एक नवजात शिशु के लिये,स्पर्श की भावना कई चीजों का प्रतीक हो सकती है । वह इतना छोटा है कि वह अपनी भावनाएं बताने के लिये न तो शब्दो और न ही इशारो का उपयोग कर सकता है । यह संचार के लिये एक मजबूत उपकरण के रूप मे काम करता है । नवजात शिशु की मालिश करने से आप अपने शिशु को शांत और आराम देने के लिये स्पर्श की भावना को उपयोग कर सकते है । यह बच्चे की मांसपेशियो को मजबूत बनाता है,इसके अलावा मालिश माता-पिता का शिशु के साथ प्यार भरा बंधन बनाता है । नवजात शिशु की मालिश के कई लाभ है,इसलिये हमारी नानी हमेशा मालिश के लिये कहती है हालांकि कुछ माता-पिता के लिये मालिश करना डरावना हो सकता है । यहां कुछ हाथ से युक्तिया और तरकिबे बतायी गयी है ताकि आप इसे आसानी से कर सकें ।
नवजात शिशुओं की मालिश के लाभ
हर माता-पिता के लिये शिशु की मालिश के लाभो को समझना बहुत आवश्यक है यहां आपके नवजात शिशु के लिये मालिश के कुछ शेष फायदे दिये गये हैः
- मालिश करने से उत्पन्न उत्तेजना आपके नवजात शिशु के सामाजिक और मनोवैज्ञानिक विकास को बढ़ाने में मदद करती है । माता-पिता के साथ एक मजबूत बंधन स्थापित करती है ।
- मालिश शिशुओं में ऑक्सीटॉक्सीन के स्तर को बढ़ाने में मदद करता है,यह प्राकृतिक तनाव बूस्टर के रूप में कार्य करता है यह शरीर की मांसपेशियो को सुखदायक बनाने में मदद करता है ।
- आराम और त्वचा की उत्तेजना एक मालिश द्वारा लायी गयी मदद से शिशुओ को बेहतर नींद आती है । जरा सोचिए बॉडी मसाज और स्पा के बाद आप नींद में कैसे बह जाते है । आपका बच्चा अलग नही है ।
- जब भी बच्चे को गैस हो जाये तो पेट की मालिश करने से यह दर्द को कम करने में उपयोगी है,जो नवजात शिशुओ के लिये एक आम समस्या है ।
- यह बच्चे की तंत्रिका तंत्र और मोटर कोशल के विकास को बढ़ाने और रक्त संचरण में सुधार करने में मदद करता है ।
नवजात शिशु की मालिश के लिये सबसे अच्छा समय कोनसा हैः
नवजात शिशु को मालिश करने का सबसे अच्छा समय तब होता है जब वे आराम,सतर्क और चंचल मनोदशक में होते है । यह पैटर्न निश्चित रूप से बच्चे के सोने और खिलाने के आधार पर अलग होता है । बच्चे को दूध पिलाने से पहले या बाद में मालिश न करें क्योंकि इससे पाचन और उल्टी हो सकती है । नहाने से पहले या नहाने के बाद मालिश करना चुन सकते है । यह शिशुओं में बेहतर नींद के लिये मददगारहै । सोने से पहले भी अत्यधिक लाभकारी है ।
कैसे नवजात शिशु को मालिश करेः
- अब आप नवजात शिशु की मालिश के लाभो के बारे में जान चुके है और अपनी दिनचर्या में जिसके लिये सही समय निकाल चुके है तो यहां कुछ उपयोगी टिप्स दिये गये हैः
- मालिश करने से पहले अपने बच्चे के पेट पर या कान के पीछे हल्का सा रगड़ कर देखें की वह कैसा महसूस कर रहा है । यदि आपका शिशु असहज या चिड़चिड़ा महसूस करता है तो आज मालिश नही करिये ।
- यदि आपका बच्चा सहवास करता है तो आपके पास यह हरी झंडी है । पसलियो के ठीक नीचे बच्चे के पेट की मालिश करना शुरू करें । ज्यादा दबाव न दे अपनी उगंलियो को एक गोलाकार गति में ले जायें यह बेबी बैली की मालिश के लिये सही तकनीक है । यह पाचन,गैस,अम्लता या शूल से छुटकारा दिलाता है ।
- बच्चे के पैरो को धीरे-धीरे मालिश करें । आप जांघो की मांसपेशियों पर हल्का दबाव डाल सकते है लेकिन घुटनो और हड्डियो पर नही,धीरे-धीरे बच्चे के पैरो को उनके पेट की और धकेलें और उन्हे वापस स्थिति में लायें ।
- कोमलता से ऊपर की और स्टोक दे और पैरो की मालिश करें,प्रत्येक पैर के सिरे को हल्के से दबायें और फिर अपनी उंगलियों को घुमाकर पैर की उंगलियों को सहलाये । हिल्स के लिये भी इसे दोहरायें । हाथो के लिये भी यह मालिश तकनीक अपनायी जा सकती है ।
- बच्चो की बांहो की मालिश करते समय,अपनी मध्यमा और अंगुठे के साथ एक अंगुठी बनायें और कोहनी के चारो और हल्के से नीचे की ओर खिसकायें,फिर वापस ऊपर ले जाये इसे वापस कई बार दोहरायें ।
- अब बच्चे को पेट के बल लेटायें उनके सिर को एक तरफ रखे और पीठ की मालिश करें और अपने हाथो को गोलाकार गतियो में घुमाये,टेलबोन से कंधो तक और पीछे जाये ।
- इस स्थिति में बच्चे के सिर के पीछे धीरे से मालिश करें अब उन्ह पीठ के बल लेटायें और माथे की मालिश करें । सिर के नरम स्थान के आसपास सतर्क रहें क्योंकि सिर की हड्डियो को अभी भी जुड़ने के लिये समय है और यह स्थान बहुत कमजोर है ।
- इससे पहले भी आप बच्चे को फिर से पकड़े, अपने हाथो को साफ करें ताकि चिकनाई से छुटकारा मिले और अब बच्चे के शरीर को एक नरम कपड़े से पौंछ दें ।
आपके बच्चे को कम से कम एक बार मालिश जरूर करें जबतक वे एक वर्ष के न हो जाये आप चाहे तो आगे भी मालिश कर सकते है यदि आप और आपका बच्चा उसका आनंद लेते है ।
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