों को चुप कराने का तरीका क्या है?
बच्चों को चुप कराने का तरीका (Ways To Calm Babies)
अपने रोते हुए बच्चे को आराम देने के लिए नीचे लिखे कुछ तरीके आजमाए जा सकते हैं। ये उपाय रोते बच्चे को शांत करने में बेहतर काम कर सकते हैं –
1. बच्चे का पेट रखें भरा
जब बच्चा रोता है तो यह पहली चीज है जो आपके दिमाग मे आती है कि कहीं बच्चा भूखा तो नहीं है। रोने के वक़्त सबसे पहले बच्चे को दूध पिलाये। यदि बच्चा भूख के लिये रोता है तो वह अपना हाथ चूसेगा, मुहँ से पानी निकालेगा, अपने होंठ को सूंघेगा और मुहं मे हाथ डालेगा आदि।
2. अपने खानपान का ध्यान रखें
आपके बच्चे के रोने के पीछे आहार संबंधी समस्याएँ हो सकती है। बच्चे के रोने के पीछे गैस और पेट दर्द जैसी समस्याएं भी हो सकती हैं। शिशु, वयस्कों की तुलना में खाना ज्यादा हजम नहीं कर पाते हैं, क्योंकि उनका पाचन तंत्र तब भी कमजोर रहता है। इसलिए पोषक तत्वों को उनके लिए पचाना मुश्किल हो सकता है। शिशु जब तक माँ का दूध पीता है, तब तक माँ को अपने आहार का ध्यान रखना चाहिए और कोई भी जरूरी बदलाव करने से पहले डॉक्टर से सलाह ले लेनी चाहिए।
3. बच्चे को अच्छे से लपेटें
बच्चे को अच्छे से कंबल या तौलिया में लपेट लें।कई डॉक्टर बच्चे को लपेटने की बात का समर्थन करते हैं। इससे नवजात शिशु को सुरक्षित महसूस होता है। यदि आप यह तकनीक काफी समय से अपना रहे है और तब भी बच्चा चुप नही हो रहा है तो उसे शांत जगह पर ले जाये और वहाँ पर सुलाने की कोशिश करें। यह बहुत मदद करता है।
4. बच्चे को ले जाए घुमाने
बच्चा अपने आस-पास की दुनिया को जानने के लिए उत्सुक रहता है। जब बहुत समय के लिए बच्चा चार-दिवारी में रहता है तो वह परेशान हो जाता है और रोने लगता है। इसके लिए आप अपने बच्चे को बाहर घुमाने के लिए ले जाएं, ताकि वह अपने आसपास की चीजों को देख सके। आप अपने बच्चे को घुमाने के लिए, उसके साथ बातचीत को बढ़ाने के लिये, अपने परिवार के लोगों की मदद भी ले सकते हैं। अपने बच्चे को पार्क या चिड़ियाघर की सैर पर ले जाना भी एक अच्छा विकल्प है।
5. नये दांतो की जांच करें
जब नवजात शिशु के दांत आते है तब दांतो को मसूडे से फूटने के लिये जोर लगता है जिससे बच्चा पीड़ा और चिड़चिड़ापन महसूस कर सकता है, और रोता है। यदि आपका शिशु दर्द में है और आप कारण पता नही लगा पा रहे है तो अपनी साफ उंगली से बच्चे के मसूड़ों को छुये । यदि वह फूले हुए लग रहे है तो अवश्य ही ये दांत आने की निशानी है। आप बच्चे की पीड़ा शांत करने के लिये उनके मसूड़ों को हल्के हल्के दबाये, या बच्चे को टीथर दे, आप बच्चे के मसूड़ों पर ठंडा कपड़ा भी लगा सकते है जिससे बच्चे को दर्द से आराम मिलेगा।
6. म्युज़िक थेरेपी का प्रयोग करें
रोते हुए बच्चे अक्सर मशीन, वैक्यूम क्लीनर या कुछ संगीत शैली से आरामदायक महसूस कर सकते है। पर्यावरण शोर की परवाह किये बिना नींद को प्रोत्साहित करने के लिये विशिष्ट ध्वनियो का उपयोग करें जैसे बारिश या सूदिंग समुद्र तट आवाज।
7. बच्चे के पैरों की कराएं एक्सरसाइज़
यदि आपका बच्चा चुप नही हो रहा है तो उसके पैरो से बाईक चलाने की कोशिश करे, जो उसे पेट की गैस से या दर्द से राहत दिला सकता है। आप बच्चे के दोनो पैरो को जान्घो के पास ले जा सकते है और पैरो को पेट के उपर आधे चक्र मे घुमा सकते है।
यदि आपका बच्चा चुप नहीं हो रहा है तो, उसके पैरो से बाईक चलाने की कोशिश करे, जो उसे पेट की गैस से या दर्द से राहत दिला सकता है। आप बच्चे के दोनो पैरों को जांघों के पास ले जाएं और पैरों को पेट के ऊपर आधे चक्र में घुमाएं।
इसके अलावा आप कुछ छोटी बातों का ध्यान रखकर भी शिशु को आराम दे सकती हैं और उसे शांत करा सकती हैं
इन सब तकनीकों से आपको यह सीखने मे मदद मिलती है कि आप अपने रोते हुए बच्चे को कैसे चुप करा सकते है या कैसे सुला सकते है,लेकिन फिर भी आपका शिशु लगातार रो रहा है तो आपको जरुरत है कि डॉक्टर से सलाह लें। बच्चे अक्सर शाम को परेशान करते हैं, इसकी वजह है कोलिक, ऐसे में उन्हें ग्राइप वाटर दिया जा सकता है। इस जानकारी को अधिक से अधिक शेयर करने में हमारी मदद करें।
Also Read In English – How to Calm a Crying Baby
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