15 May 2019 | 1 min Read
Kanu
Author | 13 Articles
खाना खाते समय बच्चों का उधम मचाना, खाने में नख़रे दिखाना यह एक आम बात है।
मांओं को बच्चों को खाना खिलाने में परेशानी तो ज़रूर होती होती है मगर देखा जाए तो यह बच्चों के विकास का सामान्य हिस्सा है। जब बात खाने की आती है तो इस मामले में बच्चे अपनी पसंद-नापसंद जाहिर करने की आज़ादी लेते हैं। इस बारे में वे अपने आस-पास के माहौल से भी सीखते हैं। अगर घर का कोई सदस्य किसी भोजन को खाने से इंकार करता है तो बच्चा भी वैसा करता है। बच्चों को कभी-कभी परोसे गए खाने का रंग पसंद नहीं आता तो कभी खाने की बनावट पसंद नहीं आती है। कभी बच्चे अपने किसी खेल में मगन रहते हैं या उनका ध्यान भागने-फिरने में होता है तो ऐसे में खाने की ओर उनका ध्यान ही नहीं जाता। तब वे खाने में नखरे करते हैं। और यह आपके बच्चे के सेहतमंद होने की निशानी है। इसलिए आप घबराएं नहीं। अच्छी खबर यह है कि जैसे-जैसे बच्चे बड़े होते जाते हैं, तरह-तरह के भोजन देखकर- पहचान कर उनके नख़रे कम होते जाते हैं।
मैं पिछले दो महीनों से मैं भी ऐसे ही हालातों से गुज़री हूं। मेरा नन्हा रोटी के अलावा लगभग हर चीज को खाने से इंकार कर रहा था। मैंने उसको खिलाने के लिए कटलेट, पैनकेक, स्मूदी और सूप जैसे कई नई-नई चीजें आजमाईं पर कुछ काम नहीं आया। फिर मैंने काफी सोच-विचार किया, कुछ इधर-उधर से पढ़ा और मुझे तीन बातें समझ आईं। यहां वे तीन टिप्स हैं जो आपके बच्चे में खाने के प्रति रुचि जगाएंगे।
खाने की तैयारी में शामिल करना: जी हां, आपने सही पढ़ा है। भोजन की तैयारी में उन्हें शामिल करने से वे जिस खाने को पहले मना करते थे अब उसे खाने की उनकी इच्छा जागेगी। मुख्य रूप से सब्जियां खिलाने में ये आइडिया काम कर सकता है। इसलिए हरी सब्जियां, जैसे पालक, मेथी, मटर, भिंडी आदि काटते समय उनको भी काम दें ताकि वे जान सकें कि पत्तियों को तने से कैसे निकाला जाए और अलग किया जाए। उन्हें पत्तियों को आपको देने के लिए कहें। इसमें उन्हें मज़ा आएगा। मैंने एक-दो बार अनायास ही किया और यह आइडिया काम कर गया। मेरा बच्चा पालक की सब्जी खाने को उत्सुक था क्योंकि उसे लग रहा था कि इसे बनाने में उसने भी साथ दिया है। यह आपके बच्चे को कुछ समय के लिए व्यस्त रखने का यह एक नया तरीका है।
इसे मजेदार बनाएं: मुझे अपने बच्चे के साथ यह बेहद उपयोगी लगा क्योंकि हमारे बच्चे भी बदलाव की तलाश में रहते हैं। कोई भी रोज एक जैसा खाना खाकर बोर हो जाता है। इसलिए हर रोज कोई नई डिश ट्राय करें। खाने के रंग भी हर समय कुछ अलग होना चाहिए। खाना सर्व करते समय उसे सजाएं भी। और बच्चे को जोशीले ढंग से आज के भोजन की विशेषताएं और खाने के फायदे भी बताएं। बच्चे को किताबों में से भोजन का उदाहरण देकर दिखाएं।
भूख लगने दें: बच्चों को खिलाने की जल्दबाजी से बचें। उन्हें भूख लगने दें। खाना लेकर बच्चों के पीछे भागने के बजाए उन्हें भूख-भूख चिल्लाने दें। जब कड़ी भूख लगेगी तो वो खाने में ज्यादा नखरे नहीं करेंगे। हमें लगता है कि हम जैसे ही कहेंगे वे खाने के लिए दौड़े चले आएंगे। ऐसा होता नहीं है। बच्चे अपने खेलों में मगन रहते हैं और जब भूख बर्दाश्त के बाहर हो जाती है तो खाने के लिए दौड़े चले आते हैं। अच्छा होगा कि आप उसके भूख लगने का समय पहचानें उसे आधे घंटे पहले खाने को कहें तब जाकर वह खाने आएगा और खाने की पसंद-नासपंद पर भी गौर करें। प्यार और समझदारी से काम लें तो बच्चा कभी खाने में नख़रे नहीं करेगा।
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