16 May 2019 | 1 min Read
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बच्चे के आने की खुशी आपके जीवन का सबसे अच्छा समय होता है। वास्तव में, गर्भावस्था खुद को लाड़-प्यार जताने, खुश रखने और हर पल आनंद लेने का समय है। हालांकि, बहुत-सी महिलाओं के लिए गर्भावस्था में हार्मोन के बदलाव से भी त्वचा की समस्याएं पैदा हो जाती हैं। जैसे कि अक्सर मुंहासे निकलना, खुजली होना, चेहरे पर झाइयां और दाग-धब्बे हो जाना जो कि अस्थाई होते हैं मगर परेशानी पैदा करते हैं।
शुक्र है कि गर्भावस्था में स्किन केयर मुश्किल नहीं है। आप घरेलू चीजों का इस्तेमाल करके गर्भावस्था में और डिलीवरी के बाद भी अपनी त्वचा में सेहत की चमक बरकरार रख सकती हैं।
त्वचा में खुजली
गर्भावस्था के दौरान, खुजली का अनुभव करना आम बात है, खासकर पेट पर क्योंकि त्वचा में रक्त की आपूर्ति बढ़ जाती है। गर्भावस्था के दौरान त्वचा की देखभाल के लिए रासायनिक उत्पादों से बचना चाहिए। गर्भावस्था के दौरान अपनी त्वचा को मुलायम, कोमल और पोषित रखने के लिए प्राकृतिक उत्पादों जैसे कि एलोवेरा जेल, बादाम का तेल और नारियल तेल का उपयोग करना अच्छा रहता है। फ़ौरी राहत के लिए आप कैलामाइन लोशन का उपयोग भी कर सकती हैं। प्रभावित त्वचा पर ककड़ी के स्लाइस रखें जो ठंडक और आराम देंगे।
स्ट्रेच मार्क
कई गर्भवती महिलाओं को गर्भावस्था के दौरान पेट और स्तन पर खुजली होने से स्ट्रेच मार्क आने लगते हैं। लेकिन गर्भावस्था के दौरान त्वचा की उचित देखभाल से आप इन निशानों को हल्का ज़रूर कर सकती हैं।
महिलाओं के लिए नारियल तेल किसी जादू से कम नहीं है। नारियल तेल शरीर को मॉइस्चराइज करने, मेकअप हटाने के काम तो आता ही है और इसके रोज़ाना इस्तेमाल से स्ट्रेच मार्क के निशानों को भी एक हद तक खत्म किया सकता है।
याद रखें, आप गर्भावस्था के दौरान उच्च जोखिम वाली अपने पेट की त्वची पर टॉपिकल क्रीम लगा सकती हैं। गर्भावस्था में आपकी त्वचा के लिए नारियल तेल, जैतून तेल या एलोवेरा जेल जैसे नेचुरल मॉइश्चराइज़र ज्यादा फायदेमंद हैं।
रूखी-सूखी और फटी त्वचा
ज़रूरी नहीं है कि गर्भावस्था में हर महिला की त्वचा स्वस्थ और चमकती रहे। गर्भवती को रूखी-सूखी त्वचा, बालों के झड़ने, होंठ और एड़ियों के फटने की समस्या का सामना करना पड़ता है, ख़ासकर सर्दियों में। खुशकिस्मती से, आपको सूखी त्वचा के लिए कुछ गुणकारी उपचार आपको अपने किचन में ही मिल जाएंगे। दूध की मलाई, नारियल तेल और गेहूं के बीजों का तेल विशेष रूप से रूखी-सूखी और फटी त्वचा के लिए उपयोगी होते हैं। आप सूखापन को रोकने के लिए अपने निप्पल पर आवश्यक विटामिन और फ़ैटी एसिड के एक समृद्ध स्रोत गेहूं के बीजों का तेल भी लगा सकती हैं।
पिग्मेंटेशन और डार्क सर्कल्स
शरीर में हार्मोनल परिवर्तन के कारण, कुछ महिलाओं के गाल, माथे, गर्दन और कांख में दाग-धब्बे हो जाते हैं। जिसे क्लोस्मा कहते हैं। पिग्मेंटेशन और डार्क सर्कल्स यानी दाग-धब्बों को कम करने के लिए दिन में दो-तीन बार खीरे के रस में नींबू के रस मिलाकर इन पर लगाएं। त्वची पर बन गई पपड़ी को हटाने के लिए ओट में शहद मिलाकर मास्क भी इस्तेमाल कर सकती हैं। हल्दी और कच्चे दूध से बने फेसपैक भी धब्बों को हल्का करने के काम आते हैं। हल्दी में विशेष रूप से, एंटीसेप्टिक और सूजन-विरोधी गुण होते हैं। इसलिए इसका उपयोग मुंहासेवाली त्वचा के इलाज के लिए भी कर सकती हैं। दही में हल्दी मिलाकर चेहरे पर लगाने से त्वचा का रंग निखर उठता है। स्ट्रेच मार्क को हल्का करने के लिए भी इसे लगाया जा सकता है।
चिंता न करें, खुश रहें!
अगर आप सेहतमंद खाना खाती हैं, अपनी त्वचा की अच्छी देखभाल करती हैं और सक्रिय रहती हैं तो गर्भावस्था तनावपूर्ण नहीं रहती है। इस दुनिया में एक नन्ही-सी जान को लाते समय आपको मितली, थकान, शरीर में भारीपन महसूस कर सकती हैं, जो मां बनने की यात्रा के शानदार पड़ाव हैं। अपनी दिनचर्या में छोटे बदलाव लाकर आप गर्भावस्था को बहुत अधिक आरामदायक और सुखद बना सकती हैं।
गर्भावस्था के दौरान त्वचा की प्राकृतिक देखभाल के ऊपर दिए गए उपायों के अलावा, हम यह भी सलाह देते हैं कि कब्ज, मूत्राशय के संक्रमण को रोकने के लिए और सेहत से भरपूर दमकती त्वचा पाने के लिए हाइड्रेटेड रहें, भरपूर पानी पीएं! धूप में बाहर निकलने से पहले सनस्क्रीन लगाना न भूलें!
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